अब्राहम लिंकन की जीवनी abraham lincoln biography in hindi
है,वोह एक ऐसे इन्सान है जिन्होंने अपने जीवन में लगातार नाकामयाबी का सामना किया है
दुनिया में ऐसे बहुत से लोग होते है जो नाकामयाबी पाने से डरते है लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि अब्राहम लिंकन के जीवन के बारे में जानकर आप अपने कदम से पीछे नहीं हटेंगे। हर सफल इन्सान के पीछे नाकामयाबी का हाथ होता है यानी सफल इन्सान नाकामयाब पाने पर मायूस नहीं होता बल्कि वोह लगातार कोशिश करता है तोह चलिए अब्राहम लिंकन की जीवनी पढते है.
शुरूआती जीवन
इनका जन्म 12 फरवरी 1809 को अमेरिका में हुआ,इनके पिता का थॉमस लिंकन और माता का नाम नेंसी था,इनके परिवार के हालात ठीक नहीं थे,इसलिए इन्हें स्कूल की शिक्षा ठीक से करने का मोका नहीं मिला,लेकिन फिर भी इन्होने अपने सच्ची लगन से वकालत की लेकिन इससे पहले इन्होने अपने बचपन में काफी संघर्ष किया.
जब ये ८ साल के थे यानी लगभग १८१६ में इन्हें और इनकी family को इनके ही घर से निकाल दिया गया था,इसलिए ना चाहते हुए भी इन्हें बचपन से ही काम करना पड़ा,और काफी मुशिवाते झेली,इनकी मुशिवाते यही पर ख़त्म नहीं हुयी,ठीक २ साल बाद १८१८ में इनकी माँ का देहांत हो गया,सोचिये की १० साल के बच्चे पर क्या असर होगा जब उसकी माँ उसे छोड़ कर चली जाए.
नाकामयाबी से कामयाबी की ओर
कुछ time बाद इन्होने एक बिज़नेस करने का सोचा लेकिन शायद ऊपर वाला इनकी बार बार परीक्षा ले रहा था,सन १८३१ में बिज़नेस ख़त्म हो गया,फिर इन्होने सोचा की बिज़नेस तोह ख़त्म हो गया है,तोह चुनावों में भाग लिया जाए लेकिन १८३२ में राज्य के चुनाव में हार मिली लेकिन ये पूरी तरह से टूटे नहीं बल्कि अपनी कोशिश जारी रखी.
१८३२ में इन्हें law स्कूल में एडमिशन नहीं मिला,और दूसरी और इन्हें इनकी नोकरी से भी निकाल दिया गया.दोस्तों इस तरह से इन्हें अपने जीवन में लगातार सिर्फ हार मिल रही थी,सोचिये ये फिर भी नहीं माने और लगातार आगे बदने की कोशिश करते रहे.
१८३३ में इन्होने अपने एक दोस्त से बात की और बिज़नेस करने के लिए उससे रूपये उधार मांगे लेकिन किस्मत को शायद ये भी मंजूर नहीं था,साल के अंत तक इनका ये बिज़नेस भी पूरी तरह से ख़त्म हो गया,इनके पास अपने दोस्त को उधार रूपये चुकाने के भी रूपये नहीं मिले.
फिर अगले साल इन्होने एक बार फिर राज्य के चुनाव में हिस्सा लिया लेकिन इन्हें फिर से हार मिली.
इनके बारे में भी पढिये-अक्षय वर राये रियल हीरो की कहानी
फिर इन्होने शादी की सोचा की जीवन में कुछ तोह अच्छा हो लेकिन यहाँ पर भी नतीजा बहुत बुरा निकला इनकी पत्नी की मोत पहले ही साल में हो गयी,सोचिये क्या होगा उस इन्सान का जिसकी पहली ही साल में बीबी मर गयी हो.
१८३६ में नर्वस ब्रेकडाउन हो गया और ये ६ महीने तक बेड पर पड़े रहे,
फिर २ साल बाद राज्यसभा का स्पीकर बनने की कोशिश की लेकिन इसमें भी वोह हार गए.
फिर इन्होने elector बनने की कोशिश की लेकिन इसमें भी ये हार गए.
फिर कांग्रेस में चुनाव लड़ा लेकिन इसमें भी इन्हें हार मिली और हाथ कुछ भी ना लगा.
एक बार फिर कांग्रेस में कोशिश की और इस बार वोह जीत गए और वाशिंगटन में बहुत ही अच्छा काम किया.
फिर Land officer की जॉब के लिए कोशिश की पर इसमें वोह रिजेक्ट कर दिए गए.
फिर senate के चुनावो में खड़े हुए लेकिन इसमें भी इन्हें हार मिली.
फिर vice प्रेसिडेंट के लिए खड़े हुए लेकिन इसमें इन्हें १०० से भी कम वोट मिले,और इन्हें निराशा मिली.
ये फिर से senate के चुनावों में खड़े हुए लेकिन ये फिर से हार गए.
सोचिये इस इन्सान ने अपनी life में इतनी असफलताए झेली,अगर इनकी जगह और कोई होता तोह पक्का हार मान लेता लेकिन ये तोह एक ऐसे इन्सान थे जिनपर लगातार मिल रही असफलताओं का कोई असर भी नहीं हो रहा था,ये तोह बस कोशिश किये जा रहे थे.
फिर १८६० में इस इन्सान ने वोह पद हासिल किया,जिससे पूरी अमेरिका इनके हाथो में हो गयी,ये १८६० में अमेरिका के रास्ट्रपति बन गए और दुनिया को वोह कर दिखाया की एक इन्सान मेहनत,लगन से किसी काम की और लगातार कोशिश करे तोह जिन्दगी में सबसे आगे बड सकता.
मुझे उम्मीद है की इनकी प्रेरणादायक कहानी सुनने के बाद आपको भी कामयाबी पाने का जूनून आ गया होगा,आशा है की आपभी अपनी life में कुछ बड़ा और कुछ अच्छा करेंगे.
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