सारागढ़ी युद्ध का इतिहास Saragarhi battle history in hindi
Saragarhi battle history in hindi
दोस्तों आज हम आपके लिए लाए हैं सारागढ़ी के युद्ध का इतिहास। वास्तव में हमारे भारत देश का इतिहास जब हम देखते हैं तो हमें पता लगता है कि देश में कई ऐसे महान बहादुर लोग भी हुए हैं जिन्होंने अपने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की भी बिल्कुल भी परवाह नहीं की। हमारे देश में सिखों ने काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सिखों ने कई बार बलिदान दिया और देश के लिए अपना जीवन कुर्बान कर दिया। ऐसा ही एक युद्ध सारागढ़ी नामक स्थान पर हुआ था यह युद्ध इतना भयंकर हुआ था जिसमें सिर्फ 21 सिख सैनिकों ने 10000 लोगों को शिकस्त दी थी चलिए पढ़ते हैं सारागढ़ी युद्ध के इतिहास के बारे में
सारागढ़ी एक जगह का नाम है यह युद्ध सारागढ़ी नामक स्थान पर हुआ इसलिए इसे सारागढ़ी का युद्ध भी कहते हैं यह स्थान अब पाकिस्तान में है लेकिन पहले यह ब्रिटिश इंडिया में था। यह एक छोटा सा गांव था जिसमें कुछ सैनिक वहाँ की रक्षा के लिए तैनात हुआ करते थे। उस स्थान से अफगान की सीमा पास में ही थी।
सन 1897 में यह युद्ध हुआ इस युद्ध में 10000 अफगानीओं के साथ 21 सेनाओं के जवानों ने एक भीषण युद्ध किया। अफगानियो ने सारागढ़ी के किले पर हमला बोल दिया और बंदूक, बमों से वहां पर कब्जा करना चाहा लेकिन 21 सिखों ने 10,000 अफगानीयों को शिकस्त दे दी। यह युद्ध बंदूकों से हुआ कुछ समय बाद अफगानीओं ने उस किले का दरवाजा भी तोड़ना चाहा लेकिन वह उसमें सफल नहीं हुए। उन्होंने उस किले की दीवारों को तोड़ दिया और उस किले के अंदर जाकर युद्ध करने लगे। अब यह युद्ध आमने-सामने की लड़ाई हो गया अब 21 सिखों एवं अफगानीयों के बीच में तलवारों से युद्ध होने लगा यह युद्ध बहुत ही भयंकर हुआ और सिर्फ 21 सैनिकों ने 10000 अफगानियों को शिकस्त दे दी।
सारागढ़ी युद्ध क्यों हुआ
दरअसल उस समय हमारे भारत देश पर अंग्रेजों का शासन था। अंग्रेज सेना उस सारागढ़ी नामक स्थान की रक्षा के लिए वहां पर आ रही थी लेकिन वहां तक पहुंचने में उन्हें एक दिन का समय लग रहा था तब तक 21 सिखों को उस स्थान की सुरक्षा करना था। उन 21 सिखों ने अंग्रेज सैनिकों के आने तक उस स्थान की रक्षा की और अपने प्राणों का भी बलिदान दे दिया। आखिर में भले ही 21 सिखों का बलिदान हो गया था लेकिन फिर भी अफगानी उस स्थान पर अपना अधिकार नहीं जमा पाए थे क्योंकि 21 सीखो ने उन्हें काफी समय तक रोका और रात के समय ही अंग्रेज सैनिक वहां पर पहुंच गए थे और उन्होंने अपने अधिकार में उस स्थान को ले लिया था।
वास्तव में हमारे भारतीय सैनिकों द्वारा किया गया यह युद्ध काफी साहसी पूर्ण है सिर्फ 21 सैनिकों का 10000 सैनिकों के साथ लड़ना और अपनी जगह की रक्षा करना एक बहुत ही साहसी पूर्ण कदम है। हम सभी को इन 21 शहीदों को सलाम करना चाहिए।
सारागढ़ी युद्ध के बहादुर सिख
सारागढ़ी युद्ध में 21 सिख सेनिक थे इनमें से कुछ सैनिकों के नाम हम यहां पर आपको बताएंगे। हवलदार ईशर सिंह, जीवन सिंह, गुरमुख सिंह, राम सिंह, भगवान सिंह, दया सिंह, सुंदर सिंह, नंद सिंह आदि जैसे और भी कई सैनिक थे, जिनकी बहादुरी आज भी हमारे अंदर जोश पैदा कर देती है वास्तव में 21 सैनिकों की यह बहादुरी हमें काफी प्रेरणा देती है।
सारागढ़ी युद्ध पर फिल्म
सारागढ़ी युद्ध पर फिल्म भी बन चुकी है इस फिल्म का नाम केसरी है इस फिल्म में मुख्य भूमिका में अक्षय कुमार ने रोल किया है यह फिल्म वास्तव में हमें प्रेरणा देती है और हर किसी के अंदर साहस उत्पन्न करती है। देश प्रेम की भावना इस फिल्म को देखने के बाद हमारे रगों में आ जाती है।
पुरस्कार
सारागढ़ी युद्ध में जो 21 सैनिक शहीद हुए थे जिन्होंने अपने देश की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया था उन सभी को उस समय सरकार द्वारा इंडियन ऑर्डर ऑफ मेरिट से सम्मानित किया गया।
हमें बताये की ये लेख Saragarhi battle history in hindi आपको कैसा लगा.