नारी तुम केवल श्रद्धा हो कविता hindi poem nari tum kewal shraddha ho

hindi poem nari tum kewal shraddha ho

दोस्तों कैसे हैं आप सभी, दोस्तों नारी तुम केवल श्रद्धा हो कविता जयशंकर प्रसाद जी द्वारा लिखी गई है जयशंकर प्रसाद जी एक कवि थे इनका जन्म 30 जनवरी 1890 में वाराणसी में हुआ था उन्होंने अपने जीवन में कई कविताएं, नाटक, उपन्यास, कहानी आदि लिखे वास्तव में हिंदी साहित्य में जयशंकर प्रसाद जी का उच्चतम स्थान है चलिए पढ़ते हैं जयशंकर प्रसाद जी की आज की लिखी इस कविता को

 

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नारी तुम केवल श्रद्धा हो

विश्वास रजत नग पगतल में

पीयूष स्रोत सी बहा करो

जीवन के सुंदर समतल में

देवों की विजय, दानवों की

हारों का होता है युद्ध रहा

संघर्ष सदा उर अंतर में जीवित

रह नित्य विरुद्ध रहा

आंसू से भीगे अंचल पर

मन का सब कुछ रखना होगा

तुमको अपनी स्मित रेखा से

यह संधिपत्र लिखना होगा

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