अभिलाष दास जी जीवन परिचय Abhilash das saheb biography in hindi

Abhilash das saheb biography in hindi

Abhilash das saheb – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से अभिलाष दास जी के जीवन परिचय के बारे में बताने जा रहे हैं । तो चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और इस आर्टिकल को पढ़कर अभिलाष दास के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करते हैं ।

Abhilash das saheb biography in hindi
Abhilash das saheb biography in hindi

अभिलाष दास के बारे में – अभिलाष दास भारत के एक महान संत थे जिन्होंने मानव कल्याण के लिए कार्य करके मनुष्य के जीवन को अंधकार से बाहर निकालकर प्रकाश में लाने का काम किया है । अभिलाष दास एक ऐसे संत रहे हैं जिन्होंने भारत के महान कवि कबीर दास जी की शिक्षा और कबीर दास जी के संदेश को पूरी दुनिया के लोगों तक पहुंचाने का कार्य किया है जिस कार्य को कोई आम इंसान नहीं कर सकता है । अभिलाष दास की यह सोच रही थी कि यदि कबीर दास के संदेश को जन-जन तक पहुंचाया जाए तो मानव कल्याण मैं वह अपना एक महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं ।

दोस्तों आज हमारे भारत देश के ऐसे महान संत अभिलाष दास जी इस दुनिया में नहीं है । आज हम सभी लोगों को भारत देश के महान संत अभिलाष दास की कमी महसूस हो रही है । अभिलाष दास जी कबीर पारख संस्थान के एक संत थे जिनका निधन प्रीतम नगर मे स्थित एक आश्रम में हो गया था । जब भारत के महान संत अभिलाष दास का निधन हुआ तब देश के दूर-दूर , कोने कोने से महान संतों का जमावड़ा प्रीतम नगर स्थित आश्रम में लग गया था और सभी अभिलाष दास के मृत शरीर के दर्शन करने के लिए पधारे थे ।

सभी संतो ने एक-एक करके अभिलाष दास के चरणों को छुआ और भगवान से प्रार्थना की थी कि ऐसे महान संत का जन्म हमारे भारत में होता रहे और संत अभिलाष दास को शांति प्राप्त हो । अभिलाष दास जी भारत देश के महान कवि कबीर के एक सच्चे अनुयाई माने जाते हैं । उन्होंने कबीर की शिक्षा को जन जन तक पहुंचाने का कार्य किया है । जब शैक्षणिक संस्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किया जाता था तब उन कार्यक्रमों में अभिलाष दास के बारे मे भी चर्चा की जाती है ।

जब उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में स्थित दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम आयोजित हो रहा था तब उस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के पूर्व अध्यक्ष को भी आमंत्रित किया गया था और हिंदी विभाग के पूर्व अध्यक्ष रामदेव शुक्ल ने संबोधित करते हुए यह कहा था कि संत अभिलाष दास कबीर के एक सच्चे अनुयाई के रूप में पहचाने जाते हैं जिन्होंने कभी भी अपने जीवन को सफल बनाने के लिए कार्य नहीं किया है । उन्होंने मानव कल्याण के लिए कार्य किए हैं जिस कार्य को करने में काफी मेहनत की आवश्यकता होती है ।

अभिलाष दास के द्वारा कई कार्यक्रमों में प्रवचन दिए गए है । जब अभिलाष दास किसी कार्यक्रम में प्रवचन देते थे तब वह कबीर की शिक्षा का संदेश लोगों तक पहुंचाते थे ।कई बार भारतीय संत अभिलाष दास के द्वारा लोगों को संबोधित करते हुए यह कहा गया था कि इंसान भूल बस बंधन में हैै । कहने का तात्पर्य है कि इंसान भूलवश बंधनों में बंधा हुआ है । इंसान के मोक्ष कि यदि सबसे बड़ी बाधा है तो वह बाधा बंधन है । जो व्यक्ति बंधनों से मुक्त हो जाता है वह व्यक्ति मोक्ष प्राप्त कर लेता है ।

अभिलाष दास के द्वारा जब प्रवचन दिए जाते थे तब संत अभिलाष दास के प्रवचनों को सुनने के लिए दूर-दूर से लोग आते थे और अभिलाष दास के प्रवचनों को सुनकर ज्ञान प्राप्त करते थे । जो व्यक्ति अपने लिए कार्य न करते हुए समाज , देशहित , जन कल्याण हेतु कार्य करता है वह इंसान नहीं वह भगवान के समान होता है । जो इंसान दूसरों के लिए कार्य करता है वह लोगों को सत्य का रास्ता दिखाता है ।दोस्तों आज अभिलाष दास हमारे बीच में नहीं है परंतु उनके द्वारा कही गई बातें हमारे साथ में हैं ।

हम सभी को यह प्रयास करने चाहिए कि अभिलाष दास के द्वारा बताई गई बातें जानकार बातों को अमल में लाकर अपने आप को बंधनों से मुक्त करके मोक्ष प्राप्त करना चाहिए क्योंकि जब तक हम बंधन में बंधे हुए हैं तब तक हम मोक्ष प्राप्त नहीं कर सकते है । मनुष्य को मोक्ष प्राप्त करने के लिए मोह माया को त्यागने की आवश्यकता होती है । अभिलाष दास के द्वारा कबीर शिक्षा , संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य इसलिए किया गया था कि मनुष्य सच्चाई के रास्ते पर चलें , अंधविश्वास में फंसकर अपना जीवन बर्बाद ना करें ।

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