ओम पर्वत का रहस्य एवं इतिहास om parvat history in hindi
om parvat history in hindi
दोस्तों आज हम आपके लिए लाए हैं ओम पर्वत का रहस्य एवं इतिहास को . चलिए अब हम पढ़ेंगे ओम पर्वत का रहस्य एवं इतिहास को .ओम पर्वत बहुत ही सुंदर एवं बर्फीला पर्वत है . ओम पर्वत भारत, नेपाल, तिब्बत की सीमा पर स्थित है . ओम पर्वत की ऊंचाई 6191 मीटर है . यह पर्वत नावीडांग से स्पष्ट दिखाई देता है . यह पर्वत हिंदू धर्म के लोगों एवं जैन धर्म के लोगों और बौद्ध धर्म के लोगों के लिए आस्था का केंद्र है . यह पर्वत बहुत ऊंचाई पर स्थित है . यह कहा जाता है कि विश्व में 3 कैलाश पर्वत हैं . पहला कैलाश पर्वत जो है मानसरोवर, दूसरा कैलाश पर्वत,तीसरा आदी कैलाश पर्वत किन्नौर का कैलाश पर्वत है.
इन तीनों कैलाश पर्वतों से हिंदू, बौद्ध और जैन धर्मों के लोगों की आस्था जुड़ी हुई है . यह कहा जाता है कि ओम पर्वत पर शिव जी अपने परिवार के साथ रहते हैं . जब ओम पर्वत पर बर्फ गिरती है तब बर्फ से ॐ का आकार बन जाता है . इसीलिए इस पर्वत का नाम ओम पर्वत रखा गया है . ओम पर्वत पर जाना संभव नहीं है . ओम पर्वत से कई धार्मिक पौराणिक कहानियां जुड़ी हुई है . ओम पर्वत से अन्नपूर्णा की विशाल चोटीयों को भी हम देख सकते हैं .
ओम पर्वत के दूसरी तरफ एक और पर्वत है जिसका नाम पार्वती मुहर है . यह पार्वती मुहर ओम पर्वत के नाम से एक दर्रे से जुड़ा हुआ है . यह ओम पर्वत भारत ,नेपाल ,तिब्बत की सीमा पर होने के कारण भारत और नेपाल के बीच इस पर्वत को लेकर विवाद भी है . जो भी भक्त कैलाश पर्वत की यात्रा करने के लिए जाता है ओम पर्वत से आदी कैलाश पर्वत की यात्रा 26 किलोमीटर दूर रह जाती है . नाभी दांग से कुट्टी गांव होते हुए हमें जोलिकांग पहुंचना होता है .जब हम जोलीकांग पहुंच जाते हैं तब हमें आदि कैलाश पर्वत के दर्शन होते हैं . यह पर्वत सुंदर और अद्भुत दिखाई देता है .
ओम पर्वत सबसे विशाल, सबसे ऊंचा पर्वत है . इस पर्वत को देखने के लिए कई लोग जाते हैं . भारत से कई लोग कैलाश मानसरोवर पर्वत के दर्शन के लिए जाते हैं . जब भारत से कोई कैलाश मानसरोवर की यात्रा करता है तो वह यात्री लिपुलेख दर्रे के नीचे बनी शिविर से होते हुए आगे जाते हैं और इस पर्वत के दर्शन करते हैं . यह ओम पर्वत पूरे विश्व में जाना जाता है . जब यहां पर बर्फ गिरती है तब ओम का आकार बन जाता है और यह आकार स्पष्ट रूप से दिखाई देता है .
यह माना जाता है कि ओम पर्वत पर भगवान शिव का वास है . यहां पर भगवान अपनी पूरी फैमिली के साथ रहते हैं . इस आस्था को मानते हुए कई श्रद्धालु ओम पर्वत के दर्शन के लिए जाते हैं . यह अद्भुत रहस्य है कि इतनी ऊंची पहाड़ी पर ओम का आकार कैसे बन जाता है . इस ओम पर्वत को लेकर कई पौराणिक कहानियां लिखी गई है . जब हम इन कहानियों को पढ़ते हैं तब हमारे मन में ओम पर्वत को देखने की इच्छा जागृत हो जाती है . यह पर्वत अनेक पर्वतों से घिरा हुआ है .
यह कहा जाता है कि यह पर्वत भगवान शिव ने बनाया है . इसलिए इस पर्वत पर ओम का आकार बना हुआ है . यह पर्वत सबसे सुंदर दिखाई देता है जब हम कैलाश मानसरोवर पर्वत की यात्रा के लिए जाते हैं तब हम इस पर्वत को देख सकते हैं , इस पर्वत के दर्शन कर सकते हैं .जब यहां पर बर्फ गिरती है तो ओम के आकार में गिरती है और ओम बन जाता है . इस पर्वत के दर्शन के लिए तिब्बत के काफी लोग घूमने के लिए ,दर्शन करने के लिए आते हैं .
जब इस ओम पर सूर्य की किरण पड़ती हैं तब यह पर्वत और भी चमकदार एवं सुंदर दिखाई देने लगता है . इस दृश्य को देखने के लिए भारत , नेपाल और तिब्बत के काफी लोग आते हैं और इस दृश्य को देखकर बहुत प्रसन्न होते हैं . जो भी भक्त इस पर्वत के दर्शन के लिए आते हैं उनकी आस्था भगवान शिव से जुड़ी होती है और इस पर्वत को छूकर वह प्रार्थना करते हैं .
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