आर्थिक मंदी पर कविता Arthik mandi poem in hindi
Arthik mandi poem in hindi
दोस्तों नमस्कार, आज हम आपके लिए लाए हैं आर्थिक मंदी पर कविता। हमारा भारत देश एक बहुत बड़ा देश है, देश में कई समस्याएं समय-समय पर आती हुई देखी गई हैं लेकिन समय के साथ वह समस्याएं दूर भी हो गई हैं। आर्थिक मंदी भी एक समस्या है कभी-कभी आर्थिक मंदी हम भारतवासियों को देखने को मिलती है लेकिन यह आर्थिक मंदी समय के साथ दूर भी हो जाती है।

आज हमने आर्थिक मंदी पर एक कविता लिखी है आप इसे जरूर पढ़ें तो चलिए पढ़ते हैं आज की हमारी इस कविता को
आर्थिक मंदी आ गई है
महंगाई चारों ओर छा गई है
अब खुशियों की बात ना रही
नौकरी भी हाथ से चली गई है
कोरोनावायरस ने परेशानी खड़ी की है
सबकी नींद उड़ी उड़ी है
फैक्ट्रियां बंद हो गई हैं
चारों ओर मंदी छा गई है
मोदी अकेले क्या करें
हम सब मिलकर कुछ प्रयास करें
आत्मनिर्भर हम बने चलें
आर्थिक मंदी को दूर करने का प्रयास करें
ये वक्त गुजर भी जाएगा
लेकिन बाद में भी हमे सताएगा
आर्थिक मंदी ना आने दो
इसको दूर भगाने दो
दोस्तों आर्थिक मंदी पर हमारे द्वारा लिखी यह कविता आपको Arthik mandi poem in hindi कैसी लगी हमें बताएं और हमें सब्सक्राइब करें जिससे इसी तरह की कविताएं हम आपके लिए लिख सकें।