कुपोषण पर निबंध kuposhan essay in hindi
kuposhan essay in hindi
कुपोषण हमारे देश की सबसे बड़ी समस्या हैं जिसके कारण हमारे देश के बच्चे कमजोर और अस्वस्थ होते हैं । कई बच्चों को कुपोषण के कारण परेशान रहना पड़ता है । कुपोषण एक ऐसी बीमारी है जिसके कारण उनके हाथ दुबले पतले रहते हैं और उनके शरीर के अंदर मिनरल्स, प्रोटींस, विटामिंस की कमी हो जाती है । उनके शरीर का विकास पूरी तरह से रुक जाता है । जब पूरे विश्व में इसका सर्वे कराया गया तो 2017 के आंकड़ों में यह पाया गया कि 11% लोग कुपोषण के शिकार हैं ।
कुपोषण का सबसे बड़ा कारण है पौष्टिक आहार की कमी होना । जब किसी का शरीर कमजोर होता है तो वह बीमारियों से पूरी तरह से घिर जाता है । उसके शरीर में कई तरह के विटामिंस की कमी , प्रोटींस की कमी, आयोडीन ,फास्फोरस, कैलशियम ,लोहा, कार्बोहाइड्रेट तत्वों की कमी हो जाती है । जो बच्चा कुपोषण का शिकार हो जाता है उसका शरीर पतला दुबला दिखाई देता है और वह मानसिक तरह से भी पीड़ित रहता है । उस बच्चे की सोचने समझने की क्षमता कम होती है , वह बच्चा हमेशा चिड़चिड़ा सा व्यवहार करने लगता है । उसके हाथ पैरों में दर्द होता है उसके शरीर में खून की कमी और आयरन की कमी भी पाई जाती है ।
कुपोषण का सबसे बड़ा कारण है भोजन की कमी, पोस्टिक आहार की कमी । जिस बच्चे को बचपन में पोस्टिक आहार मिनरल्स , प्रोटींस ,विटामिंस मिलना चाहिए वह उसको नहीं मिल पाता है जिसके कारण वह कुपोषण का शिकार हो जाता है । कुपोषण का एक और कारण ये भी है की कम उम्र मैं विवाह का होना । जब किसी लड़की की शादी कम उम्र में कर दी जाती है तो उस लड़की का शरीर कमजोर हो जाता है और वह संतान पैदा करने की स्थिति में नहीं होती है । जब वह लड़की कमजोर होती है तो उसका बच्चा भी कमजोर पैदा होता है क्योंकि मां के द्वारा ही बच्चे को पोषक तत्व मिलते हैं । जब वह मां अपने बच्चे को दूध पिलाती है तो दूध के माध्यम से उस बच्चे के शरीर के अंदर पोषक तत्व जाते हैं वह पोषक तत्व उसको बीमारियों से लड़ने की शक्ति देते है । इसलिए हमें यदि कुपोषण को खत्म करना है तो लड़की का विवाह सही उम्र में ही करना चाहिए ।
कुपोषण को खत्म करने के लिए हमें कोशिश करना चाहिए कि लड़की का विवाह सही उम्र में किया जाए और बच्चे को पोषक आहार और आयरन की गोलियां खिलाई जाए एवं जब बच्चा जन्म ले तो वहां के आसपास का वातावरण शुद्ध होना चाहिए तब जाकर हम सभी कुपोषण को जड़ से खत्म कर पाएंगे ।
कुपोषण को खत्म करने के लिए सरकार के द्वारा कई कार्यक्रम चलाए जाते हैं । आंगनवाड़ियों के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को यह बताया जाता है कि बच्चे की देख रेख किस तरह से की जाए । आंगनबाड़ियों के माध्यम से बच्चों को आयरन की गोली और कुपोषण को खत्म करने के लिए कई तरह के इंजेक्शन लगाए जाते हैं जिससे कि वह बच्चा कुपोषण का शिकार ना हो । जब कोई महिला अपने बच्चे को दूध पिलाती है तो उसे कई तरह की सावधानियां बरतनी चाहिए क्योंकि उसके दूध के माध्यम से बच्चे को कई तरह के पोषक तत्व मिलते हैं । स्तनपान कराने के दिनों में बच्चे की मां को कई तरह के फल फ्रूट खाना चाहिए जिससे बच्चे को भी पोषक तत्व मिल सके ।
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