आवरी माता मंदिर का इतिहास Avari mata mandir history in hindi
Avari mata mandir history in hindi
Avari mata mandir – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से भारत देश का सबसे सुंदर अद्भुत चमत्कारी मंदिर आवरी माता मंदिर के इतिहास के बारे में बताने जा रहे हैं । तो चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और इस आर्टिकल को पढ़कर आवरी माता मंदिर के इतिहास के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करते हैं ।
राजस्थान का सबसे सुंदर अद्भुत चमत्कारी मंदिर आवरी माता मंदिर के बारे में – आवरी माता मंदिर भारत देश के राजस्थान राज्य के चित्तौड़गढ़ जिले के भदेसर तहसील में स्थित है । इस मंदिर की सुंदरता बहुत ही अद्भुत चमत्कारी है । जो भी पर्यटक , भक्तगण आवरी माता मंदिर के दर्शन करने के लिए जाता है वह मंदिर के दर्शन करके सुख समृद्धि और आनंद प्राप्त करता है । आवरी माता का यह सुंदर मंदिर आसबारा गांव की पहाड़ियों पर स्थित है । यहां पर आसपास कई झीलें हैं । आवरी माता मंदिर राजस्थान राज्य का दक्षिण में सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है । इस मंदिर के दर्शनों के लिए भारत देश के कोने कोने से लोग जाते हैं और आवरी माता मंदिर के दर्शन करके आनंद प्राप्त करते हैं ।
मंदिर के पास में ही एक सुंदर तालाब स्थित है जिस तालाब में लोग स्नान करते हैं ।स्नान करने के बाद मंदिर के दर्शनों के लिए जाते हैं । आवरी माता मंदिर के दर्शन करने के बाद भक्तगण हनुमान मंदिर के दर्शन के लिए भी जाते हैं । यहां पर स्थित हनुमान मंदिर भी प्रसिद्ध है । इस मंदिर के दर्शन करने के बाद आनंद प्राप्त होता है । इस मंदिर के बारे में ऐसा कहा जाता है कि यदि कोई भक्तगण पूरी श्रद्धा के साथ मंदिर के दर्शनों के लिए जाता है आवरी माता उसे आशीर्वाद देती हैं क्योंकि यह मंदिर आवरी माता के लिए समर्पित है ।
आवरी माता को जो भक्तगण पूरी श्रद्धा से पूजता है , माता रानी की आराधना करता है माता रानी उसकी सभी मुरादें पूरी करती हैं । यदि कोई बीमार दुखी व्यक्ति आवरी माता मंदिर के दर्शन करने के लिए राजस्थान के चित्तौगड़ जिले के भदेसर तहसील के गांव आसबारा जाकर आवरी माता रानी के दर्शन करता है उसकी सभी बीमारी दूर हो जाती है । जो बीमार दुखी व्यक्ति आवरी माता मंदिर पर तेल लेकर जाता है उस मंदिर में मंत्र पढ़कर तेल बीमार दुखी व्यक्ति को दिया जाता है और वह तेल अपने शरीर पर लगाकर व्यक्ति अपनी बीमारी से मुक्ति प्राप्त कर लेता है । यह मंदिर एक चमत्कारी मंदिर है ।
इस मंदिर में आवरी माता विराजमान है । प्रतिदिन मंदिर पर हजारों की संख्या में भक्तगण आते हैं और लाइन में लगकर एक-एक करके मंदिर के अंदर प्रवेश करके आवरी माता के दर्शन करते है । आवरी माता की प्रतिमा बहुत ही सुंदर और अद्भुत है जिस प्रतिमा को देखने के बाद ऐसा प्रतीत होता है कि मानो यह प्रतिमा नहीं है बल्कि माता आवरी स्वयं सामने बैठी हैं । जब मंदिर सभी भक्तों के दर्शनों के लिए खुलता है तब सभी भक्त गण इस मंदिर में प्रवेश करते हैं । जब मंदिर में आरती का समय होता है तब काफी भीड़ वहां पर एकत्रित होती है और सभी मिलकर माता आवरी की पूजा अर्चना करते हैं ।
पूजा हो जाने के बाद मंदिर पर भजन कीर्तन भी किया जाता है । जो भी व्यक्ति भजन कीर्तन में शामिल होता है उसे बड़ा आनंद आता है और उसका मन वहां से वापस जाने का नहीं करता है । मंदिर के दर्शन करने के बाद भक्त गण आसपास के क्षेत्रों में भी घूमने के लिए जाते हैं क्योंकि वहां पर स्थित तालाब का पानी निर्मल और शीतल है । जो व्यक्ति उस तालाब में स्नान करता है वह आनंद प्राप्त करता है । यहां पर सवलीयाग मंदिर भी स्थित है जो मंदिर बहुत सुंदर है । दानदाता उस मंदिर के निर्माण के लिए पैसा दान देता है उस पैसे से इस मंदिर का निर्माण कार्य कराया जाता है ।
पर्यटन विभाग के द्वारा इस मंदिर की सुंदरता को और भी सुंदर बनाने के लिए पैसा ट्रस्ट को दिया जाता है और मंदिर ट्रस्ट मंदिर की सुंदरता बढ़ाने के लिए कार्य करता है । मंदिर के आसपास के गांव के रहने वाले लोगों की आस्था इस मंदिर से जुड़ी हुई है ।गांव के लोग आवरी माता मंदिर के दर्शनों के लिए प्रतिदिन आते हैं और आवरी माता मंदिर के दर्शन करके अपने जीवन में सुख समृद्धि और आनंद प्राप्त करते हैं ।
- हिडिम्बा देवी मंदिर का इतिहास Hadimba temple history in hindi
- रानी सती मंदिर झुंझुनू का इतिहास Rani sati temple jhunjhunu history in hindi
दोस्तों हमारे द्वारा लिखा गया यह बेहतरीन आर्टिकल आवरी माता मंदिर का इतिहास Avari mata mandir history in hindi यदि आपको पसंद आए तो सबसे पहले आप सब्सक्राइब करें । इसके बाद अपने दोस्तों एवं रिश्तेदारों में शेयर करना ना भूलें । दोस्तों यदि आपको इस आर्टिकल में कुछ कमी या गलती नजर आए तो कृपया कर आप हमें हमारी ईमेल आईडी पर उस गलती के बारे में अवश्य बताएं जिससे कि हम उस गलती को सुधार कर यह आर्टिकल आपके समक्ष पुनः प्रस्तुत कर सकें धन्यवाद ।