गूलर का फूल की आत्मकथा Autobiography of Ficus racemosa in hindi
गूलर का फूल की आत्मकथा
दोस्तों आज हम आपके लिए लाए हैं गूलर के फूल की आत्मकथा तो चलिए पढ़ते हैं गूलर के फूल की आत्मकथा पर लिखित काल्पनिक लेख को
मैं गूलर का फूल हूं। मेरा जन्म गूलर के विशालकाय वृक्ष से हुआ है। मेरे गूलर के वृक्ष से सफेद सफेद दूध निकलता है। गूलर का पेड़ कई प्रकार का होता है, लोग कहते हैं कि गूलर के पत्तों को छूने से खुजली होती है। गूलर के फूल, पत्ते कई औषधियों में भी उपयोग किए जाते हैं। लोगों का मानना है कि गूलर के पेड़ से या पेड़ में लगे फल, फूल से कई तरह की बीमारियां दूर हो जाती हैं, इससे योनि रोग भी नष्ट हो सकता है, स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं को मेरा पेड़ दूर करता है।
आजकल मेरे जैसे गूलर के फूल आपको बहुत ही कम देखने को मिलते होंगे। वैसे लोग देखें तो मेरे गूलर के पेड़ में भी अन्य पेड़ पौधों की तरह फूल लगते हैं। मेरे गूलर के पेड़ एवं फूल के बारे में कुछ किस्से, कहानियां भी लोग जरूर ही सुनते होंगे। लोग कहते हैं कि मैं एक रहस्यमई पेड़ हूं। गूलर के फल अंजीर की तरह गोल गोल होते हैं। मैं हमेशा ही मनुष्य जाति के लिए अच्छा करने का सोचता हूं। मैं बस यही चाहता हूं कि मनुष्य अपने लालच में आकर हमारे जैसे पेड़ पौधों को नुकसान न पहुंचाए।
यदि वह हमारी सुरक्षा करेगा तो हम भी उसके जीवन के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होंगे। पहले गूलर के पेड़ कई जगह बहुत ज्यादा देखने को मिलते थे लेकिन आज के समय में अन्य पेड़ पौधों की तरह मेरा पेड़ भी बहुत ही कम देखने को मिलता है। कई लोगों को मुझे देखने की जिज्ञासा होती है लेकिन वह बड़ी मुश्किल से ही मुझे देख पाते हैं।
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