मिशन इंद्रधनुष अभियान mission indradhanush in hindi
mission indradhanush in hindi
दोस्तों आज हम आपके लिए लाए हैं मिशन इंद्रधनुष अभियान पर लिखे इस लेख को । चलिए अब हम पढ़ेंगे मिशन इंद्रधनुष अभियान पर लिखे इस लेख को । हमारे भारत देश की सरकार ने बच्चों के स्वास्थ्य को सुधारने के लिए टीकाकरण के अंतर्गत मिशन इंद्रधनुष की शुरुआत की थी । हमारे भारत देश में मिशन इंद्रधनुष अभियान की शुरूआत 25 दिसंबर 2014 को की थी । बच्चों को बलगम, डिप्थीरिया, पोलियो, टिटनस, खसरा, तपेदिक, हेपेटाइटिस बी जैसी बीमारियों से बचाने के लिए मिशन इंद्रधनुष अभियान की शुरुआत की गई थी । सात रंगों से सुसज्जित इंद्रधनुष पर इस मिशन की शुरुआत की गई थी ।
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भारत के सभी जिलों एवं गांव में आंगनबाड़ी केंद्रों के द्वारा मिशन इंद्रधनुष अभियान के तहत बच्चों को सात टीके लगाए जाते हैं जिससे बच्चों के अंदर यह 7 बीमारियां जन्म ना ले सकें । टीके के द्वारा उनके शरीर में जो भी कमी है उस कमी की पूर्ति की जाती है । टीके लगने के बाद बच्चे का तीव्र गति से विकास होता है । हमारे भारत देश के 201 जिलों को चिन्हित करके सबसे पहले वहां पर सभी बच्चों को टीके लगाए जाने का मिशन बनाया था ।
जहां पर बच्चे इन 7 बीमारियों से जूझ रहे है उन बच्चों को टीके लगाकर बीमारियों से बचाया जा रहा है । मिशन इंद्रधनुष अभियान के तहत छोटे बच्चे जिसकी उम्र 2 वर्ष की होती है उन तक पहुंच कर यह टीके लगाए जाते हैं । बच्चों के साथ साथ गर्भवती महिलाओं तक पहुंच कर यह टीके लगाए जाते हैं । मिशन इंद्रधनुष अभियान के क्षेत्र को स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली डाटा अभियान के क्षेत्र को ,राष्ट्रीय सर्वेक्षण विश्व स्वास्थ्य संगठन से प्राप्त नंबर के आधार पर तय किए जाते हैं ।
मिशन इंद्रधनुष अभियान के तहत शहरों के साथ साथ गांव के बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं तक पहुंच कर यह टीके लगाए जाते है । यह टीके भारत सरकार के द्वारा फ्री में लगाए जाते हैं । जब कोई महिला गर्भवती होती है तब गर्भावस्था के तुरंत बाद tt 1 टीका लगाया जाता है । दूसरा टीका tt 1 टीके के 4 हफ्ते बाद tt 2 टीका लगाया जाता है । यदि महिला पिछली गर्भ अवस्था से 3 साल के अंदर यदि गर्भावस्था रही है तो tt बूस्टर टीका लगाया जाता है ।
बच्चे के जन्म के बाद BCGOPV – 0 , Hepatitis – B टीका लगाया जाता है । दूसरा टीका 6 हफ्ते के बाद लगाया जाता है । तीसरा टीका 10 हफ्ते के बाद लगाया जाता है । चौथा टीका 14 हफ्ते के बाद लगाया जाता है । पांचवा टीका 9 महीने की उम्र में लगाया जाता है । छठवा टीका 16 से 24 महीने की उम्र में लगाया जाता है । सातवा टीका 5 से 6 साल की उम्र में लगाया जाता है । यह टीके हम सभी को अपने बच्चों को अवश्य लगवाने चाहिए ।
यह टीके बच्चे को बीमारियों से लड़ने की ताकत देता है । बच्चे के अंदर जो भी कमी होती है यह टीके उन कमियों की पूर्ति करते है । मिशन इंद्रधनुष अभियान के तहत हमें अपने बच्चे को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं स्वास्थ्य अधिकारी के पास ले जाकर टीके की सही जानकारी प्राप्त करना चाहिए । हमें अपने बच्चे के भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए यह टीके अवश्य लगवाना चाहिए ।
पहले जब यह टीके नहीं थे तब देश के कई बच्चे अपंग हो जाते थे और वह जिंदगी भर दूसरों के ऊपर निर्भर हो जाते थे लेकिन आज अपंग जैसी बीमारियों से बचने के लिए इंद्रधनुष अभियान के तहत टीके लगाए जाते हैं । इन टीको को हमें अवश्य लगवाना चाहिए । यह टीके गर्भवती महिला के अंदर शक्ति प्रदान करते हैं ।
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