बिन मांगे मोती मिले निबंध Bin mange moti mile essay in hindi

Bin mange moti mile essay in hindi

Bin mange moti mile – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बिन मांगे मोती मिले पर लिखे निबंध के बारे में बताने जा रहे हैं । तो चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और इस बेहतरीन , जबरदस्त आर्टिकल को पढ़कर बिन मांगे मोती मिले पर लिखे निबंध के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करते हैं ।

Bin mange moti mile essay in hindi
Bin mange moti mile essay in hindi

बिन मांगे मोती मिले के बारे में – बिन मांगे मोती मिले मांगे मिले ना भीख यह एक वाक्य  है जिसका अर्थ है जो व्यक्ति हमेशा दूसरों से मांगता रहता है , दूसरों से मदद की इच्छा करता है वह व्यक्ति हमेशा मांगता ही रहता है और जो व्यक्ति कुछ मांगने में विश्वास नहीं करता है उस व्यक्ति को बिन मांगे सब कुछ मिल जाता है । हमेशा मांगने वाले को कम ही मिलता है जबकि नहीं मांगने वाले को सब कुछ मिल जाता है । कहने का तात्पर्य यह है कि मांगने से ज्यादा अपनी काबिलियत पर विश्वास रखना चाहिए ।अपनी मेहनत और लगन से काम करके सफलता प्राप्त करना चाहिए ।

जो व्यक्ति मेहनत करके सफल इंसान बनता है उसको वह सब कुछ मिल जाता है जिस चीज की वह कल्पना करता है । वह व्यक्ति जो अपनी किस्मत के भरोसे बैठकर भगवान की आराधना करते हुए भगवान से यह मांगता है कि हे भगवान मेरी किस्मत को बदल दो । मैं दुनिया में सफलता प्राप्त करके एक अमीर आदमी बन जाऊं उस व्यक्ति को देखकर भगवान भी यह सोचता होगा कि जब मैंने तुझे बनाया तो  तुझ में किसी भी तरह की कोई कमी नहीं रखी थी । इंंसान वह सब कुछ कर सकता है जो इंसान करना चाहता है । पर इंसान मांगने में विश्वास करता है , किस्मत के भरोसे बैठकर अपने समय को बर्बाद करता है ।

यदि इंसान मांगना छोड़ कर मेहनत करके एक सफल इंसान बनने की कोशिश करें तो इंसान वह सब कुछ प्राप्त कर सकता है जो इंसान प्राप्त करना चाहता है । जो व्यक्ति भीख मांगता है उसे भिख नहीं मिलती और जो व्यक्ति अपने लिए अपने सपनों के लिए  मेहनत करता है वह व्यक्ति सफल व्यक्ति बनता है और उस व्यक्ति को बिन मांगे सब कुछ मिल जाता है । भारत के कई गुरु महाराज के द्वारा कथा में लोगों को बताया जाता है कि जो व्यक्ति धन एकत्रित करने में दूसरों से मांग मांग कर अपना गुजारा करता है । वह अपने जीवन को कभी भी सफल नहीं बना पाता है ।

एक अच्छा इंसान बनने के लिए भगवान की आराधना करने के साथ-साथ कर्म करना चाहिए और कर्म करते समय फल की प्राप्ति का विचार मन में नहीं आना चाहिए क्योंकि हम जो कर्म करते हैं उसी कर्म से हमें फल की प्राप्ति होती है । कुछ व्यक्ति ऐसे होते हैं जिनके पास वह सब कुछ होता है जिस चीज की इंसान कल्पना करता है और कुछ व्यक्ति ऐसे होते हैं जिनके पास कुछ भी नहीं होता है वह मांगने में विश्वास रखते हैं । बिन मांगे मोती मिले मांगे मिले भिख एक छोटे से वाक्य का बहुत बड़ा अर्थ है । जो व्यक्ति इस अर्थ को समझ गया वह व्यक्ति एक सफल इंसान अवश्य बनता है ।

यदि हम भगवान से कुछ मांगना चाहते हैं तो हमें भगवान से धन दौलत , रुपया पैसा ना मांगते हुए भगवान से  सद्बुद्धि मांगना चाहिए । भगवान से यह मांगना चाहिए कि हे भगवान हमें सद्बुद्धि दो कि हम अच्छे अच्छे कर्म करें , हमारे द्वारा किसी व्यक्ति का अहित ना हो और हम सभी लोगों को साथ मिलकर कार्य करें , दूसरे लोगों के कल्याण के लिए हम हमारा महत्वपूर्ण योगदान दें । इस तरह की सोच रखने वाले व्यक्ति के पास वह सब कुछ होता है जो एक सफल इंसान के पास होता है । पैसों से चीजें खरीदी जा सकती है पर एक स्वस्थ जीवन नहीं खरीदा जा सकता है । हमारा शरीर स्वस्थ रहे हमारा परिवार स्वस्थ रहें इसके लिए हमें कर्म करते रहना चाहिए और पोस्टिक आहार करते रहना चाहिए ।

पैसो के पीछे दौड़ लगाकर व्यक्ति अपने आप को कमजोर करता है । वह अपने टैलेंट को भूल जाता है । जब वह असफल हो जाता है तब भगवान को कोसता है कि हे भगवान मैं इतनी मेहनत कर रहा हूं पर मुझे कुछ प्राप्त ही नहीं हो रहा है । मेरे पड़ोस में जो व्यक्ति रहता है वह कुछ भी नहीं करता है फिर भी उसके पास वह सब कुछ है जो एक सफल इंसान के पास होना चाहिए । यही सोच इंसान की सबसे बड़ी कमजोरी होती है । वह दूसरों को देखकर कार्य करता है । जो व्यक्ति दूसरों के जैसा बनना चाहता है वह कभी भी एक सफल इंसान नहीं बन सकता है । यदि व्यक्ति को सफलता प्राप्त करनी है और एक सफल इंसान बनना है तो उसे वही करना चाहिए जो सही है और उसका दिल उस कार्य को करने के लिए कहता है ।

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