मकर संक्रांति पर कविता Makar sankranti poem in hindi
Makar sankranti poem in hindi
poem on uttarayan in hindi-दोस्तों मकर संक्रांति का त्योहार हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता है यह कभी-कभी 1 दिन पहले या बाद में भी मनाया जाता है क्योंकि कभी कभी पृथ्वी की गति के कारण इसमें यह बदलाव आता है। मकर सक्रांति को उत्तरायण और लोहड़ी भी कहते हैं यह हिंदुओं का एक विशेष पर्व है इस दिन बच्चे, बूढ़े और नौजवान सभी सुबह जल्दी नहाते हैं और फिर ईश्वर को भोग कराते हैं और फिर सभी अपने परिवार जनों और रिश्तेदारों और आस पड़ोस के लोगों के साथ मिलकर लड्डू खाते हैं।
बच्चे अपने दोस्तों के साथ गांव, शहर में पतंग उड़ाते हुए भी दिखते हैं वह गांव शहर में रथो को घुमाते हुए भी दिखते हैं वास्तव में मकर सक्रांति हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहारों में से ही है आज हम आपके लिए लाए हैं मकर सक्रांति यानी उत्तरायण पर लिखित एक कविता तो चलिए पढ़ते हैं हमारी आज की कविता को
आया है मकर सक्रांति का त्यौहार
यह है खुशियों का त्योहार
सुबह जल्दी नहाने चलो
खुशियों में झूमते गाते चलो
बच्चों के संग लड्डू खाते चलो
पतंग उड़ाते चलो
पड़ोस में लड्डू बांटते चलो
आया मकर सक्रांति का त्योहार
सूर्य उत्तरायण में आया
रातें छोटी हुयी दिन लंबे हुए
आया है मकर सक्रांति का त्यौहार
यह है खुशियों का त्योहार
- मकर संक्रांति पर विचार Makar sankranti quotes in hindi
- मकर संक्रांति पर निबंध Makar sankranti essay in hindi
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