भारत में एल्युमिनियम उद्योग के विकास पर निबंध Aluminium ke upyog ka ullekh essay in hindi
Aluminium ke upyog ka ullekh essay in hindi
Aluminium ke upyog – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से भारत में एल्युमिनियम उद्योग के विकास पर लिखे निबंध के बारे में बताने जा रहे हैं । तो चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और इस बेहतरीन आर्टिकल को पढ़कर भारत में एल्युमिनियम उद्योग के विकास पर लिखे निबंध के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करते हैं ।
भारत में एल्युमिनियम उद्योग के विकास के बारे में – भारत देश में एल्युमिनियम उद्योग का विकास काफी पुराना है । एल्युमिनियम के निर्माण के लिए बॉक्साइट की कच्ची धातु को जलाया जाता है । जब बॉक्साइट की कच्ची धातु को गलाया जाता है तब अधिक मात्रा में कोयले की आवश्यकता होती है । इसीलिए एल्युमिनियम उद्योग उसी स्थान पर लगाया जाता है जिस स्थान पर कोयला और बॉक्साइट आसानी से उपलब्ध हो जाता हैं क्योंकि बॉक्साइट और कोयला दोनो में से किसी एक चीज को मिलने में यदि कठिनाई आती है तो एल्युमिनियम उद्योग को काफी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है ।
इसीलिए एल्युमिनियम उद्योग उसी स्थान पर लगाए जाते हैं जिस स्थान पर यह दोनों चीज आसानी से उपलब्ध हो जाए । भारत देश में एल्युमिनियम उद्योग का काफी विकास हो चुका है । एल्युमिनियम के उद्योग निरंतर सफलता की ओर बढ़ रहे हैं । भारत देश में जब एल्युमिनियम उद्योग लगाने पर विचार किया गया तब भारत देश में ब्रिटिश शासन था । ब्रिटिश शासन के दौरान भारत में पहला एल्युमिनियम उद्योग लगाने पर विचार किया गया और भारत में पहला एल्युमिनियम उद्योग 1937 में लगाया गया था ।
भारत में पहला एल्युमिनियम उद्योग जे.के नगर में स्थापित किया गया था और इस कंपनी का नाम एल्युमीनियम कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया रखा गया था । इसके साथ ही भारत में एल्युमिनियम उद्योग का उदय हुआ था । जब भारत का पहला एल्युमिनियम उद्योग सफलता की ओर बढ़ा तब भारत की सरकार के द्वारा दूसरा एल्युमिनियम उद्योग भारत में लगाने की चर्चा की गई और इस चर्चा को सफल बनाने के लिए काम शुरू कर दिया गया था । पूरी तैयारी के साथ दूसरा कारखाना इंडियन एल्युमिनियम लिमिटेड के नाम से लगाया गया था ।
यह दूसरा एल्युमिनियम कारखाना भारत देश में कर्नाटक के अलवाए , झारखंड के मुरी , पश्चिम बंगाल के बेलूर और उड़ीसा राज्य के हीराकुंड में इंडियन एल्युमिनियम लिमिटेड की यह चार शाखाएं स्थापित की गई थी । इसके बाद भारत देश के विकास को निरंतर आगे बढ़ाने के उद्देश्य से भारत सरकार के द्वारा तीसरा एल्युमिनियम कारखाना भारत में लगाने की योजना तैयार की गई थी । विकास योजना के अंतर्गत भारत में तीसरा एल्युमिनियम उद्योग हिंदुस्तान अल्युमिनियम कॉरपोरेशन के नाम से स्थापित किया गया था ।
यह तीसरा कारखाना हिंदुस्तान एल्युमिनियम कॉरपोरेशन भारत देश के उत्तर प्रदेश के रेनूकुट स्थान पर लगाया गया था । इसके बाद भारत में चौथा एल्युमिनियम कारखाना मद्रास एल्युमिनियम कॉरपोरेशन के नाम से स्थापित किया गया था । इस एल्युमिनियम कारखाने को तमिलनाडु के मैटूर नामक स्थान पर स्थापित किया गया था । जिस कारखाने की उत्पादन क्षमता तकरीबन 400000 टन प्रति वर्ष की हैं । दोस्तों अब हम आपको भारत की सबसे सफल एल्युमिनियम कंपनियों के बारे में बताने जा रहा है । भारत की पहली एल्युमिनियम कंपनी इंडालको थी जिस कंपनी को 1938 में स्थापित किया गया था ।
यह कंपनी कनाडा देश के सहयोग से भारत देश में स्थापित की गई थी और इस कंपनी का मुख्य केंद्र भारत में पश्चिम बंगाल के जे.के नगर में स्थापित किया गया था । इसके बाद भारत की दूसरी कंपनी जो एल्युमिनियम उद्योग के नाम से भारत में स्थापित की गई थी उस कंपनी का नाम माल्को था जिस कंपनी को 1965 में भारत में स्थापित की गई थी । यह कंपनी इटली के सहयोग से भारत में स्थापित की गई थी और भारत में इस कंपनी का मुख्य केंद्र मैटूर , चेन्नई , सेलम में स्थापित किए गए थे जो तमिलनाडु में स्थित है ।
इसके बाद भारत की तीसरी एल्युमिनियम सफल कंपनी वेदांत थी जिस कंपनी को भारत देश में 1976 को स्थापित की गई थी और इस कंपनी का मुख्य केंद्र भारत देश में झारसुगुड़ा मे स्थापित किया गया था । इस तरह से भारत देश में एल्युमिनियम कंपनियों की स्थापना की गई और भारत देश को विकास के रास्ते पर ले जाया गया था । जब भारत देश में एल्युमिनियम उद्योग का उदय हुआ तब भारत देश के कई नागरिकों को उस उद्योग में काम करने का मौका प्राप्त हुआ था । जिससे देश की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ और लोगों को एक रोजगार प्राप्त हुआ था ।
जब एल्युमीनियम के निर्माण भारत देश में प्रारंभ किया गया तब भारत देश की आर्थिक स्थिति में भी धीरे-धीरे सुधार होने लगा था क्योंकि जो उद्योग भारत में लगाए गए थे उन उद्योग से भारत की आर्थिक स्थिति में सुधार होने के साथ-साथ उन लोगों को उद्योगों का फायदा प्राप्त हुआ जो लोग असहाय थे जिनके पास पैसा कमाने का कोई साधन नहीं था ।
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