पटना गोलघर का इतिहास व् जानकारी patna golghar history hindi

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दोस्तों आज हम इस लेख के माध्यम से बिहार राज्य के पटना में स्थित गोलघर के इतिहास के बारे में जानेंगे . अब हम इस आर्टिकल के माध्यम से पटना के गोलघर के इतिहास को पढ़ेंगे . हमारे भारत का सबसे सुंदर राज्य बिहार के पटना की सुंदरता देखने लायक  है . यहां की सुंदरता के चर्चे पूरे भारत में किए जाते हैं .

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कई विदेशी पर्यटक बिहार राज्य के प्रमुख पर्यटन को देखने के लिए आते हैं .  बिहार राज्य के प्रमुख पर्यटको में से एक  सबसे सुंदर पर्यटन गोलघर है . गोलघर बिहार राज्य के पटना शहर में स्थित है . पटना बिहार राज्य की राजधानी है , पटना के पश्चिमी किनारे एवं गांधी मैदान के समीप गोलघर स्थित है . गोलघर की ऊंचाई 96 फिट है , गोलघर के चारों तरफ नीचे से घुमावदार सीढ़ियां ऊपर की ओर गई है . यदि पटना की सुंदरता को  हमें देखना है तो हमें एक बार गोलघर घूमने के लिए अवश्य जाना चाहिए .

गोलघर के शीर्ष पर चढ़कर हम पटना की सुंदरता देख सकते हैं . गोलघर के समीप में गंगा नदी एवं गांधी मैदान स्थित होने के कारण यहां के आसपास की सुंदरता और भी अच्छी दिखती है . गोलघर का निर्माण 1770 को किया गया था . बिहार में एक बार बहुत भयंकर अकाल पड़ा था .  जिस समय  अकाल पड़ा था  उस समय  भारत में ब्रिटिश शासन था . अकाल पड़ने के बाद ब्रिटिश शासन के गवर्नर ने  ब्रिटिश सैनिकों के भोजन के लिए  अनाज  भंडारण के लिए  गोलघर का निर्माण कराया था .

इस गोलघर का निर्माण  ब्रिटिश इंजीनियर कैप्टन ने 30 महीनों के अथक प्रयासों से करवाया था . गोलघर बिहार के मुख्य धरोहरों में से एक माना जाता है . गोलघर के चारों तरफ 3.6 मीटर दीवार के शीर्ष पर चारों तरफ घुमावदार सीढ़ियां बनाई गई है . इन सीढ़ियों के माध्यम से हम गोलघर के ऊपरी सतह पर पहुंच सकते हैं और ऊपरी सतह से पूरे पटना की सुंदरता देख सकते हैं .  ऐसा कहा जाता है की गोलघर की ऊंचाई पहले सबसे ऊंची थी . इस गोलघर का निर्माण अनाज भंडारण के लिए कराया गया था .

इस गोलघर में 135000 टन अनाज रखा जा सकता है . 2017 में बिहार की सरकार ने गोलघर की इमारत को और भी सुंदर बनाया है . जो भी पर्यटक बिहार घूमने के लिए जाता है वह पटना के गोलघर को देखने के लिए अवश्य जाता है क्योंकि गोलघर की सुंदरता बहुत ही अद्भुत एवं सुंदर दिखाई देती है . गोलघर के शीर्ष पर जाने के बाद हमें पटना की पूरी सुंदरता दिखती है . जब हम गोलघर के शीर्ष पर जाते हैं तब हम बहती हुई गंगा को देखते हैं तो हमें बहुत आनंद आता है .

ब्रिटिश सरकार के द्वारा बनाया गया यह गोलघर आज मुख्य पर्यटक का रूप ले चुका है क्योंकि  देश-विदेश से लोग जब बिहार घूमने के लिए आते  है तब वह पटना के गोलघर को देखने के लिए अवश्य जाते है  क्योंकि पटना के गोलघर की सुंदरता के चर्चे दूर-दूर तक फैले  है . इसकी सुंदरता के चर्चे  विदेशों में भी  किए जाते हैं .

ऐसा कहा जाता है कि जब ब्रिटिश इंजीनियर ने इसका निर्माण कराया था तब उसको बहुत ही मेहनत इस गोलघर को बनाने में करनी पड़ी थी क्योंकि इस गोलघर में  खंबे नहीं बनाए गए हैं यह पूरा गोलघर बिना खंबे के बना हुआ है .

 

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