हुमायूँ के मकबरा का रोचक इतिहास humayun tomb history in hindi

humayun tomb history in hindi

दोस्तों आज हम आपके लिए लाए हैं हुमायूं के मकबरे के रोचक इतिहास को . इस लेख के माध्यम से हम हुमायूं के मकबरा का रोचक इतिहास को पढ़ेंगे .

हुमायूं का मकबरा दिल्ली में  स्थित है . हुमायूं के मकबरे का निर्माण हुमायूं के बेटे अकबर ने किया था . हुमायूं के मकबरे का निर्माण 1569 को  अकबर के द्वारा किया गया था . इस हुमायूं के मकबरे को मान्यता अकबर ने दी थी . इस मकबरे के निर्माण के लिए कारीगर बेगा बेगम द्वारा चुने गए थे . बेगा बेगम के कहने पर इस मकबरे की डिजाइन मिर्जा घियास ने बनाई थी . मिर्जा घियास एक पर्शियन आर्किटेक्ट था जिसने इस मकबरे की डिजाइन तैयार की थी .

humayun tomb history in hindi
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यह पूरा मकबरा लाल पत्थर से बनाया गया था . कई दशकों से यह हुमायूं  का मकबरा आकर्षण का केंद्र रहा है . मुगल शासन के समय कालीन प्रसिद्ध इमारतों और धरोहरों का निर्माण किया गया था उन्हीं में  से एक हुमायूं का मकबरा है . इस मकबरे को 1993 में यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित किया गया था . हुमायूं के मकबरे का निर्माण कार्य 1565 को शुरू किया गया था और इसका निर्माण कार्य 1572 को पूरा हुआ था . हुमायूं के मकबरे की बिल्डिंग और कब्र को बनाने में कितना खर्चा आया था उस खर्चे का पैसा बेगा बेगम ने दिया था .

हुमायूं के मकबरे में हुमायूं की कब्र भी बनाई गई थी . हुमायूं के मकबरे के अंदर कब्र बनाने के लिए फारसी कारीगरों के साथ साथ भारतीय कारीगरों को भी लगाया गया था . हुमायूं का मकबरा 21.60 हेक्टेयर भूमि के अंदर बनाया गया है . हुमायूं के मकबरे के अंदर सोलवीं सदी के मुगल उद्यान की आकर्षण कब्रे बनाई गई थी . हुमायूं के मकबरे में ईशा खान की कब्र , बू हलीम की कब्र , अफसर बाला की कब्र , नीला गुंबद की कब्र एवं नाइ का मकबरा की कब्र मौजूद है .

हुमायूं के मकबरे के अंदर एक हरा-भरा बगीचा बनाया गया था जो आज भी आकर्षण का केंद्र बना है . इस बगीचे में रंग-बिरंगे फूल एवं हरी हरी दूबा लगी हुई है जिससे इस बगीचे की सुंदरता और भी सुंदर दिखती है . इस बगीचे के बुलंद प्रवेश द्वार दक्षिण और पूर्वी की ओर खुलता है . हुमायूं के मकबरे को मुगल वस्तु कला का पहला और सबसे बेहतरीन नमूना माना जाता है . मुगल शासन के समय का यह सबसे अच्छा मकबरा है . इस मकबरे को बनाने में अकबर और बेगा बेगम का योगदान है .

हुमायूं के मकबरे के अंदर छोटे-छोटे स्मारक भी बने हुए हैं . जैसे ही हम बगीचे से होते हुए मुख्य प्रवेश द्वार के अंदर प्रवेश करते है  हमें छोटे-छोटे स्मारक दिखाई देने लगते हैं . यह मुगल शासन का सबसे पहला मकबरा था जिसको बनाने में लाल पत्थर का उपयोग किया गया था . आज भी हुमायूं के मकबरे की सुंदरता देखने के लायक है . देश-विदेश के लोग इस मकबरे को देखने के लिए जाते हैं . हुमायूं के मकबरे की सुंदरता पूरे विश्व में प्रसिद्ध है . हुमायूं की कब्र की डिजाइन मिरक मिर्जा घियास ने बनाई थी .

ऐसा कहा जाता है कि इस कब्र को बनाने के लिए जो डिजाइन तैयार की गई थी उस डिजाइन को बनाने में बहुत समय लगा था . इस मकबरे को बनाने के लिए भारतीय कारीगरों के साथ फारसी कारीगरों को भी  बुलाया गया था . जब तक यह मकबरा बनके तैयार नहीं हुआ था तब तक सभी कारीगर वहीं पर रुके थे . आज जो भी व्यक्ति दिल्ली घूमने के लिए जाता है वह हुमायूं के मकबरे को देखने अवश्य जाता है क्योंकि हुमायूं के मकबरे की सुंदरता बहुत ही सुंदर है .

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