आर्यभट्ट की जीवनी Aryabhatta biography in hindi

Aryabhatta biography in hindi

aryabhatta history in hindi language-दोस्तों आज हम आपको देश के ही नहीं बल्कि दुनिया के ऐसे महान गणितज्ञ एवं वैज्ञानिक के बारे में बताने वाले हैं जिन्होंने हम सबके लिए बहुत सारी खोजे की हैं वो भारत के पहले वैज्ञानिक माने जा सकते है. इन्होंने जीरो की खोज की और गणित के सवालों को हल करने में हमारी मदद की.वास्तव में आर्यभट हमारी इस पूरी दुनिया के लिए एक चमकते सूरज की तरह थे जिन्होंने बहुत कुछ उजाला कर दिया था तो चलिए पढ़ते हैं आर्यभट्ट के जीवन के बारे में शुरू से

Aryabhatta biography in hindi
Aryabhatta biography in hindi

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आर्यभट्ट के जन्म के बारे में अलग-अलग मत हैं कुछ लोगो का मानना है की इनका जन्म भारत के कुसुमपुर में हुआ था आर्यभट ने अपना पूरा जीवन शोध कार्यों में निछावर कर दिया था उन्होंने कई ग्रंथो की रचना की लेकिन बहुत सी रचनाएं इनकी ऐसी भी हैं जो लुप्त हो गई हैं इनकी रचना जो अभी ज्ञात है उनमे आर्यभटीय सबसे महत्वपूर्ण रचना है जिसमें उन्होंने अंक गणित और बीजगणित का विस्तारपूर्वक वर्णन किया है.इन्होंने अपनी उच्च शिक्षा कुसुमपुर से ही की थी जहां पर एक विश्वविद्यालय भी है.

आर्यभट जैसे महान वैज्ञानिक ने चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण पर भी कई बातें बताई. उन्होंने बताया की चंद्र और सूर्य ग्रहण कब पड़ने वाला है उसका समय निकालने का फार्मूला भी हमें दिया और ऐसी कई रचनाएं कि जो वास्तव में प्रशंसनीय है उस समय यह माना जाता था कि पृथ्वी इस ब्रम्हांड के बीच में है लेकिन आर्यभट ने साबित किया कि सौरमंडल के केंद्र में सूर्य है और सभी ग्रह सूर्य की परिक्रमा कर रहे हैं पृथ्वी भी सूर्य की परिक्रमा कर रही है.

आर्यभट्ट ने अपने जीवन में पाई की खोज की इन्होने पाई की वेल्यु 4 अंको तक सही बताई थे.इन्होने जीरो की खोज भी की जिसके जरिये किसी भी अंक की वैल्यू बढ़ सकती है,शून्य का कुछ भी मूल्य नहीं है लेकिन इसकी सबसे ज्यादा भी वैल्यू होती है.इन्होने एक साल की लंबाई बताई और आधुनिक युग में नापी गई साल की लम्बाई आर्यभट के द्वारा खोजी गई साल की लंबाई लगभग बराबर ही है इन्होंने अंको को चिन्हों द्वारा लिखना शुरू किया था और त्रिकोणमिति का ज्ञान भी आर्यभट ने हीं दिया था

वास्तव में आर्यभट एक महान वैज्ञानिक थे जिन्होंने बहुत सारी खोजें की और एक वैज्ञानिक युग का जन्म हुआ.आर्यभट ने पृथ्वी के घूमने की गति को भी बताया जो एकदम सटीक थी. आर्यभट्ट ने सूर्य से सभी ग्रहों की दूरी बताई थी वास्तव में आर्यभट हमारे देश के महान और प्राचीन वैज्ञानिक थे इनके सम्मान के लिए भारत ने अपने पहले उपग्रह का नाम भी आर्यभट रखा.

वास्तव में आर्यभट ने विज्ञान की दुनिया में तहलका मचा दिया था इनके बारे में जितना लिखा जाए उतना कम है वास्तव में आर्यभट का वैज्ञानिक शोध में महत्वपूर्ण योगदान रहा है.

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