वाल्मीकि जयंती पर भाषण Valmiki jayanti speech in hindi
Valmiki jayanti speech in hindi
दोस्तों नमस्कार, आज हम आपके लिए लाए हैं वाल्मीकि जयंती पर भाषण। आप बाल्मीकि जयंती पर भाषण देने के लिए हमारे द्वारा लिखित भाषण से अच्छी तैयारी कर सकते हैं तो चलिए पढ़ते हैं आज के इस आर्टिकल को
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यहां पर बैठे भाइयों, बहनों एवं माताएं, बुजुर्गों आप सभी को मैं बाल्मीकि जयंती की शुभकामनाएं देता हूं और मास्टर जी को मैं दिल से धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने आज बाल्मीकि जयंती के अवसर पर मुझे कुछ कहने का मौका दिया। प्रिय साथियों आज बाल्मीकि जयंती है आज का दिन हमारे लिए शुभ है। आज का दिन हमें यह सिखाता है कि किस तरह से एक इंसान जीवन में एक बदलाव लाना चाहे तो उसका जीवन कैसे परिवर्तित होता है जिस तरह से हम सभी जानते हैं की बाल्मीकि एक रत्नाकर नाम के डाकू थे लेकिन नारद मुनि के कुछ बचनो के कारण उनका जीवन पूरी तरह से बदल गया था वास्तव में यदि हम जीवन में कुछ परिवर्तन करना चाहें या जीवन को बदलना चाहे तो हम पूरी तरह से अपने जीवन को बदल सकते हैं। आज महर्षि वाल्मीकि को एक महर्षि के रूप में जाना जाता है ना कि रत्नाकर डाकू के नाम से।
हम सभी को भी जीवन में अच्छाई का साथ देना चाहिए, कुछ अच्छा और बड़ा करना चाहिए यही इस बाल्मीकि जयंती की एक सीख है। बाल्मीकि जिनका जन्म अश्विन महीने के पूर्णिमा के दिन हुआ था। उनके जन्मदिन को मनाने के लिए हम वाल्मीकि जयंती मनाते हैं वास्तव में महर्षि वाल्मीकि जी ने हमें जो रामायण नाम का ग्रंथ दिया है उसकी महिमा अपार है। रामायण ग्रंथ में भगवान श्री रामचंद्र जी के जीवन के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया है। रामायण ग्रंथ को पढ़कर हम अपने जीवन में एक परिवर्तन महसूस कर सकते हैं।
साथियों महर्षि वाल्मीकि जिनके आश्रम में कभी लव कुश भी शिक्षा ग्रहण किया करते थे। महर्षि वाल्मीकि ने उन्हें इतना ज्ञान दिया था कि वह किसी से भी नहीं हारते थे। लव कुश ने अयोध्या के राजकुमारों को भी पराजित कर दिया था यह सब महिमा महर्षि बाल्मीकि की थी।
आज बाल्मीकि जयंती हमें काफी हर्षोल्लास के साथ मनानी चाहिए और महर्षि वाल्मीकि जी के जीवन को याद करके आज हमें प्रेरणा लेनी चाहिए कि कैसे एक डाकू रत्नाकर एक महर्षि बन गए? जिन्होंने रामायण नाम के ग्रंथ की रचना की। महर्षि वाल्मीकि जी के जीवन की एक घटना मुझे याद आती है इससे हमें यह भी पता लगता है कि वह किस तरह के हृदय के व्यक्ति बन गए थे।
एक बार तमसा नदी के किनारे पर सारस पक्षी अपने जोड़े के साथ प्रेम में लिप्त था, यह सब महर्षि बाल्मीकि देख रहे थे लेकिन तभी वहां पर एक बहेलिया आया उस बहेलिए ने प्रेम में लिप्त उस सारस पक्षी के जोड़े को देखा तो उसने सारस पक्षी को मार डाला, यह सब देखकर महर्षि बाल्मीकि जी को काफी क्रोध आया और उन्होंने उस बहेलियों को श्राप दे दिया था।
महर्षि वाल्मीकि जी के जीवन के और भी काफी प्रेरणादायक वृत्तांत हैं वास्तव में महर्षि वाल्मीकि हमारे देश एवं हमारे समाज के लिए काफी प्रेरणादायक हैं। उनके द्वारा लिखित ग्रंथ भी काफी प्रेरणादायक है। हम सभी भी आज के दिन महर्षि बाल्मीकि जी को याद करें और उनके जीवन से प्रेरणा लें, जीवन में अच्छाई का साथ दें और कुछ अच्छा करें। इसी आशा और विश्वास के साथ मैं आप सभी को एक बार फिर से बाल्मीकि जयंती की शुभकामनाएं देता हूं। आप सभी का मुझे सुनने के लिए धन्यवाद।
- वाल्मीकि का जीवन परिचय Maharishi valmiki biography in hindi
- डाकू रत्नाकर की कथा Daku ratnakar story in hindi
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Speech accha hai but thoda aur explain hona chahiye tha aur thoda aur unke bare me batana chahiye tha