जंगल का राजा शेर की आत्मकथा Autobiography of lion in hindi
autobiography of lion in hindi
दोस्तों कैसे हैं आप सभी, आज हम आपके लिए लाए हैं शेर की आत्मकथा पर हमारे द्वारा लिखित यह काल्पनिक आर्तिकल आप इसे पढ़ें और शेर के बारे में जानकारी प्राप्त करें।
मैं एक शेर हूं, मैं जंगल का राजा कहलाता हूं। जब मैं दहाड़ता हूं तो मेरी आवाज कई किलोमीटर दूर तक पहुंचती है और आसपास के जीव जंतु, पशु पक्षी भयभीत हो जाते हैं। मैं एक मांसाहारी जानवर हूं और जंगल में रहता हूं, जंगल ही मेरा घर है। मेरी दौड़ने की रफ्तार 50 किलोमीटर प्रति घंटे की होती है। पहले जब जंगली इलाके अधिक होते थे तो मैं अधिक संख्या में होता था लेकिन आजकल जो जंगल मेरा घर है लोगों ने जंगलों की कटाई की है जिस वजह से मेरी प्रजाति ही दिन प्रतिदिन लुप्त होती जा रही है। मैं आजकल बहुत ही कम देखने को मिलता हूं, मैं ज्यादातर सर्कस में देखने को मिलता हूं।
सर्कस में मेरे जैसे शेरों को पकड़कर उन्हें प्रशिक्षण दिया जाता है और लोगों का मनोरंजन किया जाता है। मैं जंगल में अपने परिवार के साथ रहता हूं। मेरी पत्नी शेरनी है और मेरे दो बच्चे हैं। शेरनी शिकार करती है और मैं अपने पूरे परिवार की सुरक्षा करता हूं। मैं रात के समय जागता हूं और दिन में सोता हूं। मनुष्य भी मुझसे भयभीत होता है लेकिन वह कभी-कभी मेरे जैसे शेरों को जाल में फंसाकर अपने फायदे के लिए मुझे जंगल से ले जाता है।
मैं कई सारे देशों का राष्ट्रीय पशु भी हूं। आज से कुछ समय पहले मैं भारत देश का राष्ट्रीय पशु था लेकिन मेरी जगह बाघ ने ले ली। एक समय की बात है मैं अपने जंगल में भूख से व्याकुल होकर इधर-उधर शिकार की तलाश कर रहा था तभी मैंने देखा कि एक बड़े से जालीदार घर में शिकार है मैं उसके अंदर प्रवेश हुआ लेकिन जैसे ही मैंने वह शिकार खाने की कोशिश की बाहर से दरवाजा बंद हो गया और मैं उस पिंजरे में बंद हो गया। कुछ समय बाद कुछ लोग वहां पर आए और अपनी गाड़ी में पिंजरे सहित मुझे लेकर चल दिए वह जरूर ही मुझे अपने मतलब के लिए सर्कस में ले जाना चाहते थे।
उन्होंने एक जगह गाड़ी रखी हुई थी तभी किसी ने उस पिंजरे का ताला खोला और वहां से भाग गया मैंने जब दरवाजा खुला हुआ देखा तो मैं भी वहां से तेजी से भाग गया और अपने जंगल में आ गया। वैसे तो मैं जंगल का राजा हूं मैं किसी से नहीं डरता लेकिन उन मनुष्यों से तो मुझे भी काफी डर लग रहा था कि पता नहीं वह मेरे साथ क्या करेंगे। अब मैं किसी भी तरह के इस तरह के लालच में नहीं आता।
मुझे सबक मिल गया है कि मैं भले ही इतना ताकतवर क्यों ना होउ लेकिन इन मनुष्यों के जाल से बचना बहुत मुश्किल होता है। यदि मैं उस दिन नहीं निकलता तो जरूर ही मैं किसी मुसीबत में फंस जाता, मैं अपने इस जंगल के घर से हमेशा के लिए जरूरी ही बिछड़ जाता। जब मैं कई दिनों के बाद अपने घर आया तो शेरनी और मेरे बच्चे मुझे देखकर काफी खुश हुए।
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