श्री शत्रुंजय तीर्थ की जानकारी Shatrunjay tirth history in hindi
shatrunjay tirth history in hindi
दोस्तों आज हम आपको श्री शत्रुंजय तीर्थ के बारे में बताने जा रहे हैं । इस लेख के माध्यम से हम शत्रुंजय तीर्थ के बारे में पढ़ेंगे । शत्रुंजय तीर्थ प्राचीन समय से ही जैन धर्म के लोगों के लिए आस्था का केंद्र रहा है । यहां पर जैन धर्म के ऋषि मुनियों ने अपने तप से सिद्धि प्राप्त की है । यहां पर जैन धर्म के महाऋषि मुनियों के मंदिर बने हुए हैं । यह तीर्थ पहाड़ियों पर स्थित है ।
इस तीर्थ के मंदिर के निर्माण के लिए राजा महाराजा एवं बड़े बड़े सेठो ने धन दिया था । यहां पर जैन धर्म के महाऋषियों ने तपस्या करके ज्ञान प्राप्त किया था ।
लाखों जैन धर्म के लोग यहां पर दर्शन करने के लिए आते हैं । शत्रुंजय की पावन धरती पर नेमिनाथ भगवान के अलावा 23 जैन तीर्थ कर यहां पर पधारे थे । उन्होंने शत्रुंजय की धरती को अपने चरणों से पावन किया था । जैन धर्म के कई मुनियों ने यहां पर मोक्ष प्राप्त किया है ।इसीलिए श्री शत्रुंजय का तीर्थ बहुत ही शुभ माना जाता है ।
यहां पर आने से सुख , शांति और समृद्धि प्राप्त होती है । शत्रुंजय के तीर्थ पर आदिनाथ भगवान , विमल शाह भगवान , कुमारपाल भगवान की मूर्ति विराजमान है । शत्रुंजय के पहाड़ पर जब घंटी बजती है तो आसपास के क्षेत्रों में घंटी की आवाज सुनाई देती है । प्रतिवर्ष जैन धर्म के लोग शत्रुंजय तीर्थ पर दर्शन करने के लिए जाते हैं । जैन धर्म के लोगों का यह मानना है कि यहां पर जाने से मोक्ष प्राप्त होता है ।
जो व्यक्ति यहां पर आकर भगवान आदिनाथ के दर्शन करता है उसको सुख , शांति , समृद्धि प्राप्त होती है । इस तीर्थ स्थल से जैन धर्म के लोगों की आस्था जुड़ी हुई है । ऐसा कहा जाता है कि जैन धर्म के लोग इस तीर्थ को घूमने के लिए अवश्य जाते हैं । शत्रुंजय पहाड़ जैन मंदिरों से बना हुआ है । यहां पर बहुत सारे जैन मंदिर बने हुए हैं ।
शत्रुंजय के मंदिर को देखने की इच्छा सभी जैन धर्म के लोगों की होती है । इस मंदिर के निर्माण के लिए बहुत सा धन प्रतिवर्ष एकत्रित होता है । इस मंदिर का भव्य निर्माण बड़े-बड़े सेटों के द्वारा किया गया था । जो भी व्यक्ति इस मंदिर के दर्शन के लिए आता है वह इस मंदिर की सुंदरता और आस्था को देखते हुए बहुत सा धन दान में दे देता है जिससे मंदिर की और सुंदरता बढ़ सकें । शत्रुंजय के पहाड़ियों की सुंदरता पूरे भारत में प्रसिद्ध है ।
पहाड़ों के साथ मंदिर की सुंदरता देखने के लायक होती है । यहां पर जैन धर्मों की आस्था प्राचीन समय से ही मानी जाती है । यहां पर बड़े-बड़े ऋषि मुनियों ने समाधि ली है । इसीलिए शत्रुंजय तीर्थ जैन धर्म के लोगों के लिए आस्था का केंद्र बना है । शत्रुंजय तीर्थ स्थल पर जाने से सुख शांति प्राप्त होती है , जीवन में खुशियां आती हैं । यहां पर जैन धर्म के भगवानों की सात हजार से ज्यादा मूर्तियां बनी हुई हैं ।
इन मूर्तियों की सुंदरता बहुत अच्छी लगती है । यहां के मंदिर संगमरमर और पत्थर के बने हुए हैं । यह मंदिर पहाड़ों पर होने के कारण और भी सुंदर दिखाई देते हैं । शत्रुंजय तीर्थ की जितनी प्रशंसा करें उतनी कम है । हम सभी को शत्रुंजय तीर्थ घूमने के लिए अवश्य जाना चाहिए क्योंकि वहां पर जाने से सुख , शांति मिलती है । जैन धर्म के बड़े-बड़े मुनियों के दर्शन करने का सौभाग्य शत्रुंजय तीर्थ पर जाकर ही प्राप्त होता है । शत्रुंजय तीर्थ यात्रा पर जाने से मन में शांति प्राप्त होती है ।
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