डॉ हरगोविंद खुराना की जीवनी har gobind khorana biography in hindi
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दोस्तों आज हम आपके लिए लाए हैं डॉ हरगोविंद खुराना की जीवनी को . चलिए अब हम पढ़ेंगे डॉ हरगोविंद खुराना की जीवनी को .
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जन्म स्थान – डॉ हरगोविंद खुराना का जन्म 9 जनवरी 1922 को रायपुर के मुल्तान में हुआ था (यह अब पाकिस्तान में है) . डॉ हरगोविंद खुराना के पिता पटवारी की नौकरी करते थे . यह चार भाई थे चार भाइयों में यह सबसे छोटे थे . इनके पिता अपने पुत्रों को पढ़ाई करने के लिए कहते रहते थे . उनके पिता चारों बच्चों की पढ़ाई में किसी भी तरह की कमी नहीं रखते थे . इनके सबसे छोटे बेटे डॉ हरगोविंद खुराना को बचपन से ही पढ़ाई करने का सबसे ज्यादा शोक था . वह बचपन से ही अपना ज्यादा समय पढ़ाई में लगाया करते थे . कुछ समय बाद उनके पिता की तबीयत बिगड़ने लगी और जब डॉ हरगोविंद खुराना की उम्र 12 वर्ष की हुई थी तब उनके पिता का देहांत हो गया था .
पिता के देहांत के बाद डॉक्टर हरगोविंद खुराना और उनका पूरा परिवार पूरी तरह से टूट गया था लेकिन उनके बड़े भाई नंदलाल ने पूरे परिवार की जिम्मेदारी अपने ऊपर उठा ली थी . नन्दलाल जी ने अपने भाई से कहा कि तुम अपनी पूरी मेहनत पढ़ाई में लगाओ मैं तुम्हारी सहायता करूंगा . वह अपने भाई की पढ़ाई में मदद करने लगा था . इस तरह से डॉक्टर हरगोविंद खुराना ने बुरे समय में भी अपने आप को संभाल कर रखा था . डॉ हरगोविंद खुराना एक अच्छे वैज्ञानिक थे जिन्होंने प्रोटीन के संश्लेषण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था .
शिक्षा – डॉ हरगोविंद खुराना जी बचपन से ही पढ़ाई किया करते थे . उनका एक सपना था कि वह पढ़ लिख कर एक अच्छे व्यक्ति बने और उन्होंने अपने इस सपने को पूरा करके दिखाया था . डॉक्टर हरगोविंद खुराना जी ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई मुल्तान से की थी . इसके बाद उन्होंने पंजाब के विश्वविद्यालय से सन 1943 में बीएससी की पढ़ाई पूरी की थी . इसके बाद उन्होंने 1945 में एमएससी की पढ़ाई भी पूरी कर ली थी . इसके बाद वह अपनी पढ़ाई को और भी आगे बढ़ाना चाहते थे इसके लिए उन्होंने भारत सरकार से छात्रवृत्ति लेने के लिए फॉर्म भरा था और उनका यह फॉर्म स्वीकार कर लिया गया था और भारत सरकार के द्वारा डॉ हरगोविंद खुराना को छात्रवृत्ति दी गई थी और वह इंग्लैंड चले गए थे और वहां पर उन्होंने लिवरपूल विश्वविद्यालय में अनुसंधान किया और डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की .
डॉ हरगोविंद खुराना का योगदान – डॉ हरगोविंद खुराना जी ने सन 1948 से 1949 तक स्विस फेडरल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी मैं अपना योगदान दिया था. 1950 से 1952 तक उन्होंने कैंब्रिज विश्वविद्यालय में अपना योगदान दिया था . 1952 से 1960 तक उन्होंने ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय में अपना योगदान दिया था . 1960 से 1970 तक उन्होंने विस्कॉन्सिन मेडिसिन में अपना योगदान दिया था . उन्होंने 1970 से 2007 तक एमआईटी में उन्होंने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था . डॉ हरगोविंद खुराना जीने प्रोटीन संश्लेषण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी .
पुरस्कार- डॉ हरगोविंद खुराना जी को अपने कई महत्वपूर्ण कार्य के लिए पुरस्कार मिले हैं . प्रोटीन संश्लेषण के लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था . चिकित्सा में उन्हें नोबेल पुरस्कार 1968 में दिया गया था . उनको गैर्डनर फाउंडेशन इंटरनेशनल अबोर्ड से सम्मानित किया गया था . उनको बेसिक मेडिकल रिसर्च के लिए एल्बर्ट पुरस्कार से सम्मानित किया गया था . इनको पदम भूषण से भी सम्मानित किया गया था .
मृत्यु – इनका देहांत अमेरिका में 2011 में हो गया था .
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