अचलेश्वर मंदिर ग्वालियर का इतिहास Achleshwar mandir gwalior history in hindi

Achleshwar mandir gwalior history in hindi

Achleshwar mandir gwalior – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से अचलेश्वर मंदिर जो ग्वालियर में स्थित है उसके बारे में बताने जा रहे हैं । तो चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और इस आर्टिकल को पढ़कर अचलेश्वर मंदिर ग्वालियर के इतिहास के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करते हैं ।

Achleshwar mandir gwalior history in hindi
Achleshwar mandir gwalior history in hindi

Image source – https://m.patrika.com/amp-news/gwalior-ne

अचलेश्वर मंदिर ग्वालियर के बारे में – भारत देश के मध्य प्रदेश राज्य के ग्वालियर में स्थित अचलेश्वर मंदिर एक प्राचीन समय का प्रसिद्ध मंदिर है । इस मंदिर से आज भी लोगों की आस्था जुड़ी हुई है । इस मंदिर के बारे में ऐसा कहा जाता है कि जो भी भक्त अचलेश्वर मंदिर के दर्शन करने के लिए जाता है वह भगवान शिव की आराधना करके अपने जीवन में सुख समृद्धि और आनंद प्राप्त करता है । इस मंदिर से काफी लोगों की आस्था जुड़ी हुई है इसलिए इस मंदिर का जीर्णोद्धार पुनः प्रारंभ किया गया है ।

जब इस अचलेश्वर मंदिर जो ग्वालियर में स्थित है उस मंदिर का निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया तब उस निर्माण कार्य में 3 करोड़ 11 लाख रुपए की राशि नियुक्त की गई थी जिस राशि से अचलेश्वर मंदिर का पुनः निर्माण कराया जा रहा है । अचलेश्वर मंदिर का निर्माण कार्य उत्तर भारत की नागर शैली में किया जा रहा है जिसकी सुंदरता और भी अद्भुत सुंदर दिखाई देगी । अचलेश्वर मंदिर की सुंदरता की बात करें तो प्राचीन समय से ही अचलेश्वर मंदिर की सुंदरता बहुत सुंदर है परंतु जब अचलेश्वर मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा तब इसकी सुंदरता और भी अद्भुत और सुंदर दिखाई देगी ।

इस मंदिर के निर्माण के बाद मंदिर मे जब अभिषेक दूध और पानी से किया जाएगा तब अभिषेक में जो दूध उपयोग किया जाएगा उस दूध का सदुपयोग करने के लिए हार्वेस्ट के जरिए दूध को जमीन तक पहुंचाया जाएगा । जो भक्त दूध भगवान शिव जी की शिवलिंग पर दूध अर्पित करेगा उस दूध में से कुछ दूध भक्तों के लिए प्रसाद के रूप में दिया जाएगा । जो भक्त दूध चढ़ाने के लिए साथ में लेकर जाएगा उन सभी भक्तों के लिए गर्भ गृह में चांदी के चार मटके रखे जाएंगे और उन मटको को टेंक से जोड़ दिया जाएगा ।

जब भक्त शिवलिंग पर दूध अर्पित करेगा तब उस दूध की कुछ मात्रा शिव शिवलिंग पर अभिषेक के लिए चला जाएगा और जो दूध बचेगा वह दूध सभी भक्तों के लिए प्रसाद के रूप में वितरित कर दिया जाएगा । अचलेश्वर मंदिर का निर्माण कराने के लिए एक कंपनी नियुक्त की गई है । इस कंपनी को अचलेश्वर मंदिर का निर्माण कार्य कराने का जिम्मा सौंप दिया गया है । इस कंपनी के मालिक जगदीश मित्तल है जिन्होंने कहा है कि मंदिर का निर्माण कार्य अधिकतर रात के समय ही किया जाएगा ।

जगदीश मित्तल के द्वारा अचलेश्वर मंदिर के निर्माण के बारे में यह भी बताया गया है कि सबसे पहले मंदिर के ऊपर लगा हुआ गुंबद नीचे उतारा जाएगा । जिस गुंबद को नीचे उतारने में लगभग 1 महीने का समय लगेगा । जब गुंबद उतार लिया जाएगा तब मंदिर की आधारशिला रखी जाएंगी । इसके साथ साथ जगदीश मित्तल के द्वारा अचलेश्वर मंदिर के निर्माण के बारे में यह कहा गया है कि मंदिर के निर्माण में जो भी पत्थर लगेगा वह पत्थर राजस्थान राज्य की बंसी पहाड़ से लाया जाएगा क्योंकि बंसी पहाड़ का जो पत्थर है वह मजबूत पत्थर है ।

अचलेश्वर मंदिर पर सावन के महीने में काफी भक्त आते हैं और अचलेश्वर मंदिर के दर्शन कर अपने जीवन में सुख समृद्धि आनंद प्राप्त करते हैं ।अचलेश्वर मंदिर ग्वालियर में स्थित सबसे प्रसिद्ध मंदिर है जिस मंदिर की सुंदरता को देखने के लिए सोमवार के दिन भक्तों की काफी भीड़ इकट्ठी होती है । मध्यप्रदेश शासन के पर्यटन विभाग के द्वारा अचलेश्वर मंदिर के निर्माण के लिए काफी पैसा दिया गया है । मंदिर ट्रस्ट के द्वारा अचलेश्वर मंदिर की देखरेख अच्छी तरह से की जाती है और वहां पर जो भी भक्त दर्शन करने के लिए आता है सभी भक्तों को दर्शन हो सके इसके इंतजाम भी मंदिर ट्रस्ट के द्वारा किया जाता है ।

सावन के महीने में अचलेश्वर मंदिर पर काफी भक्तों की भीड़ एकत्रित होती है जिस भीड़ को संभालने के लिए पुलिस बल की तैनाती की  जाती है । सावन के महीने में अचलेश्वर मंदिर धाम पर मेला भी लगाया जाता है जिस मेंले को देखने और अचलेश्वर मंदिर के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं और मंदिर की सुंदरता को देखकर आनंद प्राप्त करते हैं । अचलेश्वर मंदिर से काफी लोगों की आस्था जुड़ी हुई है ।

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