कुस्तुनतुनिया का इतिहास Kustuntuniya history in hindi
Kustuntuniya history in hindi
दोस्तों नमस्कार कैसे हैं आप सभी, आज हम कुस्तुनतुनिया के इतिहास के बारे में जानेंगे
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कुस्तुनतुनिया का इतिहास
कुस्तुनतुनिया का इतिहास काफी रोचक रहा है। कुस्तुनतुनिया को इस्तांबुल भी कहा जाता है। कुस्तुनतुनिया दुनिया का एक ऐसा शहर है जो तीन महाद्वीपों यूरोप, एशिया और अफ्रीका में फैला है। यहां पर प्रमुख रूप से ईसाई धर्म के लोग रहते हैं। कुस्तुनतुनिया का इतिहास लगभग 2700 वर्ष पुराना है।
ऐसा माना जाता है कि कुस्तुनतुनिया की स्थापना 657 ईसा पूर्व में हुई थी लेकिन कुछ समय के पश्चात इसे न्यू रोम के रूप में जाना जाने लगा।
इसके बाद यह न्यूरोम नाम का शहर काफी समय तक राजधानी के रूप में रहा और देश दुनिया में अपनी प्रसिद्ध संस्कृति, वास्तुकला आदि की वजह से काफी प्रसिद्ध भी रहा। इतना ही नहीं यह काफी अमीर शहरों में गिना जाता था।
इसके कुछ समय बाद यानी लगभग 1453 में सुल्तान मेहनत द्वितीय ने इस पर अपना कब्जा किया और फिर यह शहर इस्तांबुल के नाम से जाना जाने लगा।
ऐसा माना जाता है कि इस्तानबुल लगभग 500 वर्ष तक सुल्तान मेहनत द्वितीय के कब्जे में रहा, इस बीच में इस शहर ने काफी उन्नति भी की।
यहां की शिक्षा, कला आदि का विकास हुआ, व्यापारों का विकास हुआ लेकिन जब प्रथम विश्व युद्ध हुआ था उस युद्ध के बाद इस्तांबुल पर तुर्की ने कब्जा कर लिया था और आज के आधुनिक युग की बात करें तो इस आधुनिक युग में भी इंस्ताबुल तुर्की के एक प्रमुख शहर के रूप में जाना जाता है।
इतना ही नहीं यह काफी समृदशाली शहर भी है, इसकी संस्कृति लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने वाली है। यहां पर कई तरह के पर्यटक स्थल हैं जहां पर पर्यटक बार-बार जाना पसंद करते हैं।
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