आलस्य से मुक्ति पर कहानी “Aalasya se mukti”

हेलो फ्रेंड्स कैसे हैं आप सभी,दोस्तों कहते हैं जिंदगी में आलस्य सभी का दुश्मन होता है,अगर एक सफल इंसान पर भी आलस्य सवार हो जाए तो वह भी जीवन में बहुत पीछे रह जाता है दोस्तों आज की हमारी पोस्ट आलस्य के ऊपर है.

दोस्तों काफी समय पहले एक किसान जिसकी स्थिति बहुत ही अच्छी थी जो अपने जीवन में खुश था, हर साल उसकी फसल बहुत अच्छी निकलती थी और उसके पास बहुत से जानवर थे जो कि दूध देते थे उसने बहुत सारे लोग काम पर रख रखे थे जो कि उसका दूध बेचने के लिए जाते थे और उससे उसकी बहुत अच्छी आमदनी होती थी,वह किसान आर्थिक रुप से मजबूत था लेकिन देखते ही देखते उसकी आर्थिक स्थिति धीरे-धीरे कमजोर होने लगी,उसकी फसल भी कम निकलने लगी,दूध भी कम निकलने लगा और निरंतर जानवर भी कम होने लगेअ,उसके जीवन में बहुत ही दुखी था.

एक दिन उसको उसका एक दोस्त मिला,दोनों में वार्तालाप हो रही थी तभी उसने अपने दोस्त से कहा की पहले की स्थिति मेरी कितनी अच्छी थी लेकिन दिना दिन मेरी स्थिति बहुत ही कमजोर होती जा रही है,फसल भी कम निकलती है और जानवर भी कम दूध देने लगे हैं,पता नहीं ऐसा क्यों होता है तब उसके दोस्त ने कहा कि एक काम कर तू सुबह से शाम तक अपने खेत की ओर जाना,दोपहर के वक़्त उधर एक सफेद कलर का बदक घूमता है,जिस किसी ने उसको देखा है वह अपनी जीवन में बहुत ही खुश होता है और उसके पास सब कुछ पहले जैसा हो जाता है.

किसान बहुत ही खुश हुआ वह अगले दिन से अपने दोस्त के कहे अनुसार सुबह से शाम तक उस बदक की तलाश में अपने खेतों की ओर निकल पड़ा,वह इधर-उधर घूम रहता था लेकिन कहीं पर भी उसे बदक नहीं नजर आया,इस तरह से किसान को सुबह से शाम तक घुमते घुमते कई दिन हो चुके थे,धीरे धीरे उसने महसूस किया कि उसकी आर्थिक स्थिति बहुत ही अच्छी होने लगी,एक दिन उसको वही दोस्त मिला उसने अपनी पूरी बात अपने दोस्त से कही उसने कहा कि मैं सुबह से शाम तक उस बदक की तलाश में निकलता हूं लेकिन अब तक तो मुझे नहीं मिला लेकिन मेरी आर्थिक स्थिति पहले जैसी होने लगी है तब उसके दोस्त ने कहा की कोई ऐसा सफेद कलर का बदक नहीं है.

दरअसल तू आलस के कारण अपने काम की तरफ ध्यान नहीं दे रहा था,तुम्हारे नौकर-चाकर सही से काम नहीं करते थे,खेतों की सही से देखरेख नहीं करते थे और ना ही जानवरों की सही से देख रेख करते थे,जब तू सुबह से शाम तक अपने खेतों की और घूमने चला जाता तो उन्हें डर लगने लगा और वह पहले जैसे तुम्हारे खेतों की और जानवरों की देख-रेख करने लगे,अब तुम्हारी फसल का उत्पादन भी अच्छे से होने लगा और तुम्हारे जानवर भी अच्छे से दूध देने लगे और तुम्हारी आर्थिक स्थिति मजबूत हो गई,अगर तू पहले ही आलस न करता और अपने नौकर-चाकर,जानवरों पर ध्यान देता और कभी-कभी अपनी आलस को दूर कर उनकी देखरेख के लिए घुम आया करता तो ऐसी स्थिति कभी नही आती.

दोस्तों वाकई में अगर जिंदगी में हम आलस्य करें तो हम कुछ भी नहीं कर पाएंगे इसलिए आलस को दूर कीजिए और जिंदगी में एक कामयाबी की ओर पहल कीजिए,अगर आपको हमारी पोस्ट Aalasya se mukti पसंद आई हो तो इसे शेयर जरूर करें और हमारा फेसबुक पेज लाइक करना न भूले और हमें कमेंट्स के जरिये बताएं कि आपको हमारी पोस्ट कैसी लगी.

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