बगीचे की सैर पर निबंध Bagiche ki sair essay in hindi
Bagiche ki sair essay in hindi
हेलो दोस्तों कैसे हैं आप सभी,दोस्तों आज का हमारा आर्टिकल Bagiche ki sair essay in hindi आप सभी के लिए बड़ा ही मनोरंजक होगा.दोस्तों हमारे चारों ओर बहुत सी ऐसी जगह होती हैं जहां पर हमें घूमना चाहिए,जहां कि हमें सेर करना चाहिए वाकई में कुछ जगह पर हमें सैर करने में लाभ होता है और हम खुशी का अनुभव भी करते हैं और सारी थकान को हम भूल जाते हैं ऐसी ही एक जगह है बगीचा.आज हम हमारे इस आर्टिकल में पढ़ेंगे बगीचे की सैर पर निबंध तो चलिए पढ़ते हैं.

दोस्तों बगीचे की सैर करना हर किसी को पसंद होता है.बगीचा आजकल के जमाने में हर शहर में आपको देखने के लिए मिल सकता है.बगीचा एक ऐसा स्थान होता है जहां पर हमें बहुत सारे पेड़ पौधे,फल फूल नजर आते हैं.बैसे बगीचा दो तरह के हो सकते हैं एक फलों का बगीचा और दूसरा फूलों का बगीचा.फलो के बगीचे में आपको तरह तरह के फल चारो ओर दिखाई देते है बच्चो को फलो का बगीचा बहुत भाता हैं वाही फूलो के बगीचे में आपको तरह तरह के रैंक बिरंगे फूल देखने को मिलते है यहाँ चारो और नीचे फूल बिखरे हुए दीखते है.इन बगीचे में तरह-तरह के दृश्य दिखाई देते हैं हम इन द्रश्यो को देखकर खुशी का अनुभव करते हैं.
आज से कुछ समय पहले मैंने एक बगीचे की सैर की.बगीचे की सैर करना वाकई में हमारे चेहरे पर मुस्कान ला सकता है जब मैं बगीचे की सैर करने गया तो मैंने देखा कि चारों ओर फूल लगे हुए हैं कनेर का फूल,गुलाब का फूल,पीला,लाल,गुलाबी तरह तरह के फूल हैं तरह तरह के फल हैं.उस बगीचे में कुछ जीव-जंतु पक्षी भी थे जो बगीचे में घूमते हुए नजर आते थे जिन्हें देखकर हमें बगीचे से जाने का मन नहीं करता.मेने देखा की बगीचे के चारो और हरे हरे पेड़ लगे हुए हैं,चारों और थोड़ा-थोड़ा पानी बह रहा है और बगीचे के पास ही एक तालाब है जिसमे मछलियां उछल कूद कर रही हैं वाकई में ये देखने लायक था.
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बगीचे के चारों ओर लोग भ्रमण कर रहे हैं,कुछ लोग बैठे-बैठे बात कर रहे हैं तो कुछ लोग एक्सरसाइज कर रहे हैं.मैं अपने एक दोस्त के साथ था,मैं वहां पर बहुत ही खुश था बगीचे में मैं अक्सर सैर करने के लिए जाता हूं.बगीचे में सुबह के टाइम सैर करना काफी लाभप्रद होता है लेकिन अक्सर में शाम को बगीचे में जाता हूं,मैं जब भी अपने काम से फ्री होता हूं बगीचे की सैर करता हूं.हम दिन भर काम करते हैं तो थोड़ी थकान हो जाती है और बगीचे में सैर करने से हमारी थकान गायब हो जाती है.
बगीचा हर जगह होना चाहिए.भविष्य में बगीचा शहर के अलावा गांव गांव में भी होना चाहिए क्योंकि इससे लोगों को काफी लाभ मिलता है.गर्मियों के दिनों में तो बगीचा बहुत ही जरूरी होता है.गर्मियों में यात्रीगण बगीचे में घूमफिर कर अपनी गर्मी को दूर कर सकते हैं,वह बैठकर अपनी थकान को दूर कर सकते हैं,हम गर्मी से बच सकते हैं.कभी कभी कोई व्यक्ति जो शहर काम से आता है और जैसे ही उसे समय मिलता हैं या गर्मी के कारण उसकी स्थिति बुरी हो जाती हैं तो वो बगीचे में शहर करने के लिए निकल पढता है.
बगीचे में सैर करना हर किसी को पसंद होता है.अक्सर बच्चे बगीचे में घूमने के लिए अपने मां बाप से आग्रह करते हैं,वह रोज बगीचे में जाना चाहते हैं उन्हें बगीचे में सैर करना बहुत पसंद हैं.बगीचे में घूमना फिरना खेलना और बगीचे के झूलों में झूलना उन्हें बहुत रोचक लगता है.बगीचे में भरे पानी को देखना,उसमें उछल-कूद करती मछलियों को देखना,उनके चेहरे पर मुस्कान ला देता है वाकई में बच्चों के लिए बगीचा सबसे मनोरंजक जगह होता हैं.
इसके अलावा बगीचे में बुजुर्ग लोग भी अक्सर घूमने के लिए आते हैं दरअसल बुजुर्ग लोग सुबह और शाम अक्सर बगीचे की सैर करने आते हैं क्योंकि वह घर पर बैठे-बैठे बोर हो जाते हैं.बगीचे में आकर उनकी थकान दूर हो जाती है और बगीचे में वह अपने दोस्त यारों से भी मिलकर खुशी का अनुभव करते हैं.आजकल के आधुनिक जमाने में बगीचे की सैर करना हमारे लिए काफी लाभप्रद हो सकता है.बगीचे में हमें हरी धूप में नंगे पैर चलना चाहिए जिससे हम स्वस्थ रह सकें.बगीचे में हमें कुछ समय रोज आना जाना चाहिए इससे भी हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहता है.
अगर हमें कोई बीमारी होती है और हम डॉक्टर से सलाह लेने के लिए जाते है तोह डॉक्टर हरी हरी घास में पेडल चलने या बगीचे में सेहर करने की सलाह देता हैं.वाकई में बगीचे में सेहर करने से बड़ी से बड़ी बीमारी से मुक्त होने में मदद मिलती हैं.इस तरह से हम कह सकते हैं कि बगीचे में सैर करना हर किसी के लिए लाभप्रद भी है और मनोरंजक भी हैं.बगीचे में सैर कर एक बीमार व्यक्ति अपनी बीमारी से दूर हो सकता है और बगीचे में उपस्थित पेड़ पौधे को,फूलों को देखकर उसके चेहरे पर मुस्कान आ सकती है.
बगीचे में सैर करना बच्चे,बूढ़े और नौजवानों सभी को पसंद होता है.अक्सर बच्चे बगीचे में घूमने के लिए अपने माँ बाप से आग्रह करते हैं वो कभी कभी माँ बाप को बगीचे में सेहर करने के लिए लेकर आते हैं लेकिन कभी कभी वो बगीचे के बारे में सोचकर अकेले या अपने किसी दोस्त के साथ में भी आ जाते है क्योकि उन्हें बगीचे में सेहर करना बहुत भाता हैं.
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