रणकपुर जैन मंदिर का इतिहास ranakpur jain temple history in hindi
ranakpur jain temple history in hindi
दोस्तों आज हम आपके लिए लाए हैं रणकपुर जैन मंदिर का इतिहास । चलिए अब हम पढ़ेंगे रणकपुर जैन मंदिर पर लिखे इस इतिहास को । रणकपुर जैन मंदिर जैन धर्म के लोगों के लिए आस्था का केंद्र है । रणकपुर जैन मंदिर के दर्शन के लिए जैन धर्म के लोग जाते हैं । यह मंदिर बड़ा ही अद्भुत एवं सुंदर दिखाई देता है ।
इस मंदिर की बनावट बहुत सुंदर दिखाई देती है । इस मंदिर के चारों तरफ जंगल ही जंगल नजर आता है । यहां पर सभी लोग घूमने के लिए आते हैं । रणकपुर जैन मंदिर राजस्थान में स्थित है । रणकपुर जैन मंदिर राजस्थान के अरावली पर्वत की पहाड़ियों के मध्य में स्थित है । यह ऋषभदेव का चतुर्मुखी जैन मंदिर है ।
रणकपुर जैन मंदिर से जैन धर्म के लोगों की आस्था जुड़ी हुई है । यहां पर जैन धर्म के लोग बड़ी मात्रा में घूमने के लिए आते हैं । इस मंदिर की सुंदरता देखने लायक होती है । यह मंदिर जैन धर्म के पांच प्रमुख तीर्थो में से एक है । यह मंदिर उदयपुर से 96 किलोमीटर दूर स्थित है । यह मंदिर सुंदर दिखाई देता है । इस मंदिर का निर्माण 1446 इसवी में किया गया था ।
इस मंदिर का निर्माण कार्य लगभग 50 वर्षों तक चला था । इस मंदिर के निर्माण के लिए धरनशाह को मलगढ़ के राजा कुंभा राणा ने जमीन दी थी और धरन शाह को यह भी कहा था कि आप इस मंदिर के पास एक नगर भी बनाए और उन्होंने उनकी बात मान ली थी । इस मंदिर के पास में ही एक नगर बनाने का काम भी प्रारंभ कर दिया गया था । यह मंदिर लगभग 40 वर्ग फुट में बना हुआ है । इस मंदिर के चार कलात्मक प्रवेश द्वार हैं ।
इस मंदिर के अंदर जैन धर्म के तीर्थ कर आदिनाथ की लगभग 4 मूर्तियां बनाई गई है । यह मूर्तियां संगमरमर की बनाई गई हैं । यह मूर्तियां 72 इंच ऊंची बनाई गई है और इन मूर्तियों को अलग-अलग दिशाओं में लगाया गया है । यह मंदिर जैन तीर्थंकर आदिनाथ जी को समर्पित है । इस मंदिर के पास में दो मंदिर और भी बनाए गए थे । रणकपुर मंदिर के पास में ही नेमिनाथ और पार्श्व नाथ जी के मंदिर भी बनाए गए थे ।
इन मंदिरों पर भी जैन धर्म के लोग घूमने के लिए आते हैं । यहां पर एक सूर्य मंदिर भी मौजूद है । जब हम सूर्य मंदिर की दीवारों पर देखते हैं तब हमें बड़ा ही आनंद आता है क्योंकि सूर्य मंदिर की दीवारों पर योद्धाओं और घोड़ों के चित्र बनाए गए हैं । इस मंदिर से करीबन 1 किलोमीटर दूरी पर एक अंबा माता का मंदिर स्थित है । यह मंदिर भी हिंदू धर्म एवं जैन धर्म के लोगों की आस्था का केंद्र है । यहां पर भी लोगो की काफी भीड़भाड़ देखने को मिलती है । काफी लोग यहां पर दर्शन करने के लिए आते हैं ।
रणकपुर जैन मंदिर की कलाकृति देखने के लायक होती है । रणकपुर जैन मंदिर के चारो तरफ जंगल ही जंगल दिखाई देता है । रणकपुर जैन मंदिर घूमने के लिए जैन धर्म के लोग बड़ी मात्रा में आते हैं । रणकपुर जैन मंदिर की दीवारों की कलाकृति बहुत सुंदर दिखाई देती है । रणकपुर जैन मंदिर का वर्णन इतिहास में भी किया गया है । रणकपुर जैन मंदिर पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है । रणकपुर जैन मंदिर उदयपुर से 96 किलोमीटर दूरी पर स्थित है ।
यह मंदिर प्राचीन समय से ही जैन धर्म के लोगों की आस्था का केंद्र रहा है । रणकपुर जैन मंदिर के चारों तरफ की सुंदरता देखने के लायक होती है क्योंकि यहां के चारों तरफ जंगल ही जंगल दिखाई देते है । इस मंदिर के चारो तरफ हरियाली ही हरियाली दिखाई देती है । यहां पर कई जैन धर्म के लोग घूमने के लिए आते हैं । यह तीर्थ जैन धर्म के लोगों के लिए आस्था का केंद्र है । यह पांच प्रमुख तीर्थ करो में से 1 तीर्थ कर है ।
रणकपुर जैन मंदिर की दीवारों पर योद्धा एवं कई घोड़ों के चित्र बनाए गए हैं । इन चित्रो में यह दिखाया गया है कि वीर योद्धा किस तरह से कठिनाइयों का सामना करते हैं । यहां पर जैन धर्म के लोग आकर भगवान ऋषभदेव के दर्शन करते हैं एवं भगवान आदिनाथ जी से प्रार्थना करते हैं कि हमारा परिवार खुश रहे और सुख-समृद्धि हमारे घर में आए ।
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