अतिथि देवो भव पर निबंध Atithi devo bhava essay in hindi

hindi essay on atithi devo bhava

atithi satkar in hindi essay-दोस्तों कैसे हैं आप सभी,आज का हमारा आर्टिकल अतिथि देवो भव पर निबंध आप सभी के लिए बहुत ही हेल्पफुल है दोस्तों हमारे आज के इस आर्टिकल में हमने आपको बताया है की अतिथि देवों के समान होते है हमे उनका सम्मान करना चाहिए तो चलिए पढ़ते हैं हमारे आज के इस निबंध को

Atithi devo bhava essay in hindi
Atithi devo bhava essay in hindi

अतिथि देवो भाव: वास्तव मे ये शब्द बहुत ही महत्वपूर्ण है जिसमें अतिथि से तात्पर्य किसी मेहमान से है और देवो भव का अर्थ है देव के समान यानी भगवान के समान. कहने का तात्पर्य है की अतिथि भगवान के समान होता है वास्तव में शुरू से ही हमारे देश में अतिथि को भगवान के समान समझा जाता है. प्राचीन काल से ही जब भी कोई अतिथि किसी के घर आता है तो उसका सम्मान किया जाता है उसको भोजन कराया जाता है और उसके रहने की उचित व्यवस्था की जाती है क्योंकि सभी का कहना है कि अतिथि भगवान के समान होता है.

आजकल के जमाने में भी ये कहावत लागू होती है वास्तव में अतिथि भगवान के समान होता है बदलते जमाने के साथ इंसान बहुत व्यस्त हो गया है लेकिन फिर भी आज हम सभी के घर पर मेहमान जरूर आते है और उनका आतिथ्य करना हमारा कर्तव्य होता है.अतिथि घर पर आता है तो हम सबसे पहले उन्हें पानी पिलाते हैं उसके बाद उन्हें भोजन के लिए पूछते हैं,उनके रहने की उचित व्यवस्था करके अपना कर्तव्य निभाते हैं वास्तव में हमें अतिथियों का सम्मान करना चाहिए क्योंकि अतिथि कभी हमेशा के लिए नहीं आते और जो हमेशा के लिए होते हैं वह कभी अतिथि नहीं होते.

अतिथि जरूर ही किसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए आते हैं वह हमारे लिए खुशखबरी लाते हैं और उनकी बात सुनकर हम खुशी से झूम जाते हैं. देवताओं के समान इन अतिथियों का हमें सम्मान करना चाहिए.अतिथि के रुप में कोई भी हो सकते हैं हमारे नजदीकी रिश्तेदार हो सकते हैं या हमारे दूर के रिश्तेदार भी हो सकते हैं. हमें ये ना देखते हुए सिर्फ उनका सम्मान करना चाहिए. आजकल के जमाने में हम देखें तो मेहमानों के रूप में बहुत सारे फ्रोड लोग भी घर पर आ सकते हैं हमैं इस तरह के लोगों को पहचानना चाहिए.

आजकल के जमाने में लोग अतिथियों का बहाना बनाकर घर में घुसकर हमें नुकसान भी पहुंचा सकते हैं हमें इन लोगों से बचना चाहिए.अगर वह कोई अतिथि हैं तो हमारे घर के सदस्य जरूर पहचानते होंगे.हमें चाहिए कि उनकी पहचान होने पर ही घर में दाखिला दें अगर आप उन्हें नहीं जानते तो बहुत ही सावधानी पूर्वक आप अपने घर में प्रवेश कराये और उनका सम्मान करें. वह कैसे भी हो उनका सम्मान जरूर करना चाहिए क्योंकि अतिथि देवों के समान होते हैं.

जब भी अतिथि हमारे घर पर आते हैं तो बच्चों के लिए कुछ ना कुछ लेकर आते हैं अगर वह कोई नजदीकी रिश्तेदार होते हैं तो सभी के चेहरे खिल जाते हैं कुछ अतिथि तो ऐसे होते हैं जिनके आने की खबर ही परिवार के लोगों के चेहरे पर मुस्कान ला देती है.

कुछ अतिथि कम समय के लिए आते हैं लेकिन कुछ दिनों या महीनों के लिए भी हमारे घर पर आते हैं.घर में अगर अतिथि कुछ दिनों या महीनों के लिए आते हैं तो घर के कुछ लोगों को वह बुरे लगने लगते हैं हमें इस तरह की भावना को दूर करना चाहिए और अतिथि को भगवान के समान समझकर उनका मान सम्मान करना चाहिए,उनकी सेवा करना चाहिए क्योंकि वह हमेशा के लिए हमारे घर पर नहीं आते वह कुछ दिनों बाद हमसे दूर चले जाते हैं.

आजकल के बदलते जमाने में अपने परिवार के सदस्य भी अतिथि के रूप में आते हैं.आजकल हम देखें तो किसी नौजवान की शहर में नौकरी लग जाती है और वह अपने बीवी बच्चों के साथ शहर में रहता है तो उसके मां-बाप अतिथि के रुप में कुछ दिनों के लिए आते हैं तो कभी कभी तो घर के लोगो को वह बुरे लगने लगते हैं. अगर वह गलती से हमेशा के लिए वहां पर रहना चाहे तो बात ही ना करना और कुछ दिनों या महीनों के लिए भी वो अतिथि घर में रहे तो भी उनको कई तरह के ताने सुनना होते हैं.

हमें चाहिए कि हम सभी पढ़ाई के साथ में अच्छे संस्कार भी सीखें.बहुत से लोग पढ़ाई को ही अपने जीवन का मकसद बना लेते हैं वह पढ़ते हैं बहुत पढ़ते हैं लेकिन पढ़ने का मतलब नहीं समझ पाते.वह ना तो अतिथि का सम्मान करते हैं और ना ही बड़ों का आदर करते हैं ऐसे लोगों को पढ़ाने-लिखाने का भी कोई मतलब नहीं होता. मां-बाप को इनके ऊपर पैसा लगाकर समय बर्बाद नहीं करना चाहिए वास्तव में ज्ञानी पुरुष तो वह है जो अतिथियों का सम्मान करें,बड़े बुजुर्गों का आदर करें और भगवान की तरह उनकी पूजा करे।

दोस्तों अगर आपको हमारे द्वारा लिखा गया है ये आर्टिकल Atithi devo bhava essay in hindi पसंद आए तो इसे अपने दोस्तों में शेयर करना ना भूले इसे शेयर जरूर करें और हमारा Facebook पेज लाइक करना ना भूलें और हमें कमेंटस के जरिए बताएं कि आपको हमारा यह आर्टिकल hindi essay on atithi devo bhava कैसा लगा जिससे नए नए आर्टिकल लिखने प्रति हमें प्रोत्साहन मिल सके और इसी तरह के नए-नए आर्टिकल को सीधे अपने ईमेल पर पाने के लिए हमें सब्सक्राइब जरूर करें जिससे हमारे द्वारा लिखी कोई भी पोस्ट आप पढना भूल ना पाए.

4 Comments

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *