भारत निर्वाचन आयोग पर निबंध essay on election commission of india in hindi
essay on election commission of india in hindi
दोस्तों आज हम इस लेख के माध्यम से भारत निर्वाचन आयोग के बारे में जानेंगे . चलिए अब हम इस आर्टिकल के द्वारा भारत निर्वाचन आयोग के बारे में पढ़ेंगे . भारतीय निर्वाचन आयोग ही भारत के सभी चुनावों को निष्पक्ष रूप से कराता है . भारतीय निर्वाचन आयोग के द्वारा ही लोकसभा , विधानसभा , राज्यसभा , राष्ट्रपति , नगर पालिका , नगर परिषद , सरपंच , पार्षद आदि के चुनावों को संपन्न कराया जाता है . एक बार चुनाव आरंभ हो जाए तब तक न्यायपालिका अपना हस्तक्षेप नहीं करती है जब तक चुनावों की घोषणा ना हो जाए .
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चुनाव आयोग सभी चुनावों को निष्पक्ष रूप से कराता है . चुनाव आयोग को भारतीय संविधान की विशेष शक्तियां प्राप्त होती हैं . भारतीय संविधान के द्वारा चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष रूप से कराने के लिए चुनाव आयोग का गठन किया गया है . चुनाव आयोग को संविधान के द्वारा विशेष शक्तियां भी प्राप्त होती हैं . चुनाव आयोग एक स्वायत्त संस्था है . चुनाव आयोग किसी एक पार्टी या किसी भी पार्टी का समर्थन नहीं करती है . चुनाव आयोग का काम देश के सभी चुनावों को निष्पक्ष रूप से कराना है .
चुनाव आयोग की स्थापना 25 जनवरी 1950 को की गई थी . चुनाव आयोग संस्था भारत की सबसे बड़ी संस्था है क्योंकि चुनाव आयोग के ऊपर बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है . चुनाव आयोग के निष्पक्ष नतीजे की घोषणा से ही देश में सरकार बनती है . चुनाव आयोग के द्वारा ही चुनावों में नियम कानून तय किए जाते हैं . समय के अनुसार नियमों में सशोधन चुनाव आयोग के द्वारा किया जाता है . भारतीय निर्वाचन आयोग में मुख्य दो पद होते हैं . एक मुख्य चुनाव आयुक्त और दो मुख्य चुनाव आयुक्त .
चुनाव आयुक्त की नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा की जाती है . जब देश में लोकसभा , राज्यसभा , विधानसभा , नगरपालिका आदि चुनाव होते हैं तब भारतीय निर्वाचन आयोग ही नामांकन प्रक्रिया से लेकर नतीजों की घोषणा तक पूरी जिम्मेदारी निभाता है . भारतीय निर्वाचन आयोग के द्वारा ही चुनावों को निष्पक्ष रूप से सही ढंग से कराया जाता है . भारतीय निर्वाचन आयोग के द्वारा चुनावों में लोगों को वोट डालने के लिए जागरूक भी किया जाता है .
भारतीय निर्वाचन आयोग एक बहुत बड़ी संवैधानिक संस्था है जिसके द्वारा भारत के सभी चुनावों को संपन्न कराया जाता है . चुनाव की सभी तरह की जिम्मेदारी चुनाव आयोग की ही होती है . मुख्य चुनाव आयुक्त के द्वारा चुनाव आयोग की अध्यक्षता की जाती है . इसके द्वारा ही दो चुनाव आयुक्त नियुक्त किए जाते हैं . भारतीय चुनाव आयोग के पास कई शक्तियां होती हैं . भारतीय चुनाव आयोग का यह दायित्व होता है कि संविधान के द्वारा बताए गए समय पर भारत के सभी चुनावों को संपन्न कराएं .
भारतीय चुनाव आयोग राजनीतिक दलों को राष्ट्रीय स्तर की पार्टी का दर्जा दिया जाए या फिर राज्य स्तर का दर्जा दिया जाए यह तय करता है . चुनाव आयोग ही राजनीतिक दलों के एवं निर्दलीय उम्मीदवारों के लिए चुनाव चिन्ह नियुक्त करता है . भारतीय निर्वाचन आयोग का मुख्यालय दिल्ली में है . इस मुख्यालय में 300 कर्मचारी मौजूद हैं . इस मुख्यालय में राष्ट्रपति के द्वारा चुना गया निर्वाचन आयुक्त एवं मुख्य अधिकारी होते हैं . निर्वाचन आयुक्त को समय से पहले उसके पद से महाभियोग के द्वारा हटाया जा सकता है .
जब चुनाव आयोग के द्वारा चुनावों की तारीख निश्चित कर दी जाती है तब उसी तारीख पर चुनाव कराया जाता है . नामांकन के समय यदि किसी उम्मीदवार के फॉर्म में किसी भी तरह की कोई भी समस्या है या उम्मीदवार ने अपनी पूरी जानकारी निष्पक्ष रूप से उस फॉर्म में नहीं दी है तो निर्वाचन आयोग उस फॉर्म को निरस्त कर सकता है . हमारे भारत देश का चुनाव आयोग भारतीय संविधान से गठित किया गया है . संविधान के द्वारा चुनाव आयोग को विशेष शक्तियां प्राप्त होती हैं .
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