ईद उल फितर पर निबंध Eid ul fitr essay in hindi
Eid ul fitr essay in hindi
दोस्तों आज हम इस लेख के जरिए ईद उल फितर के बारे में जानकारी लेंगे . चलिए अब हम इस आर्टिकल के माध्यम से ईद उल फितर पर लिखे इस निबंध को पढ़ेगे .
ईद उल फितर मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए खुशी एवं उमंग लेकर आता है . यह ईद का त्योहार सभी मुस्लिम समुदाय के लोग धूमधाम से एवं हर्षोल्लास के साथ बनाते हैं . मुस्लिम समुदाय के हिसाब से 12 महीने में एक महीना रमजान का होता है और मुस्लिम समुदाय के लोग रमजान के महीने को बहुत ही शुभ मानते हैं . रमजान के 1 महीने तक मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रखते हैं . रोजे में वह सुबह की पहली नमाज के पहले भोजन करते हैं . नमाज के बाद वह पानी तक नहीं पीते हैं और मुंह के थूक को भी नहीं निगलते हैं .
यह रोजा वह बहुत ही सावधानी से करते हैं . 1 महीने तक जो रोजा रखता है वह नियमित रूप से नमाज पढ़ने के लिए जाता है . नमाज पढ़ने से पहले अपने हाथों को , पैरों को , कानों को , नाक को पूरी तरह से पानी से धोते हैं इसके बाद नमाज अदा करते हैं . यह प्रक्रिया पूरे 1 महीने तक चलती है . जब रमजान के आखिरी दिन में नया चांद दिखाई देता है तब सभी नमाज अदा करने से पहले गरीबों को अनाज दान में देते हैं जिसे फितर कहा जाता है . फितर का अर्थ भीख देना होता है .
भीख देने के बाद सभी नमाज अदा करने के लिए ईदगाह के बड़े मैदान में इकट्ठे होते हैं . इस दिन सभी मस्जिदों में नमाज अदा नहीं करते हैं बल्कि सभी एकत्रित होकर ईदगाह के बड़े मैदान में नमाज पढ़ते हैं . नमाज पढ़ने के बाद सभी एक दूसरे से गले मिलकर ईद की शुभकामनाएं देते हैं . ईद के दिन सभी सफेद कुर्ते पजामे एवं सिर पर गोल टोपी पहनकर आते हैं . सफेद कपड़े को वह शुभ रंग मानते हैं . यह त्यौहार रमजान के अंत में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है . फितर शब्द अरबी से लिया गया है जिसका अर्थ होता है टूटना .
फितर शब्द का एक और अर्थ भीख देना होता है . चांद दिखने के बाद ईद उल फितर का त्योहार बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है . ईद के दिन मुस्लिम समुदाय के लोग सुबह उठकर सबसे पहले नहाते हैं ,नए कपड़े पहनते हैं ,सुगंधित इत्र लगाते हैं , ईदगाह जाने से पहले खजूर के दाने खाते हैं . इसके बाद ईदगाह जाकर वहां पर नमाज़ अदा करते हैं . नमाज अदा करने के बाद सभी एक-दूसरे से गले मिलकर ईद की शुभकामनाएं देते हैं . सभी रिश्तेदारों को फोन लगाकर ईद की शुभकामनाएं देते हैं .
वेसे तो पूरे रमजान के महीने में नमाज मस्जिद में अदा की जाती है लेकिन ईद के दिन नमाज ईदगाह में अदा की जाती है . नमाज से पहले जो गरीबों को अनाज दिया जाता है यह बात कुरान में लिखी है कि नमाज पढ़ने से पहले गरीबों को अनाज देना आवश्यक है अनाज बांटने की सबसे बड़ी रस्म मानी जाती है . इस रस्म को फितर देना भी कहते हैं . फितर देना एक धर्मार्थ उपहार माना जाता है जो रोजा तोड़ने की खुशी में दिया जाता है . सभी मुस्लिम समुदाय के लोग मीठे चावल बनाकर एक दूसरे को बांटते हैं .
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