अंडे की आत्मकथा Autobiography of egg in hindi
Autobiography of egg in hindi
दोस्तों आज हम आपके लिए लाए हैं अंडे की आत्मकथा पर हमारे द्वारा लिखित यह काल्पनिक आर्टिकल, आप इसे पढ़ें और अपने दोस्तों में शेयर करें।
मैं एक अंडा हूं। मैं अपनी मां के पेट से निकला हूं। मेरी मां एक पक्षी है। कई प्रकार के जीव जैसे कि जल में रहने वाले एवं जमीन पर रहने वाले, उड़ने वाले अंडा देते हैं। जब मैं अपनी मां के शरीर से निकला तब उसके बाद मेरे भीतर एक पीला और गाढ़ा पदार्थ था, इस पदार्थ को जोकि गोलाकार होता है लोग योक कहकर पुकारते हैं। योक एक वृत्ताकार वाला भाग होता है इसी के जरिए ही पक्षी उत्पन्न होता है।
मेरे बाहर की तरफ एक खोल होता है जिसमें छिद्र भी होते हैं जिसकी वजह से अंदर ऑक्सीजन पहुंच पाती है। मुझ अंडे को बहुत से पशु-पक्षी भी अपना भोजन बना लेते हैं। मनुष्य भी कई जीव जंतुओं, पशु पक्षियों के अंडे खाना पसंद करता है। लोग कहते हैं कि मैं बहुत ही पौष्टिक आहार होता हूं, इसे खाने से फिटनेस रहती है। लोगों का मानना है कि अंडा एक बेहतरीन भोजन है जिसमें कई सारे विटामिन एवं प्रोटीन पाए जाते हैं।
मुर्गी के अंडे बाजार में बेचते हुए काफी देखे जाते हैं क्योंकि मुर्गी के अंडे लोग खाना काफी पसंद करते हैं। कई सारे लोग अंडे को उबालकर खाते हैं तो कुछ लोग सलाद भी बनाते हैं। कई डॉक्टर भी मेरे जैसे अंडे को खाने की सलाह देते हैं क्योंकि उनका मानना होता है कि अंडे में बहुत से ऐसे विटामिंस एवं पोषक तत्व होते हैं जो मनुष्य के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हो जाते हैं। लोग मुझ अंडे की सब्जि बनाकर भी खाते हैं।
जब मेरे जैसे अंडे को लोग बाजार से खरीदकर घर ले जाते हैं तो उन्हें काफी प्रसन्नता होती है, बस यही है मेरे जीवन की आत्मकथा।
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