बाल विवाह पर कहानी Bal vivah story in hindi

Bal vivah story in hindi

दोस्तों आज हम आपके लिए लाए हैं बाल विवाह पर हमारे द्वारा लिखित यह कहानी आप इसे पढ़ें तो चलिए पढ़ते हैं आज की इस कहानी को

Bal vivah story in hindi
Bal vivah story in hindi

लीला जब 11 साल की थी तब उसकी शादी पास के ही गांव के एक लड़के देवीलाल के साथ कर दी गई थी।देवीलाल की उम्र लगभग 12 या 13 साल की थी वह भी एक बच्चा ही था, उसमें कुछ भी समझ नहीं थी वह पास के ही स्कूल में पढ़ाई करता था तभी उसकी शादी घरवालों ने कर दी थी। अब लीला अपने बचपन में ही अपना घर छोड़कर अपने पति के घर रहने लगी थी उसको अपने माता पिता की बड़ी याद आती थी। लीला सुबह जल्दी जागती और खाना बनाती थी।

वो अपने माता पिता के घर पर बहुत ही देर तक सोती रहती थी लेकिन ठंड के दिनों में भी लीला को यहाँ सुबह सुबह जल्दी जागना पड़ता था, अपने घर का सारा कामकाज करना पड़ता था उसकी सास उस पर हुकुम  झाड़ती थी। लीला की उम्र अभी खेलने कूदने की थी लेकिन बेचारी अपने बचपन को खो चुकी थी वह घर में सभी के कपड़े धोती और जब अकेली होती तो रोने लगती थी।

उसको अपने बचपन की बड़ी ही याद आती थी लीला की हंसी शादी के बाद लगभग खो चुकी थी वह उदास सी अपने बचपन के दिनों को याद करती रहती थी कि किस तरह मैं अपनी सहेलियों के साथ स्कूल में खेला करती थी। शादी के बाद लीला के ससुराल वालों ने उसका स्कूल जाना भी बंद करवा दिया था जिस वजह से लीला अधिक पढ़ाई नहीं कर पाई। लीला का पति देवीलाल भी नासमझ ही था लेकिन वह रोज सुबह स्कूल जाता था और अपने पिता के खेती के कार्य में हाथ बटाटा था।

लीला बहुत छोटी थी इसलिए उसे ठीक तरह से रोटी बनाना भी नहीं आता था, सब्जी भी वह ठीक तरह से नहीं बनाती थी जिस वजह से उसके ससुराल वाले उसे हमेशा ताने देते थे।लीला उनके तानो को सुनते सुनते हमेशा दुखी रहती थी, वह सोचती थी कि काश लड़कों की तरह मुझे भी शादी के बाद पढ़ने का मौका मिल पाता या मेरी इतनी जल्दी शादी नहीं होती तो कितना अच्छा होता तो मैं अपने स्कूल जा पाती और पढ़ाई कर पाती। यह सोचकर लीला हमेशा दुखी रहती।

एक बार वह अपने पति के साथ अपने मायके घूमने के लिए गई तब लीला ने अपनी मां से कहा कि मां मैं पढ़ना चाहती हूं लेकिन मेरे ससुराल वाले मुझे पढ़ने नहीं देते मुझे कई तरह से परेशान करते हैं, मेरी सास मुझे ताने देती हैं तब उसकी मां ने यह कहकर  उसकी बोलती बंद कर दी कि अब तुम्हारी शादी हो चुकी है अब तुम्हारा घर यह नहीं है अब तुम्हारे ससुराल वाले जो कहे वह तुम करो, हम इसमें तुम्हारा कुछ नहीं कर सकते।

अपनी मां की बात सुनकर लीला काफी दुखी हुई बेचारी बच्ची जिसको अपनी मां से थोड़ी बहुत उम्मीद थी उसकी सारी उम्मीदें टूट गई वह अपने पति के साथ ससुराल वापस आ गई अब ससुराल में लीला की सास उससे और भी ज्यादा जोर जबरदस्ती करती, उसे ताने देती और दहेज की मांग भी वह करती। एक दिन रोज रोज के इन तानो को सुनकर वह इतनी दुखी हुई कि उसने आत्महत्या करने का फैसला कर लिया और बेचारी बच्ची जिसकी उम्र मात्र 12 या 13 साल की थी इस दुनिया को छोड़ कर चली गई।

अगर उसकी उम्र अधिक होती और वह पढ़ी लिखी समझदार होती तो वह ऐसा कदम नहीं उठाती और अपने साथ किए जा रहे जुर्म के खिलाफ आवाज उठाती लेकिन बाल विवाह करके लीला के मां बाप ने उसके साथ अन्याय किया और उसका साथ नहीं दिया इस वजह से लीला इस दुनिया को छोड़ कर चली गई।

दोस्तों हम सभी को बाल विवाह के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। बाल विवाह आजकल के लड़के लड़कियों के लिए एक अभिशाप है। यदि आपको हमारी कहानी Bal vivah story in hindi पसंद आई हो तो इसे शेयर जरूर करें और हमारी वेबसाइट को सब्सक्राइब करना ना भूले।

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