माता चिंतपूर्णी मंदिर का इतिहास Mata chintpurni history in hindi

Mata chintpurni history in hindi

दोस्तों नमस्कार कैसे हैं आप सभी, दोस्तों आज हम हिमाचल प्रदेश के एक बहुत ही बेहतरीन मंदिर के बारे में बताने वाले हैं तो चलिए पढ़ते हैं माता चिंतपूर्णी मंदिर के इतिहास के बारे में

Mata chintpurni history in hindi
Mata chintpurni history in hindi

मंदिर का इतिहास

मंदिर के इतिहास की बात करें तो मंदिर का इतिहास काफी पुराना है दरहसल माता सती के 51 शक्ति पीठों में से यह मंदिर एक है इसलिए यह मंदिर काफी महत्वपूर्ण हो जाता है, यहां पर हजारों श्रद्धालु मां चिंतपूर्णी के दर्शन करने के लिए आते हैं।

ऐसा माना जाता है की माता चिंतपूर्णी के दर्शन करने से समस्त चिंताएं दूर हो जाती है, ऐसा कहा जाता है कि 17वीं शताब्दी में मुगलों ने इस स्थान पर आक्रमण करने की कोशिश की थी लेकिन मुगलों की सेवा को मां चिंतपूर्णी ने अंधा कर दिया था जिस वजह से वह इस स्थान को नुकसान नहीं पहुंचा पाए।

मंदिर की बनावट

माता चिंतपूर्णी का मंदिर एक गुफा के अंदर है, गुफा के अंदर एक पिंडी के रूप में माता चिंतपूर्णी विराजमान है। गुफा के अंदर यह मंदिर है इसलिए यह काफी बेहतरीन लगता है। मंदिर के प्रांगण में भगवान शिव एवं हनुमान जी महाराज का भी मंदिर है श्रद्धालु यहां के भी दर्शन अवश्य करते हैं।

मंदिर के बारे में कथा

मंदिर के बारे में कथा काफी प्रसिद्ध है देवी सती के पिताजी ने एक यज्ञ किया था जिसमें सभी देवी देवताओं को बुलाया था लेकिन भगवान शिव को नहीं बुलाया लेकिन देवी सती से यह अपमान सहा नहीं गया और वह अपने पिता के यज्ञ समारोह में चली गई और अपने पिता की कुछ बातों से क्रोधित होकर उन्होंने अपने आप को मृत्यु को प्राप्त कर लिया और जब शिव शंकर वहां पर आए तो वह काफी ज्यादा दुखी हुए।

भगवान शिव माता सती के शरीर को लेकर ब्रह्मांड में चारों ओर घूमते रहे और माता सती के अलग-अलग अंग अलग-अलग स्थान पर गिरे। माता सती के चरण इसी स्थान पर गिरे इसे शक्तिपीठ कहा जाता है और माता सती के चरण इस स्थान पर गिरे तभी से इस स्थान को माता चिंतपूर्णी के नाम से जाना जाता है।

माता चिंतपूर्णी चिंताओं को दूर करने वाली और अपनी इच्छाओं को पूरा करने वाली है।

मंदिर में मनाए जाने वाले त्योहार

मंदिर में कई त्योहार विशेष धूमधाम से मनाए जाते हैं। मंदिर में विशेषकर नवरात्रि धूमधाम से मनाई जाती है जिसमें बहुत सारे श्रद्धालु मां चिंतपूर्णी के दर्शन के लिए आते हैं इसके अलावा मंदिर में महाशिवरात्रि और रक्षाबंधन जैसे त्यौहार भी बड़े ही धूमधाम से मनााए जाते हैं।

मंदिर के आसपास के अन्य दार्शनिक स्थल

चिंतपूर्णी माता के मंदिर के पास कुछ दार्शनिक स्थल भी हैं जिन्हें हमें अवश्य देखना चाहिए। चिंतपूर्णी मंदिर के पास एक तालाब स्थित है जहां पर श्रद्धालु स्नान आदि करके निवृत्ति होते हैं। इसके अलावा चिंतपूर्णी माता मंदिर से केवल कुछ ही दूरी पर ज्वाला देवी मंदिर है जहां पर भी श्रद्धालु बड़ी संख्या में माता ज्वाला देवी के दर्शन करने के लिए जाते हैं।

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