बैजनाथ मंदिर का इतिहास Baijnath temple history in hindi

Baijnath temple history in hindi

Baijnath temple – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बैजनाथ मंदिर के इतिहास के बारे में बताने जा रहे हैं । तो चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और इस आर्टिकल को पढ़कर बैजनाथ मंदिर के इतिहास के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं ।

Baijnath temple history in hindi
Baijnath temple history in hindi

बैजनाथ मंदिर के बारे में – बैजनाथ मंदिर भारत देश का सबसे सुंदर और अद्भुत चमत्कारी मंदिर है जिस बैजनाथ मंदिर के दर्शन के लिए लोग जाते हैं और अपने जीवन में आनंद प्राप्त करते हैं । बैजनाथ मंदिर नागर शैली में बना हुआ है जिसकी सुंदरता अद्भुत और चमत्कारी दिखाई देती है । जो भी व्यक्ति बैजनाथ मंदिर के दर्शन के लिए जाता है वह अपने जीवन में आनंद प्राप्त करता है । बैजनाथ मंदिर पर प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में भक्त गण जाते हैं और बैजनाथ मंदिर के दर्शन करके भोलेनाथ के चरणों में सिर झुका कर अपने जीवन में सुख शांति समृद्धि प्राप्त करते हैं ।

बैजनाथ मंदिर का निर्माण 1204 ईसवी में कराया गया था । इस मंदिर के निर्माण के बारे में यह बताया जाता है कि जब 1204 ईसवी में इस मंदिर का निर्माण वहां के रहने वाले दो व्यापारियों के द्वारा कराया गया था और उन व्यापारियों के नाम  अहुका और मन्युका था । इन दोनों व्यापारियों के अथक प्रयासों से इस मंदिर के निर्माण की शिला रखी गई थी । जब दोनों व्यापारियों ने बैजनाथ मंदिर के निर्माण की योजना बनाई तब दोनों ने बैजनाथ मंदिर के निर्माण के लिए धन एकत्रित करना प्रारंभ कर दिया था ।

सबसे पहले दोनों व्यापारी मंदिर के निर्माण के लिए वहां के राजा जय चंद्र के पास गए थे । जय चंद्र जो वहां का राजा था उसने इस मंदिर के निर्माण के लिए काफी धन दिया था । बैजनाथ मंदिर में भगवान शिव जी की पूजा अर्चना की जाती है और दूर-दूर से लोग भगवान बैजनाथ के दर्शनों के लिए लोग आते हैं और दर्शन करके अपने जीवन में आनंद प्राप्त करते हैं । मंदिर के मुख्य कक्ष में जब प्रवेश करते हैं तब सिला फलक चट्टान पर नक्काशत्र दो बहुत लंबे शिलालेख दिखाई देते हैं ।

जब उन शिलालेख को देखते हैं तब हमें पता चलता है कि यह मंदिर किसने बनवाया है । दो लंबे शिलालेख पर संस्कृत , शारदा लिपि और तारकी भाषा में लेख लिखे हैं । पहले शिलालेख में यह लिखा गया है कि इस मंदिर के निर्माण में दो व्यापारियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है । व्यापारियों के साथ-साथ वहां के राजा का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है । इसके बाद पहले शिलालेख में उन वास्तु कारों के नाम भी लिखे हुए हैं जिन्होंने अपनी कला का प्रदर्शन मंदिर की दीवारों , मंदिर के खंभों पर चित्र बनाकर किए हैं ।

जब हम इस सुंदर मंदिर के दर्शनों के लिए जाते हैं तब इस मंदिर की नक्काशी और आसपास की सुंदरता को देखकर अपने जीवन में आनंद प्राप्त करते हैं । जब बैजनाथ मंदिर का निर्माण कार्य पूरा करा लिया गया था तब बैजनाथ मंदिर के द्वार सभी भक्तों के लिए खोल दिए गए थे । मंदिर निर्माण के बाद बैजनाथ मंदिर पर काफी भक्तों की भीड़ एकत्रित हुई है । बैजनाथ मंदिर के बारे में ऐसा कहा जाता है कि जब इस मंदिर का  निर्माण कराया गया तब इस मंदिर की सुंदरता और अद्भुत चमत्कारी दिखाई देने लगी थी ।

इस मंदिर के बारे में ऐसा भी कहा जाता है कि इस मंदिर के निर्माण से पहले यहां पर प्राचीन शिव जी का मंदिर था जो काफी पुराना था जिस मंदिर से हिंदू धर्म के लोगों की आस्था जुड़ी हुई थी । जब इस बात का पता स्थानीय व्यापारियों को लगी तब स्थानीय व्यापारियों के द्वारा इस मंदिर के निर्माण की योजना तैयार की गई थी और उन व्यापारियों ने इस मंदिर के निर्माण के लिए काफी मेहनत की थी । आज जब हम इस मंदिर की सुंदरता को देखते हैं तब ऐसा प्रतीत होता है कि इस मंदिर के निर्माण के लिए कितनी मेहनत की गई थी ।

भारत देश में शंकर भगवान के कई प्राचीन मंदिर हैं उन प्राचीन मंदिरों में बैजनाथ मंदिर भी आता है जिस मंदिर के दर्शनों के लिए भारत देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी पर्यटक आकर बैजनाथ मंदिर के दर्शन करके आनंद प्राप्त करते हैं ।बैजनाथ मंदिर के आसपास का वातावरण बहुत ही सुंदर और अद्भुत दिखाई देता है वहां की सुंदरता वाकई में देखने के लायक है । यदि इस मंदिर की सुंदरता देखना है तो बैजनाथ मंदिर के दर्शनों के लिए अवश्य जाना चाहिए । जब हम बैजनाथ मंदिर को अपनी आंखों से देखेंगे तब हम अपने जीवन में आनंद प्राप्त करेंगे ।

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