भगत सिंह 14 फरवरी की पूरी जानकारी Bhagat singh 14 feb history in hindi

Bhagat singh 14 feb history in hindi

दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से भगत सिंह 14 फरवरी की पूरी जानकारी दे रहे हैं । चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और इस आर्टिकल को पढ़कर 14 फरवरी की पूरी जानकारी हासिल करते हैं । भगत सिंह , राजगुरु , सुखदेव ऐसे स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने भारत को स्वतंत्र कराने में अपने प्राणों की आहुति दे दी थी ।

bhagat singh 14 feb history in hindi
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यह तीनों ऐसे योद्धा थे जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी थी । तीनों देशभक्त फांसी पर चढ़ गए थे । 14 फरवरी के दिन कई देशों में वैलेंटाइन डे मनाया जाता है । उस दिन एक मैसेज वायरल हुआ की 14 फरवरी 1931 को भगत सिंह , राजगुरु और सुखदेव को शाम के 7:30 बजे फांसी दी गई थी । जो मैसेज वायरल हुआ था उस मैसेज में यह लिखा था कि 14 फरवरी को कोई भी युवा वैलेंटाइन डे नहीं मनाए ।

14 फरवरी  को सभी भगत सिंह , सुखदेव और राजगुरु को याद करें , उनको श्रद्धांजलि अर्पित करें क्योंकि यह हमारे वीर पुरुष हैं । इस मैसेज की खबर पूरी तरह से झूठी थी ।सच्चाई तो यह है कि भगत सिंह , राजगुरु और सुखदेव को 23 मार्च 1931 को लाहौर की एक जेल में फांसी दी गई थी । 14 फरवरी को पंडित मालवीय ने सरकार को एक खत लिख कर भगत सिंह , राजगुरु और सुखदेव की सजा माफ करने की अपील की थी ।

जब भगत सिंह को असेंबली में बम फेंकने के जुर्म में गिरफ्तार किया गया था तब भगत सिंह को लाहौर की एक जेल में बंद कर दिया गया था । भगत सिंह के साथ उस जेल में  बटुकेश्वर को भी बंद किया गया था । जब भगत सिंह एवं बटुकेश्वर ने यह देखा कि वहां के ब्रिटिश सैनिक कैदियों पर अत्याचार कर रहे हैं तब दोनों ने ब्रिटिश सैनिक के खिलाफ आवाज उठाई ।

भगत सिंह और बटुकेश्वर ब्रिटिश सैनिकों के अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने के लिए भूख हड़ताल पर बैठ गए थे क्योंकि जेल में उनको अच्छा खाना नहीं दिया जाता था , उनके साथ दुर्व्यवहार किया जाता था । भगत सिंह के द्वारा जेल से कई बार अपील की गई थी कि उनके साथ जेल के अंदर दुर्व्यवहार किया जा रहा है ।

भगत सिंह की अपील पर ही पंडित मालवीय ने 14 फरवरी को चिट्ठी लिखकर सरकारी एवं ब्रिटिश शासन को यह आग्रह किया था कि भगत सिंह और बटुकेश्वर पर जो जेल में अन्याय किया जा रहा है वह ना किया जाए और भगत सिंह और बटुकेश्वर की सजा को माफ कर दिया जाए । जो मैसेज वायरल हुआ था वह झूठा मैसेज है क्योंकि भगत सिंह , सुखदेव एवं राजगुरु को 14 फरवरी को फांसी नहीं दी गई थी ।

भगत सिंह , राजगुरु , सुखदेव को 23 मार्च 1931 को फांसी दी गई थी । भगत सिंह , राजगुरु , सुखदेव को लाहौर जेल में फांसी दी गई थी । तीनों स्वतंत्रता सेनानियों को याद करने के लिए 23 मार्च 1931 को जयंती भी मनाई जाती है । उस दिन इनको याद किया जाता है । भगत सिंह , सुखदेव एवं राजगुरु को फांसी  24 मार्च 1931 को सुबह के समय दी जाना थी ।

परंतु ब्रिटिश अधिकारियों ने 23 मार्च 1931 को शाम के 7:30 बजे तीनों को 1 दिन पहले ही फांसी पर लटका दिया गया था । तीनों स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह , सुखदेव , राजगुरु हंसते-हंसते फांसी पर झूल गए थे । फांसी पर  जब उनको लटकाया गया तब वह  मुस्कुरा रहे थे । उन तीनों के चेहरे से ऐसा प्रतीत हो रहा था कि वह कह रहे हो कि हम चले  कर विदा साथियों अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों ।

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