हरिवंश राय बच्चन की कविता “harivansh rai bachchan poem koshish karne walon ki”

दोस्तों हरिवंश राय जी का जन्म 27 नवंबर 19007 को हुआ था,वह एक ऐसे कवि हैं जिन्होंने अपनी कविताओं के वजह से चारों ओर ख्याति पाई हुई है,

वोह एक सुपरस्टार अमिताभ बच्चन जी के पिता है जिन्होंने बॉलीवुड में चारो ओर अपना जलवा फेलाया हुआ है,बैसे तोह उनकी हर एक कविता वह्तरीन है लेकिन आज हम उनकी एक बहुत ही प्रसिद्ध कविता आप सभी के साथ शेयर करने वाले हैं जो आपको जिन्दगी में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी तो चलिए पड़ते हैं उनकी इस बेहतरीन कविता को

लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती

कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती

चींटी जब दाना लेकर चलती है चढ़ती दीवारों पर सौ बार फिसलती है

मन का विश्वास रगों में साहस भरता है

चढ़कर गिरना गिरकर चढ़ना न अखरता है

आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती

कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती

डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है

जा जा कर खाली हाथ लौट कर आता है

मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में

बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में

मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती

कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती

असफलता एक चुनौती है इसे स्वीकार करो

क्या कमी रह गई देखो और सुधार करो

जब तक ना सफल हो नींद चैन को त्यागो

तुम संघर्ष का मैदान छोड़कर मत भागो तुम

कुछ किए बिना ही जय जयकार नहीं होती

कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती

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