मन्नू भंडारी जी की जीवनी mannu bhandari biography in hindi

mannu bhandari biography in hindi

दोस्तों नमस्कार कैसे हैं आप सभी, दोस्तों आज के हमारे इस आर्टिकल में हम पढ़ने वाले हैं मन्नू भंडारी जी के जीवन के बारे में। मन्नू भंडारी जो कि साहित्यकार एवं उपन्यासकार थी जो काफी प्रसिद्ध भी थी तो चलिए पढ़ते हैं उनके जीवन के बारे में शुरू से

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मन्नू भंडारी जिनका असली नाम मनोरमा गोयल है यह एक काफी प्रसिद्ध भारतीय साहित्यकार एवं उपन्यासकार रहे इन्होंने अपने करियर में कई शायद एवं उपन्यास लिखे है। इनका जन्म अप्रैल 1931 को मध्यप्रदेश में हुआ था। मन्नू भंडारी ने अपनी शुरुआती शिक्षा लखनऊ से शुरू की और फिर आगे की पढ़ाई करने के लिए वह कानपुर चले गए।

उनकी शुरू से ही लेखन में बहुत ज्यादा रुचि थी इसीलिए उन्होंने लेखन का कार्य शुरू कर दिया था। उन्होंने कहानी आम लोग लिखी जो की बहुत ही बेहतरीन थी जिसने समाज के बारे में बहुत ही महत्वपूर्ण बातें बताएं। मन्नू भंडारी जी के द्वारा लिखे लेख लोग काफी पसंद किए जाते थे यहां तक की राष्ट्रीय स्तर पर भी उनके लेखों को पहचान मिली थी।

इन्होंने राजनीति के बारे में भी अपने लेेख में लिखा इसके अलावा इन्होंने समाज एवं आध्यात्मिकता के बारे में भी अपने लेखों में स्थान दिया है। वास्तव में उनके द्वारा लिखे लेख उनके अनुभवों के अनुसार काफी महत्वपूर्ण थे जो समाज पर काफी ज्यादा प्रभाव डालते थे। इन्होंने कई उपन्यास एवं कहानी लिखे जिनमे आंसू और मां एवं यहां वहां हैं।

इनको मिले सम्मान  मन्नू भंडारी जी ने अपने जीवन में कई लेख लिखे जिनकी वजह से आज वह किसी पहचान के मोहताज नहीं है उन्हें पद्मश्री एवं साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है जो की काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने देश दुनिया में काफी महत्वपूर्ण स्थान बनाया है शायद प्रेमियों के लिए मन्नू भंडार की काफी महत्वपूर्ण है। इनके लेेख ने समाज में एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया है।

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