बरसाना मंदिर का इतिहास Barsana temple history in hindi
Barsana temple history in hindi
Barsana temple – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बरसाना मंदिर के इतिहास के बारे में बताने जा रहे हैं । तो चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और इस आर्टिकल को पढ़कर बरसाना मंदिर के इतिहास के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करते हैं ।
बरसाना मंदिर के बारे में – बरसाना मंदिर भारत देश का सबसे प्राचीन मंदिर है जिस मंदिर से भारतीय लोगों की आस्था जुड़ी हुई है । जिस मंदिर के दर्शनों के लिए दूर-दूर से पर्यटक आते हैं और इस मंदिर के दर्शन करके अपने जीवन में आनंद प्राप्त करते हैं । भारत देश से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी पर्यटक इस मंदिर के दर्शनों के लिए आते हैं । जब विदेशों से पर्यटक इस मंदिर की सुंदरता को देखते हैं तब वह अपने जीवन में आनंद खुशी प्राप्त करते हैं । भारत देश का यह बरसाना मंदिर बरसाना के बीचों बीच स्थित पहाड़ी पर बना हुआ है ।
जिस मंदिर के निर्माण के बारे में ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 1675 में राजा वीर सिंह के द्वारा कराया गया था । जब इस मंदिर का निर्माण कराया गया तब इस मंदिर की सुंदरता के लिए जाने-माने कलाकारों को बुलाया गया था जिन कलाकारों के द्वारा इस मंदिर की सुंदरता में चार चांद लगाए गए थे । उनकी कला और नक्काशी से इस मंदिर की खूबसूरती आज भी अद्भुत और चमत्कारी दिखाई देती है । बरसाना का यह अद्भुत चमत्कारी मंदिर ढाई सौ मीटर ऊंची एक पहाड़ी पर बना हुआ है जिस मंदिर के दर्शनों के लिए सभी भक्तों को सीढ़ियों से चढ़ाई कर के ऊपर जाना पड़ता है ।
जब भक्तगण सीढ़ियां चढ़कर ऊपर बरसाना मंदिर के दर्शन करने के लिए पहुंचता है तब वह राधा रानी के दर्शन करके अपने जीवन में आनंद प्राप्त करता है । बरसाना का यह अद्भुत चमत्कारी मंदिर राधा रानी के लिए समर्पित है । भगवान श्री कृष्ण की प्रेमिका राधा जी का यह मंदिर काफी सुंदर मंदिर है । इस मंदिर को देखने के बाद आनंद की प्राप्ति होती है । इस मंदिर पर भक्तगण प्रतिदिन जाकर इस मंदिर पर कीर्तन करके अपने जीवन में आनंद प्राप्त करते हैं । जब 1675 में राजा वीर सिंह के द्वारा इस मंदिर का निर्माण कराया गया तब आसपास के लोगों के द्वारा भी राजा वीर सिंह की सहायता की गई थी ।
राजा वीर सिंह ने सभी लोगों का साथ प्राप्त करके इस मंदिर का भव्य निर्माण कराया था । राजा वीर सिंह ने इस मंदिर का निर्माण पहाड़ी पर इसीलिए कराया गया था क्योंकि पहाड़ी पर शांत माहौल था , आसपास का नजारा काफी अच्छा दिखाई देता था । इसीलिए राजा वीर सिंह ने बरसाना में यह राधा रानी का अद्भुत चमत्कारी मंदिर बनाया था जिस मंदिर की सुंदरता आज भी अद्भुत और चमत्कारी दिखाई देती है । बरसाने से तकरीबन 4 मील दूरी पर नंद गांव स्थित है । यह नंद गांव श्री कृष्ण के पिता जी का गांव है । जहां पर श्री कृष्ण के पिता जी का घर भी मौजूद है ।
जब भक्तगण मथुरा वृंदावन घूमने के लिए जाता है , नंद गांव घूमने के लिए जाता है तब वह बरसाना मंदिर के दर्शन करने के लिए आवश्यक जाता है क्योंकि बरसाना मंदिर के दर्शन करने के बाद आनंद प्राप्त होता है । जब राधा अष्टमी का पर्व बरसाना मंदिर में मनाया जाता है तब लाखों की संख्या में भक्तगण राधा अष्टमी के इस पावन पर्व पर वहां पर उपस्थित रहते हैं और धूमधाम से राधा अष्टमी का पर्व मनाया जाता है । राधा अष्टमी का पर्व जन्माष्टमी के तकरीबन 15 दिन बाद भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है जिस दिन बरसाना मंदिर को सजाया जाता है ।
चारों तरफ फूलों की बेल लगाई जाती है और मंदिर में सभी भक्तों को पूजा कीर्तन करने की सुविधा भी की जाती है । जब बरसाना मंदिर में भव्य आरती का आयोजन किया जाता है तब सभी राधा रानी के भजन में लीन हो जाते हैं और राधा कृष्ण की भव्य आरती में शामिल होकर अपने जीवन में आनंद प्राप्त करते हैं । बरसाना मथुरा जिले में स्थित है जो गोवर्धन तहसील नंद गांव ब्लॉक में स्थित एक कस्बा है जो नगर पंचायत में आता है । जहां पर भारत देश के कोने कोने से लोग जाते हैं और बरसाना मंदिर के दर्शन करके , राधा रानी के दर्शन करके अपने जीवन में सुख समृद्धि और आनंद प्राप्त करता है ।
विदेशों से भी कई पर्यटक बरसाना मंदिर के दर्शनों के लिए आकर माता राधा रानी के दर्शन करके कृष्ण भजन करके आनंद प्राप्त करता है ।यदि हम बरसाना मंदिर की सुंदरता को देखना चाहते हैं तो हमें बरसाना मंदिर के दर्शनों के लिए बरसाना अवश्य जाना चाहिए और राधा रानी के दर्शन करना चाहिए । जब हम अपनी आंखों से बरसाना मंदिर की सुंदरता को देखेंगे तब हमें पता चलेगा कि वाकई में बरसाना मंदिर एक अद्भुत चमत्कारी मंदिर है जिसको देखने से आनंद प्राप्त होता है ।
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