सेब की आत्मकथा Autobiography of an apple in hindi
सेब की आत्मकथा
मैं सेवफल हु। लोग मुझे काफी पोस्टिक फल समझते हैं क्योंकि मैं पोस्टिक फल ही हूं। लोगों के लिए मैं काफी महत्वपूर्ण हूं। में स्वादिष्ट फल भी हूं। जब मैं बाजार में आता हूं तो काफी खरीददार बाजार में मुझे खरीदने वाले देखे जाते हैं। डॉक्टर भी मुझ जैसे फल को खाने की सलाह मरीज को जरूर देते हैं।
जब कोई मरीज मेरी वजह से तंदुरुस्त हो जाता है तो मुझे काफी खुशी होती है। मैं हमेशा दूसरों को लाभ पहुंचाने के बारे में ही सोचता हूं। मेरे स्वाद को चखने बालों में बच्चे, बूढ़े, नौजवान, लड़कियां, महिलाएं सभी होते हैं। में सभी लोगों के चेहरे पर मुस्कान ला देता हूं इसलिए मुझे काफी खुशी होती है।
बहुत सारे गरीब एवं मिडिल क्लास के लोगों का मेरी वजह से बिजनेस चलता है और वह पैसा कमाते हैं। मैं कई दिनों तक स्वस्थ रह सकता हूं। कभी-कभी मैं बाजारों में काफी ऊंचे दामों में बेचा जाता हूं क्योंकि मेरी उपलब्धता सीमित होती है लेकिन कभी-कभी जब मैं सस्ता हो जाता हूं तो बहुत सारे लोग मेरे दामों को देखकर काफी खुश हो जाते हैं और बहुत सारे सेवफल घर पर ले जाते हुए मैं देखता हूं।
मैं जिस पेड़ पर लगता हूं उस पेड़ को मै धन्यवाद देता हूं क्योंकि उस पेड़ की वजह से हम जैसे कई सेवफलों का जन्म होता है। मैं हमेशा दूसरों के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं। जब भी मैं बाजार में बेचा जाता हूं तो मुझे बेचने वाले लोग कुछ पैसा लेते हैं लेकिन इसके बदले में मुझे कुछ भी नहीं चाहिए होता है। मैं मुफ्त में ही दूसरों के लिए स्वस्थ रहने के लिए हमेशा तैयार रहता हूं। वास्तव में मेरा जीवन यही है। यही है मेरे जीवन की आत्मकथा।
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