बरमूडा त्रिभुज की जानकारी व् इतिहास Bermuda triangle history in hindi
Bermuda triangle history in hindi
Bermuda triangle – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बरमूडा त्रिभुज की जानकारी व् इतिहास बताने जा रहे हैं । तो चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और इस आर्टिकल को पढ़कर बरमूडा त्रिभुज की जानकारी व् इतिहास के बारे में जानते हैं ।

बरमूडा त्रिभुज के बारे में – बरमूडा त्रिभुज एक ऐसा स्थान है जिस स्थान पर कई जहाज और विमान गायब हो चुके हैं । बरमूडा त्रिकोण एवं बरमूडा त्रिभुज उत्तर पश्चिम अटलांटिक महासागर का एक सबसे बड़ा रहस्यमई क्षेत्र है । कई लेखकों ने बरमूडा त्रिकोण के बारे में यह कहा है कि बरमूडा त्रिकोण की आकृति उल्लेख से भिन्न है । बरमूडा त्रिकोण के एक लेखक के अनुसार यह बताया गया है की बरमूडा त्रिकोण से जुड़ी अद्भुत घटनाओं के दस्तावेज प्रस्तुत करने वाला पहला व्यक्ति क्रिस्टोफर कोलंबस है ।जिसने बरमूडा त्रिभुज पर एक अद्भुत रोशनी देखी थी ।
जिसके बाद बरमूडा त्रिभुज पर एक रिसर्च किया गया था । एरीजोना स्टेट यूनिवर्सिटी के एक शोध पुस्तकालय के अध्यक्ष बरमूडा ट्रंगल मिस्त्री लॉरेंस डेबिट कुस्चे ने इस रहस्य को चुनौती दी थी । बरमूडा त्रिभुज का यह रहस्य काफी पुराना है । आज विज्ञान काफी उन्नति प्राप्त कर चुका है । परंतु बरमुडा रहस्य को पहचानने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है । बरमूडा त्रिकोण जो नॉर्थ अटलांटिक महासागर का एक बहुत बड़ा हिस्सा है ।जिसमें कई रहस्यमई घटनाएं छुपी हुई हैं । यह बरमूडा त्रिकोण समुद्र से तकरीबन 1300000 स्क्वायर फुट के एरिया में फैला हुआ है ।
बरमूडा त्रिकोण से गुजर कर जो भी जहाज या विमान जाता है वह गायब हो जाता है ।बरमूडा त्रिकोण पर कंपास भी काम करना बंद कर देते हैं । बरमूडा त्रिकोण पर कई लोगों की जान भी जा चुकी है ।कई लोगों ने यहां पर जाने के बाद अपने अपने अनुभव साझा भी किए हैं । 1945 मे हुई घटना बरमूडा त्रिभुज की सबसे बड़ी घटना थी । जिस घटना के कारण बरमूडा त्रिकोण पर कई लोगों की जान चली गई थी । 5 दिसंबर 1945 के समय जब सैनिकों के अभ्यास के लिए 14 नेवी एक विमान में सवार होकर निकले थेे तब एक घंटा 45 मिनट का समय गुजर गया था ।
जब इस विमान का संपर्क टूट गया था तब इस विमान के लीडर चारलेस सी टेलर ने कंट्रोल टावर से संपर्क बनाया और रेडियो के माध्यम से कंट्रोल टावर को यह मैसेज दिया कि उनके साथ में कुछ अजीब अजीब घटनाएं हो रही है । जिसके कारण सभी परेशान हैं और कंपास भी काम नहीं कर रहा है । जिसके बाद वह विमान गायब हो गया था । इसके बाद एक विमान को सैनिकों को खोजने के लिए भेजा था । परंतु वह विमान भी गायब हो गया था । इस विमान में 13 मेंबर्स गए हुए थे । जिनका आज तक कुछ भी पता नहीं चला है ।
इस तरह से बरमूडा त्रिकोण पर कई लोगों की जान जा चुकी है । अमेरिका के कुछ वैज्ञानिकों ने इस रहस्य पर कुछ रिसर्च भी किए हैं । कुछ लोगों का यह भी मानना है कि यहां पर कुछ अद्भुत शक्तियां हैं । परंतु वैज्ञानिकों का यह मानना है कि बादलों की सुरंग से कुछ भवंडर उठता है जिस भवंडर में काफी तूफान उठता है ।जिस भवंडर में विमान के कंपास काम करना बंद कर देते हैं और विमान अपनी दिशा खो देता है । साइंटिस्ट इस भवंडर को इलेक्ट्रॉनिक फोग कहते हैं । जो समुद्र की लहरों से उठता है और आसमान तक पहुंचते-पहुंचते यह इलेक्ट्रॉनिक फॉग एक भयानक भवंडर का रूप ले लेता है और विमान और जहाज इसकी लपेट में आ जाते हैं ।
बरमूडा के इस रहस्य को लेकर कई किताबें भी लिखी गई हैं । लोगों की बरमूडा के रहस्य को लेकर लगाव को देखते हुए बरमूडा रहस्य पर एक फिल्म भी बनाई गई है ।वैज्ञानिकों के द्वारा कई रिसर्च बरमुडा रहस्य पर किए गए हैं । अमेरिका के एक वैज्ञानिक ने बरमुडा रहस्य पर यह तर्क दिया है कि समुद्र तट पर 273 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से जो हवा चलती है , जिसके कारण जो तूफान उत्पन्न होता है वही इस रहस्य का सबसे बड़ा कारण है । वैज्ञानिक ने इस नए तूफान को एयर बम कहकर संबोधित किया है ।
वैज्ञानिक का कहना था कि जब इतनी तेज हवा चलती है तब हवा के दबाव के कारण समुद्र की जो लहरें हैं वह लहरें 45 फुट ऊंची उठने लगती हैं । जिसके कारण वह लहरें जहाज को ढुुबो देती हैं । वैज्ञानिकों का यह भी तर्क था कि बादलों का एक विशाल पैटर्न होता है जो शनि ग्रह पर स्थित एक उत्तरी ध्रुव पर जो बादल पाए जाते हैं उन बादलों से मेल खाता है । इसके कारण यह भवंडर उठता है । कुछ लोग बरमूडा त्रिकोण को शैतानी त्रिकोण भी कहते हैं क्योंकि कई घटनाएं इस जगह पर हो चुकी हैं । जो भी घटना इस जगह पर हुई हैं उन घटनाओं के सबूत भी नहीं मिलें हैं ।
पहला जो जहाज इस जगह पर गायब हुआ था उस जहाज का एक भी टुकड़ा अभी तक नहीं मिला है । ना ही किसी व्यक्ति के मिलने की खबर है । एक दुर्घटना को छोड़कर जितनी भी दुर्घटना हुई है उन सभी दुर्घटनाओं का खुलासा नहीं हो पाया है । बरमूडा त्रिकोण पर 1492 में हुई घटना के समय जब क्रिस्टोफर कोलंबस जहाज में सवार होकर इस त्रिकोण स्थल से गुजर रहे थे तब उनको वहां पर एक चमत्कारी लाइट दिखाई दी थी और बिना हवा के पानी की लहर भी दिखाई दी थी । उनके पास जो कंपास था उस कंपास ने काम करना बंद कर दिया था और कई अद्भुत घटनाएं भी उनके साथ हुई थी ।
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