बचपन बचाओ पर निबंध Bachpan bachao essay in hindi
Bachpan bachao essay in hindi
दोस्तों आज हम आपके लिए लाए हैं बचपन बचाओ पर हमारे द्वारा लिखित यह निबंध. आप इसे जरूर पढ़ें. इस निबंध का उपयोग आप अपने ज्ञान को बढ़ाने के लिए कर सकते हैं तथा परीक्षाओं की भी अच्छी तरह से तैयारी आप हमारे द्वारा लिखित इस आर्टिकल से कर सकते हैं तो चलिए पढ़ते हैं आज के इस निबंध को
हमारे भारत देश में कई सारे ऐसे बच्चे हैं जिनको जिस उम्र में खेलकूद करना चाहिए, पढ़ाई करना चाहिए उसी उम्र में बेचारे बच्चे अपने भविष्य को अंधेरे में डाल देते हैं, बच्चे अपने बचपन को खो देते हैं. उनके बचपन को बचाना बेहद जरूरी है. बच्चे जो हमेशा हंसते मुस्कुराते रहते हैं,
वह हमेशा किसी के भी बारे में अच्छा सोचते हैं, बुराई नफरत जैसे बुरे गुण उनमें नहीं होते इन्हीं बच्चों को अपने बचपन में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. कभी कभी देखा गया है कि कोई मां बाप खुद काम नहीं करते और अपने छोटे-छोटे मासूम बच्चों से मजदूरी करवाते हैं, वह ना तो अपने बच्चों को पढ़ाते हैं और ना ही उन्हें खेलकूद करने देते हैं उनसे दो पैसे कमाने के लिए बाल मजदूरी करवाते हैं ऐसे मां बाप के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.
बच्चों के बचपन को बचाना बेहद जरूरी है हर किसी की उम्र होती है उसी उम्र में अगर हम वह कार्य करें तो हमारा जीवन सही से यापन हो जाता है लेकिन यदि हम उस उम्र में सही काम नहीं करते तो हमें जीवन भर पछतावा होता है और जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. बच्चो के बचपन बचाने के लिए काफी प्रयास किए जा रहे हैं सरकार ने इसके लिए कई नियम भी बनाए हैं और बच्चों की पढ़ाई के लिए उचित व्यवस्था की है. आज बच्चों को पढ़ाना अनिवार्य है क्योंकि पढेगा बच्चा तभी जीवन में आगे बढ़ेगा बच्चा.
बच्चे का भविष्य सिर्फ उसका भविष्य नहीं होता वह पूरे देश का भविष्य होता है क्योंकि हमारा पूरा देश बच्चों के भविष्य पर ही निर्भर करता है. यदि बच्चों का जीवन बर्बाद होता है, उनका बचपन बर्बाद होता है तो देश का भविष्य बिगड़ता जाता है, देश में कई तरह की समस्याएं पैदा होती हैं. आज हम देखें तो देश में एक और चोरी लूटमार आदि की समस्या है तो कहीं बेरोजगारी की समस्या है तो कहीं अनपढ़ता एवं गरीबी की समस्या है, यह समस्या क्यों है? यह सब उचित शिक्षा या नासमझी की वजह से है.
यदि पढ़ा-लिखा बच्चा होगा तो उसमें समझ होगी और वह जीवन में हर बुराई से लड़ सकेगा और जीवन में आगे बढ़ सकेगा. बहुत सारे बच्चे होते हैं जो अपने बचपन में खेल कूद नहीं पाते जिस वजह से उनका शारीरिक विकास नहीं हो पाता. उन्हें कई तरह की बीमारियां हो जाती हैं एवं कई तरह की मानसिक रोगों से भी ग्रस्त हो जाते हैं इसके लिए हम सभी को इस ओर विशेष ध्यान देने की जरूरत है और बच्चों के बचपन को बचाने की जरूरत है. बच्चों के बचपन को बचाने के लिए भारत देश में एक आंदोलन भी हुआ है.
आंदोलन की शुरुआत सन 1980 में हुई थी. इस आंदोलन का उद्देश्य बच्चों के भविष्य को बचाना है, उनके जीवन को तबाह होने से बचाना है. हमारा कर्तव्य है कि यदि हम किसी भी बच्चे के भविष्य को, बचपन को बर्बाद होते देखें तो इसकी शिकायत जरूर करें तभी देश में कुछ बदलाव देखने को मिलता है. बच्चो का बचपन बचाना हम सभी का कर्तव्य है.
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