पटाखों से होने वाले प्रदूषण पर निबंध Essay on Pollution due to crackers in Hindi
Essay on Pollution due to crackers in Hindi
say no to crackers in hindi-दोस्तों आज हम आपके लिए लाए हैं पटाखों से होने वाले प्रदूषण पर लिखे इस निबंध को । इस निबंध के माध्यम से हम आपको पटाखे से होने वाले प्रदूषण को बताने जा रहे हैं । चलिए अब हम पढ़ेंगे पटाखों से होने वाले प्रदूषण पर लिखित इस निबंध को । हमारे भारत देश में कई त्योहार मनाए जाते हैं । इन त्योहारों को मनाने के लिए हमारे भारत देश के लोग किसी तरह की कोई भी कमी नहीं रखते हैं ।
भारत देश में दिवाली का त्यौहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है । दिवाली पर सभी अपने घरों की सफाई करते हैं । मिठाईयां बनती हैं ,अच्छे-अच्छे पकवान बनते हैं , नए-नए कपड़े खरीदे जाते हैं। इसके साथ-साथ दिवाली पर पटाखे चलाने की भी प्रथा हमारे देश में है । अब हम जानेंगे कि पटाखों से हमारे शरीर एवं आसपास के वातावरण को कितना नुकसान पहुंचता है ।
पटाखे बनाने के लिए कई तरह का रासायनिक केमिकल का उपयोग किया जाता है । जब यह पटाखे हम चलाते हैं तब यह केमिकल हवा में घुल जाता है । जब हम सांस के द्वारा ऑक्सीजन लेते हैं तो यह केमिकल हमारे शरीर के अंदर चला जाता है और हमारे शरीर को तरह-तरह की बीमारी हो जाती है । दिवाली के समय पूरे भारत में जो पटाखे चलाए जाते हैं उन पटाखों से पूरे भारत में प्रदूषण फैल जाता है ।
इस प्रदूषण से काफी बीमारियां लोगों को हो जाती । यदि हमें प्रदूषण दूर भगाना है तो हमें कोशिश करना चाहिए कि हम पटाखे ना चलाए । पटाखों से हमें किसी तरह का कोई भी लाभ नहीं होता है । जब रंग बिरंगे पटाखे आसमान में जाकर तरह-तरह की रोशनी देते हैं तब उनमें से तरह-तरह के केमिकल बाहर निकल कर हवा में मिल जाते हैं ।
जब हम ऑक्सीजन ग्रहण करते हैं तब हमें घुटन सी महसूस होती है, पटाखे चलाते समय कई लोग जल भी जाते हैं । कई लोगों के हाथ पैर जल जाते हैं । दिवाली का त्यौहार हम पटाखे ना चलाकर दिआ जलाकर मनाएं तो हमारे आस पास में प्रदूषण नहीं फेलेगा ।
आज हमारे आस पास काफी प्रदूषण फैल चुका है । आज हवा के साथ साथ जल भी दूषित हो गया है । जिससे हमें कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ा है । विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारत में दिवाली के समय जो पटाखे चलाए जाते हैं उनसे काफी मात्रा में प्रदूषण भारत में फेलता है ।
भारत सरकार की सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली पर पटाखे चलाने पर रोक लगा दी थी । पटाखों के द्वारा आसपास का वातावरण दूषित हो जाता है । हमें सांस लेने में दिक्कत आती है । आज हम सभी को यह सोचने की आवश्यकता है दिवाली का त्योहार हम अपने परिवार में खुशी ,सुख शांति के लिए मनाते हैं लेकिन हम पटाखे चलाकर आसपास का वातावरण दूषित कर देते हैं जिससे कई तरह की बीमारी हमारे परिवार को लग जाती हैं । हमें दिवाली दीप जलाकर ,नए नए पकवान बनाकर ,नए नए कपड़े पहन कर मनानी चाहिए । पटाखे चलाने से ध्वनि प्रदूषण ,वायु प्रदूषण आदि फेलता है जिसके कारण हमारे शरीर को कई तरह की बीमारी लग जाती हैं ।
जब बीमारी हमारे शरीर को लगती हैं तब इलाज करवाने में हमारे बहुत पैसे खर्च हो जाते हैं । यदि हमें फिजूल के खर्चे से बचना है तो हमें आसपास के लोगों को जागरूक करना चाहिए कि हमे पटाखे चलाने से बचना चाहिए । इस आर्टिकल के द्वारा मैं सभी लोगों से कहना चाहता हूं कि दिवाली का त्यौहार हम सभी के लिए खुशियां लेकर आता है ।
हमें इस त्यौहार को बड़े धूमधाम से मनाना चाहिए और हमें यह प्रण लेना चाहिए कि हम पटाखे नहीं चलाएंगे । हमें प्रदूषण को रोकना है क्योंकि प्रदूषण के कारण ही हमें कई तरह की बीमारियां हो जाती हैं । दिवाली के समय पटाखे के धुए से हमारे शरीर की त्वचा को काफी नुकसान पहुंचता है जिससे हमारी त्वचा खराब हो जाती है और इलाज कराने में काफी खर्चा आता है ।
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