प्रकाश पर निबंध Essay on light in hindi
Essay on light in hindi
दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से प्रकाश के बारे में बताने जा रहे हैं । चलिए अब हम प्रकाश पर लिखें इस निबंध को पढ़ते हैं ।
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प्रकाश – प्रकाश पूरी दुनिया को ऐसी रोशनी देता हैं जिस रोशनी से पूरी दुनिया को उजाला मिलता है । प्रकाश की रोशनी से दुनिया रोशन होती है । सुबह से लेकर शाम तक सूरज की किरणों से पूरी दुनिया को प्रकाश प्राप्त होता है ।प्रकाश की रोशनी को समझाने के लिए कई वैज्ञानिकों ने कई थ्योरी दी हैं । कई महान वैज्ञानिकों ने प्रकाश को समझाने के लिए प्रकाश के गुण धर्मों को समझाने की कोशिश की है । कई प्रकार की खोजबीन करके प्रकाश के तथ्यों को जाना है ।
जब वैज्ञानिकों ने प्रकाश को जानने के लिए खोजबीन की तब वैज्ञानिकों ने यह कहा था कि प्रकाश एक प्रकार से ऊर्जा का प्रकार है । ऊर्जा से ही प्रकाश की उत्पत्ति होती है । ऊर्जा में कई तरह के कण पाए जाते हैं । प्रकाश के जो कण होते हैं वह इलास्टिक प्रवृत्ति के होते हैं । इसके बाद वैज्ञानिकों ने प्रकाश को जानने के लिए , प्रकाश की गति को जानने के लिए प्रकाश के कई सिद्धांत की खोज की थी । प्रकाश के कण किस तरह से गतिशील होते हैं । प्रकाश के जो कण होते हैं वह स्ट्रेथलाइन में गतिशील होते हैं ।
प्रकाश केे प्रत्येक कण जब मूव करते हैं तब यह अपने पास किनेटिक एनर्जी बहुत अधिक मात्रा में रखते है । इससे यह अपनी उर्जा को बढ़ाने का काम करते है । यदि हम इन कणों की बेलो सिटी के बारे में बात करें तो प्रकाश के इन कणों की बेलो सिटी बहुत अधिक होती है । यह बेलो सिटी के माध्यम से अपनी गति को बढ़ाते हैं । प्रकाश कई कणों से मिलकर बनता है और पूरी दुनिया को रोशनी देता है । प्रकाश रोशनी देने के साथ-साथ मनुष्य को उर्जा भी देता है ।
प्रकाश मनुष्य के जीवन को कई लाभ देने के साथ-साथ प्रकृति को भी हरा भरा करता है । प्रकृति को प्रकाश के माध्यम से , प्रकाश की किरणों के माध्यम से कई तरह का लाभ प्राप्त होता है । यदि प्रकाश की किरणें इस धरती पर नहीं होती तो मानव का जीवन संभव नहीं होता । प्रकाश ने दुनिया को जीवन दिया है । प्रकाश को जानने के लिए कई वैज्ञानिकों ने अपने-अपने मत दिए हैं । हम अब सबसे महान वैज्ञानिक न्यूटन के बारे में बात करते हैं और जानते हैं की प्रकाश के बारे में न्यूटन का क्या कहना है ।
प्रकाश के लिए न्यूटन की थ्योरी – न्यूटन एक महान वैज्ञानिक था । न्यूटन ने कई बड़ी-बड़ी खोजें की हैं । प्रकाश को किस तरह से न्यूटन ने समझा है और अपनी थ्योरी में वह प्रकाश के बारे में क्या कहते हैं । यह सब न्यूटन ने अपने द्वारा लिखी गई थ्योरी में लिखा है । न्यूटन ने सन 1704 में प्रकाश को लेकर एक थ्योरी लिखी थी ।न्यूटन ने जब प्रकाश से संबंधित थ्योरी लिखी तब उन्होंने उस थ्योरी में प्रकाश के व्यवहार को समझाने की कोशिश की थी क्योंकि न्यूटन यह जानता था कि यदि में प्रकाश के व्यवहार को समझाने में सफल रहा तो मैं प्रकाश के बारे में सभी को संक्षिप्त रूप से समझा सकता हूं ।
जब उन्होंने प्रकाश के व्यवहार को प्रस्तुत किया तब काफी लोगों ने न्यूटन का साथ दिया था और न्यूटन ने प्रकाश के व्यवहार को बड़ी गहराई से समझाया था । प्रकाश के व्यवहार को समझने के बाद सभी ने न्यूटन का साथ दिया था क्योंकि वह प्रकाश के व्यवहार को समझाने में कामयाब हो गए थे । न्यूटन का यह कहना था कि कड़ीकाओ से प्रकाश के स्त्रोत लगातार मिलते रहते हैं जिससे कि ऊर्जा का निर्माण होता है । जब ऊर्जा का निर्माण होता है तब रोशनी उत्पन्न होती है ।
न्यूटन ने कई उदाहरण के माध्यम से यह साबित कर दिया था कि कणिकाएं प्रकाश के स्त्रोत से लगातार मिलते रहते हैं ।
न्यूटन के द्वारा दिया गया कणिका सिद्धांत – न्यूटन ने प्रकाश को समझाने के लिए 1642 एवं 1727 को कणिका सिद्धांत दीया था । इस सिद्धांत के माध्यम से यह माना गया था कि प्रदीप्त वस्तु में से प्रकाश अत्यंत सूक्ष्म एवं तीव्रर गामी कणिकाओं के रूप में बाहर निकलता है ।इस सिद्धांत के अनुसार लाल प्रकाश की जो कणिकाए होती हैं वह बहुत बड़ी होती है । न्यूटन के कड़ीका सिद्धांत के अनुसार बेगिनी प्रकाश की कणिकाएं बहुत छोटी होती हैं । इसके बाद न्यूटन ने तरंग सिद्धांत को भी एक थ्योरी के माध्यम से समझाया है ।
प्रकाश को पूरी तरह से परिभाषित करने केेेे लिए कई तरह के सिद्धांत न्यूटन के द्वारा दिए गए थे । मैंकुल सिद्धांत के माध्यम से भी प्रकाश को समझाया गया है । मैंकुल सिद्धांत के अनुसार यह बताया गया था की सभी द्रव्यों में ईथर का घनत्व बराबर होता है लेकिन प्रत्यास्थता में फर्क होता है । न्यूटन के माध्यम से विद्युत चुंबकीय सिद्धांत को भी समझाया गया है कि किस तरह से प्रकाश विद्युत चुंबकीय की तरह होता है ।
क्रिश्चयन ह्यूजेंस डेवेल के अनुसार प्रकाश का सिद्धांत – क्रिश्चयन ह्यूजेंस डेवेल के द्वारा प्रकाश को संक्षिप्त रूप से लोगों को समझाने के लिए कई लेख लिखे हैं । क्रिश्चयन ह्यूजेंस डेवेल ने प्रकाश को विस्तृत रूप से लोगों को समझाने की कोशिश की है । क्रिश्चयन ह्यूजेंस डेवेल का प्रकाश के बारे में यह कहना था कि प्रकाश तरंगों के रूप में काम करता है । क्रिश्चयन ह्यूजेंस डेवेल ने प्रकाश को समझाने के लिए एक थ्योरी भी लिखी है और उस थ्योरी का नाम थ्योरी ऑफ लाइट रखा था जिसे हिंदी में प्रकाश का सिद्धांत कहते हैं ।
क्रिश्चयन ह्यूजेंस डेवेल ने प्रकाश के सिद्धांत को समझाने की कोशिश की और उन्होंने प्रकाश के सिद्धांत को समझाने के लिए कई उदाहरण भी प्रस्तुत किए थे । क्रिश्चयन ह्यूजेंस डेवेल के अनुसार प्रकाश के सिद्धांत से यह सिद्ध हो जाएगा कि प्रकाश क्या है । प्रकाश कैसे उत्पन्नन होता है । प्रकाश की गति क्या है ? प्रकाश में कितनी उर्जा होती है ? यह सब क्रिश्चयन ह्यूजेंस डेवेल की थ्योरी से पता चल जाएगा । क्रिश्चयन ह्यूजेंस डेवेल ने प्रकाश के सिद्धांत को समझाने के लिए एक उदाहरण भी लोगों को बताया था और वह उदाहरण सभी को पसंद आया था ।
क्रिश्चयन ह्यूजेंस डेवेल के द्वारा प्रकाश के सिद्धांत पर दिया गया उदाहरण इस प्रकार से है । क्रिश्चयन ह्यूजेंस डेवेल ने एक कंकड़ पानी में फेंका । जैसे ही वह कंकड़ पानी मेंं जाता है वह कंकड़ भारी होने के कारण नीचे चला जाता है और पानी केे ऊपरी सतह पर लहरें उत्पन्न होनेे लगती हैं । पानी की लहरें मूूूब उत्पन्न करने लगती हैं । उसी तरह से प्रकाशमान कण अधिक मात्रा में तरंगे उत्पन्न करता है जिससे ऊर्जा का निर्माण हो जाता है ।
विद्युत चुंबकीय सिद्धांत एवं क्वांटम सिद्धांत – कई वैज्ञानिकों के द्वारा प्रकाश को परिभाषित करने के लिए कई सिद्धांत दिए गए थे । प्रकाश के सिद्धांत को विद्युत चुंबकीय सिद्धांत एवं क्वांटम सिद्धांत के माध्यम से स्पष्ट किया गया था । विद्युत चुंबकीय सिद्धांत ने कई ऐसे पक्ष रखे थे जिससे कि प्रकाश को समझने में आसानी हुई थी । विद्युत चुंबकीय सिद्धांत के माध्यम से प्रकाश की परिभाषा को सरलता से समझा जा सकता है । विद्युत चुंबकीय बलों को परिभाषित करने के लिए फैराडे ने कई सालों तक मेहनत की थी और यह बताया कि ईथर की विकृति के कारण ही बल उत्पन्न होता है ।
फैराडे ने इस परिभाषा को समझाने के लिए एक सर्वव्यापी ईथर की परिकल्पना बनाकर तैयार की थी और उसी के माध्यम से उसने यह समझाया था कि ईथर के टूटने के कारण एवं विकृति के कारण ही यह बल उत्पन्न होता है । प्रकाश को लेकर कई तरह के सुझाव फैराडे के द्वारा दिए गए थे । फैराडे के बाद मैक्सवेल ने 1865 में यह कहा था कि बलों का जो स्थानांतरण होता है वह तरंगों के रूप में होता है । इस सिद्धांत को सभी के सामने रखा और कई वर्षों तक इस सिद्धांत को सभी को समझाने की कोशिश की गई थी लेकिन वैज्ञानिकों ने इस सिद्धांत को सफल नहीं बताया था ।
इसके बाद 1887 में हेटर्स ने यह प्रस्ताव दिया था कि प्रकाश की तरंगों की लंबाई बहुत अधिक छोटी होती है ।इस तरह से विद्युत चुंबकीय सिद्धांत के बाद क्वांटम सिद्धांत को खोजा गया । क्वांटम सिद्धांत को सभी के समक्ष प्रस्तुत किया गया था । कई सिद्धांतों के द्वारा प्रकाश को परिभाषित किया गया था लेकिन आज सिर्फ दो सिद्धांतों को सफलता प्राप्त हुई है और उन सिद्धांतों के नाम विद्युत चुंबकीय सिद्धांत एवं क्वांटम सिद्धांत हैं । विद्युत चुंबकीय सिद्धांत और क्वांटम सिद्धांत से प्रकाश के सिद्धांत को सीधे-सीधे समझा जा सकता है ।
क्वांटम सिद्धांत एवं चुंबकीय सिद्धांत एक सफल सिद्धांत साबित हुआ था । प्रकाश के सिद्धांत को समझाने के लिए कई वैज्ञानिकों ने अपना योगदान दिया था । सबसे बड़ा योगदान न्यूटन का था जिसने प्रकाश के सिद्धांत को समझाने का प्रयत्न किया था । इसके बाद न्यूटन के सिद्धांत को आगे बढ़ाते हुए प्रकाश को समझाने के लिए कई वैज्ञानिक खोजबीन कर रहे थे । फैराडे , मैक्सवेल जैसे महान वैज्ञानिकों ने प्रकाश की परिभाषा को समझाने के लिए बहुत अधिक मेहनत की है । उन्हीं की मेहनत के कारण प्रकाश के सिद्धांत को हम सभी समझ पाए हैं ।
थॉमस एल्बा एडिसन का ऊष्मा प्रकाश और शक्ति का सिद्धांत – थॉमस एल्बा एडिसन एक महान वैज्ञानिक थे ।इन्होंने प्रकाश को संक्षिप्त रूप से समझा और प्रकाश के माध्यम से कई अविष्कार किए हैं । थॉमस एल्बा एडिसन ने 1879 को प्रकाश के माध्यम से जिस तरह से पूरी दुनिया को रोशनी मिलती है उसी तरह से प्रकाश उत्पन्न करके दुनिया को रोशनी देने का काम थॉमस एल्बा एडिसन ने किया था । 1879 को थॉमस एल्बा एडिसन ने बल्ब का निर्माण किया था । आज दुनिया के हर हिस्से में बल्ब का उपयोग किया जाता है । यह सब थॉमस एल्बा एडिसन के माध्यम से ही संभव हो पाया है ।
मनुष्य के जीवन में प्रकाश का महत्व – मनुष्य के जीवन में प्रकाश का बहुत अधिक महत्व रहा है क्योंकि प्रकाश के माध्यम से मनुष्य का जीवन अधूरा है । मनुष्य को हवा , पानी , प्रकाश की किरण एवं भोजन की आवश्यकता जीने के लिए होती है । इन सभी के बिना मनुष्य का जीवन अधूरा रहता है । सूर्य की किरणों से मनुष्य को कई प्रोटीन एवं विटामिन शरीर को मिलते हैं । यदि सूर्य की किरण मनुष्य को नहीं मिले तो वह अधिक समय तक जीवित नहीं रह पाएगा । सूर्य की किरणों में रोगनाशक शक्ति होती है ।
सूर्य की किरण हमें अपनी किरणों के माध्यम से शरीर को रोगों से लड़ने की ताकत देते है । यदि सूर्य की किरणें नहीं होती तो हमारा शरीर रोगों से जकड़ा हुआ होता । इसलिए सूर्य की किरणों का मनुष्य के जीवन में बड़ा महत्व है । सूर्य की किरणों में औषधीय गुणों का अपार भंडार होता है । यदि किसी व्यक्ति को टीवी की बीमारी हो जाती है तो उसके शरीर के अंदर अधिक मात्रा में कीटाणु उत्पन्न हो जाते हैं । वैज्ञानिकों का एवं डॉक्टरों का यह मानना है कि मनुष्य के शरीर के अंदर जो टीवी के कीटाणु होते हैं वह उबलते हुए पानी से इतने नष्ट नहीं होते जितने की सूर्य के तेज किरणों से हो जाते हैं ।
सूर्य की किरणों में बहुत अधिक शक्ति होती है । कई ऐसे तत्व सूर्य की किरणों में पाए जाते हैं जिन तत्वों से हमारे शरीर को कई तरह के लाभ होते है । मनुष्य को स्वस्थ एवं निरोगी जीवन जीने के लिए शुद्ध , हवा एवं प्रकाश दोनों की आवश्यकता होती है । मनुष्य के शरीर में यदि दोनों में से किसी एक चीज की कमी हो जाती है तो वह बीमार हो जाता है , उसके शरीर के अंदर कई तरह की बीमारियां उत्पन्न हो जाती हैं । इसीलिए मनुष्य के जीवन में प्रकाश का बड़ा महत्व है । प्रकाश जब अपनी रंग बिरंगी किरणें धरती पर भेजता है तब प्रकाश की किरणों की सुंदरता और भी अच्छी लगती है क्योंकि प्रकाश कई तरह की कणिकाओं से मिलकर बना होता है ।
पेड़ पौधों के जीवन में प्रकाश का महत्व – पेड़ पौधों को जीवित रखने के लिए पानी के साथ साथ प्रकाश की किरणों की आवश्यकता होती है । यदि पेड़ पौधों को प्रकाश की किरण नहीं मिलती तो वह सूख जाते हैं । इसीलिए पेड़ पौधों को पानी के साथ साथ प्रकाश की किरणों की भी आवश्यकता होती है । वनस्पति पत्तों को प्रकाश की किरणों की सबसे अधिक आवश्यकता होती है । जब वनस्पति पौधों के ऊपर प्रकाश की किरणें पड़ती हैं तब उन किरणों से एक क्लोरोफिल नामक तत्व का निर्माण होता है और वनस्पति पौधे हरे भरे होते हैं ।
क्लोरोफिल नामक तत्व के बिना वनस्पति पौधे सूख जाते हैं । क्लोरोफिल से पौधे हरे-भरे एवं सुंदर दिखाई देते हैं ।जब वनस्पति पौधों के अंदर क्लोरोफिल नामक तत्व की कमी हो जाती है तब वह मुरझा जाते हैं और धीरे-धीरे नष्ट होने लगते हैं । पेड़ पौधों के साथ-साथ कई तरह की फसलों को बड़ी होने में प्रकाश की किरणों की आवश्यकता होती है ।
प्रकाश की गति – प्रकाश की गति को समझाने के लिए कई वैज्ञानिकों ने अपने अपने मत रखे थे । कई वैज्ञानिकों के अनुसार प्रकाश की गति को इस तरह से नापा जाता है । 1 सेकंड में प्रकाश 186000 मील की दूरी तय कर लेता है । यदि 1 साल की बात करें तो प्रकाश 1 साल में 5880,000,000,0000 मिल की दूरी तय कर लेता है ।इस दूरी का नाम 1 वर्ष का प्रकाश रखा था ।
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