बतुकम्म त्योहार का इतिहास एवं महत्व Bathukamma festival history in hindi
Bathukamma festival history in hindi
दोस्तों आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बतुकम्म त्योहार का इतिहास एवं महत्व के बारे में बताने जा रहे हैं । चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और बतुकम्म त्योहार के इतिहास को पढ़ते हैं ।

बतुकम्म त्योहार आंध्र प्रदेश के तेलंगाना क्षेत्र में बडे धूमधाम से मनाया जाता है । इस त्योहार का तेलंगाना में बड़ा ही महत्व है । भारत देश में वैसे तो कई त्योहार मनाए जाते हैं । हर जाति धर्म के लोग अपने त्योहार बड़े धूमधाम से मनाते हैं । उसी तरह से आंध्र प्रदेश के तेलंगाना क्षेत्र में यह त्योहार बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है । यह त्योहार आंध्र प्रदेश की महिलाएं बड़े ही धूमधाम से मनाती हैं । यह त्योहार तेलंगाना क्षेत्र में पूरे 9 दिनों तक मनाया जाता है ।
बतुकम्म का त्योहार पूरे तेलंगाना क्षेत्र की संस्कृति एवं परंपरा को दर्शाता है । पूरे शहर को फूलों से सजाया जाता है । यह त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है । इस त्योहार का इतिहास 1000 साल पुराना है । यह त्योहार नवरात्रि की अष्टमी के दिन बड़े धूमधाम से मनाया जाता है । यह त्योहार सितंबर अक्टूबर के महीने में मनाया जाता है । इस त्योहार के दिन माता पार्वती की पूजा की जाती है । इस त्योहार का बड़ा ही महत्व है । पूरे तेलंगाना क्षेत्र में महिलाएं इस दिन व्रत रखती हैं और माता पार्वती जी की पूजा अर्चना करती हैं ।
पूरे शहर को फूलों से सजाया जाता है । शंकर भगवान एवं पार्वती माता की पालकी निकाली जाता है । यह पूजा 9 दिनों तक चलती है । महिलाएं अपने घर एवं आंगन को गोबर से लिपती हैं एवं साफ सुथरा रखती हैं । सुबह उठकर महिला सबसे पहले घर के दरवाजे पर रंगोली बनाती हैं । घर के आंगन को फूलों से एवं रंगोली के द्वारा सजाया जाता है । वहां पर चावल के आटे से रंगोली बनाने का सबसे बड़ा महत्व है । इस दिन सभी घरों में बाहर से नए नए फूल लेकर आते हैं ।
वह मंदिरों में एवं भगवान के चरणों में चढ़ाए जाते हैं । बतुकम्म के त्योहार के दिन सभी बड़ी खुशियांं मनाते हैं , नए नए कपड़े पहनते हैं और माता पार्वती की पूजा करतेे हैंं । वहां की सभी महिलाएं मिलकर एक घेरा बनाकर गाना गाती हैं , गीत गाती हैं । इस त्योहार की सबसे ज्यादा खुशी यहांं केे लोगों को होती है । पूरे 9 दिन बाजारों में भीड़-भाड़ देखने को मिलती है । वहांं की महिलाएं एवं लड़कियां सज धज कर माता की पूजा करती हैं । सभी महिलाएं एवं लड़कियां सज धज कर मंदिरों में घूमनेेे के लिए जाती हैं ।
पूरेेे 9 दिनों तक बतुकम्मा की पूजा की जाती है । आखरी दिन बतुकम्म को पानी में विसर्जित कर दिया जाता है । पूरे 9 दिनों तक बड़े धूमधाम से यह त्योहार मनाया जााता है । 9 दिनों तक बाजारों में रौनक ही रौनक दिखाई देती है , बाजारों को फूलों से सजाया जाता है । यह कहा जाता है कि यह त्योहार ऋतु परिवर्तन के उपलक्ष मेंं मनाया जाता है ।बतुकम्म महोत्सव को ऋतु महोत्सव भी कहा जाता है ।
यह त्योहार आंध्र प्रदेश की तेलंगाना क्षेत्र कि हिंदू धर्म की महिलाएं बड़े ही धूमधाम से मनाती हैं । यह त्योहार पूरे 9 दिनों तक हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है । शाम के समय सभी महिलाएं बतुकम्म की मूर्ति रखकर नृत्य करती हैं एवं गीत गाती हैं ।
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