नकोदर का इतिहास Nakodar history in hindi
Nakodar history in hindi
दोस्तों नमस्कार कैसे हैं आप सभी, दोस्तों आज हम आपके लिए लाए हैं नकोदर के इतिहास के बारे में तो चलिए पढ़ते हैं आज के हमारे इस लेख को
नकोदर एक ऐसा शहर है जो पंजाब के एक जिले जालंधर में स्थित है। नकोदर की ऐतिहासिक महत्वता काफी प्रसिद्ध भी है, यह एक सांस्कृतिक धरोहर है। दरहसल इस शहर का नाम नकोदर बाबा नाकोदा के नाम पर रखा गया। बाबा नाकोदा गुरु नानक देव के शिष्य थे।
नकोदर का इतिहास- काफी प्राचीन है कहा जाता है कि इसका इतिहास वैदिक काल से शुरू हुआ था दरअसल उस समय कई ऋषि मुनियों का आश्रम यहां हुआ करता था जहां पर वो अपनी ध्यान और तपस्या में मग्न रहते थे।
समय गुजरता गया और नाकोदा का यह क्षेत्र सम्राटों के राज्यों का हिस्सा बन गया। जब मगध साम्राज्य आया तब उस समय नकोदर क्षेत्र को उसका एक हिस्सा बनाया गया लेकिन कुछ समय बाद यह अलग-अलग विभाजित हो गया।
कुछ समय बाद जब मुगल साम्राज्य आया तब उस समय मुगल साम्राज्य में इस शहर को काफी विकसित किया गया था। यहां पर कई तरह की व्यापार शुरू किए गए हैं। कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में यह शहर काफी आगे बड़ा।
मुगल साम्राज्य में इस शहर में कई धार्मिक स्थलों का भी निर्माण कराया गया इस तरह से यह शहर काफी आगे बढ़ा। कुछ समय बाद जब सिख धर्म का उदय हुआ तब बाबा नाकोड़ा ने अपने उपदेशों का प्रचार प्रसार शुरू किया, वह इस क्षेत्र में अपने अनुयायियों को धार्मिक शिक्षा दिया करते थे जिससे समाज में सुधार आए।
सिख धर्म के महान गुरु गुरु गोविंद सिंह ने भी इस शहर में कई ऐसे केंद्र बनाए जिससे उन्होंने धर्म का प्रचार प्रसार किया यहां तक की स्वतंत्रता संग्राम के समय में भी इस शहर में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई थी।
नाकोदा शहर में कई कलाकार और साहित्यकारों का भी जन्म हुआ है जो काफी प्रसिद्ध है। आज भी नाकोदा शहर काफी प्रसिद्ध है यहां के धार्मिक स्थल एवं प्राचीन स्मारक काफी प्रसिद्ध हैं।
यहां की संस्कृति का काफी महत्व भी है वास्तव में नाकोदा शहर पंजाब का एक बहुत ही प्रमुख शहर है यहां पर हमें एक बार भ्रमण करने के लिए जरूर जाना चाहिए।
दोस्तों मेरे द्वारा लिखा यह आर्टिकल आप अपने दोस्तों में शेयर करें और हमें सब्सक्राइब करें जिससे इस तरह के बेहतरीन आर्टिकल हम आपके लिए लिख सके।