वरिष्ठ नागरिकों पर निबंध Senior Citizen Essay in Hindi
Senior Citizen Essay in Hindi
दोस्तों कैसे हैं आप सभी, दोस्तों आज का हमारा निबंध वरिष्ठ नागरिक पर लिखा गया निबंध हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा क्योंकि हम सभी जानते हैं कि हमारे समाज के वरिष्ठ नागरिक हमारे अपने हैं,हमारे सब कुछ है इनके प्रति जागरूक होना, इनका सम्मान करना, इनकी देखरेख करना हमारा कर्तव्य है तो चलिए पढ़ते हैं वरिष्ठ नागरिक पर लिखे हमारे आज के निबंध को जमाना बदल रहा है इस बदलते आधुनिक जमाने में सब कुछ बदल रहा है इंसान, इंसान की सोच सब कुछ तेजी से बदलता हुआ नजर आ रहा है इस बदलते आधुनिक जमाने में बुजुर्गों के प्रति भी लोगों की सोच बदलती नजर आ रही है
पहले के जमाने में जहां अपने बुजुर्ग लोगों को ही सब कुछ समझा जाता था उनका आदर किया जाता था,किसी भी विषय पर उनसे सलाह ली जाती थी, उनको समय दिया जाता था जिससे उन्हें अकेलापन महसूस ना हो और वह अपना बुढ़ापा सही तरह से यापन कर सकें। बुढ़ापे में बुजुर्गों को सबसे ज्यादा जरूरत होती है अपने बच्चों के प्रेम की लेकिन बदलते इस आधुनिक जमाने में सब कुछ बदल रहा है आजकल के ज्यादातर लोग बुजुर्गों को एक तरह से बोझ समझने लगे हैं।
कुछ आंकड़ों के अनुसार आज 5 में से एक बुजुर्ग व्यक्ति असहाय है अकेला है, उसकी मदद करने के लिए उनके परिवार वाले भी आगे नहीं आते वह अपनी जिंदगी यूं ही गुजार रहा है। बुजुर्गों की यह दयनीय स्थिति हमारे इस आधुनिक सोच का ही नतीजा है। हम अपने आपको धार्मिक बताते हैं,संस्कारी बताते हैं लेकिन अगर कोई व्यक्ति अपने बुजुर्ग माता-पिता का ख्याल ना रखें, उनका सम्मान ना करें तो यह कैसी संस्कृति, ये कैसे संस्कार? आजकल के बदलते जमाने में लोग बदल रहे हैं उनकी सोच बदल रही है आजकल के लोग धन कमाने में ही अपना समय सबसे ज्यादा व्यर्थ करते हैं वह थोड़ा सा भी समय अपने बुजुर्ग लोगों के साथ बैठकर बातचीत नहीं करते, उनकी सेवा नहीं करते।
इस जमाने में हमारे देश की संस्कृति बदलती जा रही है बुजुर्गों को अपमानित किया जाता है उनके साथ दुर्व्यवहार किया जाता है, उनसे कड़वे शब्द कहे जाते हैं, उन्हें परिवार से अलग भी कर दिया जाता है अब बुजुर्ग व्यक्ति जो शारीरिक रूप से अक्षम होता है जिस को कई तरह की बीमारियां घेर लेती हैं जिसके पास पैसे की कमी होती है उसको अगर उसके बच्चे घर से बाहर निकालने हैं तो वह बुजुर्ग क्या करेगा इस तरह की स्थिति हमारे समाज में आज देखने को मिलती है।
दरअसल हमारे इस आधुनिक युग में भले ही भौतिक सुख सुविधाएं बड़ी हैं लेकिन लोग अपने संस्कारों से पीछे होते जा रहे हैं, अपने जीवन में बड़ा करने के लिए वह जीवन में और पीछे आते जा रहे हैं क्योंकि वह भारतीय संस्कृति को नही अपनाते। बुजुर्गों को उनके अधिकारों के प्रति जागरुक करने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा 21 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय बुजुर्ग दिवस मनाने की घोषणा की गई थी उसी समय से हर साल यह दिवस मनाया जाता है।
वरिष्ठ नागरिकों की समस्या varisht nagriko ki samasya
वरिष्ठ नागरिकों को कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ता है इन समस्याओं को हम निम्नलिखित बिंदुओं में जानेंगे वरिष्ठ नागरिकों को आर्थिक समस्या से सबसे ज्यादा जूझना पड़ता है क्योंकि बुजुर्ग व्यक्ति जिसकी उम्र 60 या 70 साल से अधिक हो तो जाहिर सी बात है उसका रिटायरमेंट हो जाता है और बुजुर्ग व्यक्ति को कोई काम भी नहीं मिलता और तो और वह काम कर भी नहीं सकता
क्योंकि इस उम्र में काम नहीं किया जा सकता और यदि बुजुर्गों के बच्चे उन्हें आर्थिक रुप से मदद नहीं करते तो उन्हें आर्थिक समस्याओं का सामना करना करना पड़ता है उनकी जरूरती चीजें खरीदने के लिए, घर का सामान खरीदने के लिए, दो वक्त के खाने के लिए उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
बुजुर्गों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है जैसे-जैसे बुढ़ापा आता जाता है बुजुर्गों को कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्या होना शुरू हो जाती हैं जिनकी वजह से उनकी खुद से देखभाल सही से नहीं हो पाती। उनकी देखभाल के लिए घर का कोई परिवार का सदस्य हो तो उचित होता है अगर उन्हें कोई भी समस्या होती है तो उन्हें हॉस्पिटल ले जाने के लिए एक परिवार के सदस्य की जरूरत होती है लेकिन अगर कोई उनकी मदद नहीं करता तो वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य संबंधी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
अकेलेपन की समस्या भी बुजुर्गों कि एक समस्या है जिन बच्चों को माता पिता पालते पोस्ते हैं अगर वह बच्चे उन्हें छोड़ दें और बुजुर्गों को अकेले ही रहना पड़े तो यह अकेलापन उनके जीवन को बर्बाद कर डालता है। वह अकेले ही रहते रहते बोर हो जाते हैं और उन्हें इस अकेलेपन की वजह से और भी कई बीमारियां हो जाती है।इस उम्र में बुजुर्ग नागरिक जो अपने पोता-पोती के साथ समय बिताना चाहते हैं लेकिन अकेलेपन की समस्या की वजह से वह अपनी इच्छाओं को पूरा नहीं कर पाते और अपने जीवन में खुश नहीं रहते।
बुजुर्गों का सम्मान करे respect old age in hindi
हमें चाहिए कि हम अपने बुजुर्गों का सम्मान करें यही हमारी भारतीय संस्कृति में बताया जाता है कि हम अपने से बड़ों का सम्मान करें लेकिन बुजुर्ग तो हमारे माता पिता होते हैं जिन्होंने हमको पाला-पोसा, शिक्षा प्रदान करने के लिए स्कूल में दाखिला दिलवाया और हमे इतने काबिल बनाते हैं कि हम बड़े होकर अपने पैरों पर खड़े हो सके और जीवन में सफलता की ऊंचाइयों को छू सकें
लेकिन हम यदि इस जमाने में सिर्फ अपने बारे में सोचते हैं,पैसा कमाने के बारे में सोचते हैं सिर्फ अपने बीवी बच्चों के बारे में सोचते हैं और बुजुर्ग व्यक्तियों के बारे में बिल्कुल भी नहीं सोचते, उनका सम्मान नहीं करते तो हमारे जीवन का कोई मतलब नहीं होता क्योंकि बुजुर्ग व्यक्ति हमारे लिए सबसे बढ़कर होते हैं वह हमारे मार्गदर्शक होते हैं, हमारे सलाहकार होते हैं, हमारे परिवार के प्रमुख व्यक्ति होते हैं, हमारे लिए सब कुछ होते हैं।
कहते है कि माता-पिता भगवान का ही एक रूप होता है और यदि हम भगवान के अवतार को ना पूजे और सिर्फ मंदिरों में भगवान को पूजे तो भगवान भी हमसे खुश नहीं होंगे इसलिए हमें बुजुर्ग लोगों का सम्मान करना चाहिए, उनके साथ प्रेम पूर्वक व्यवहार करना चाहिए, कभी भी उन्हें अकेला नहीं छोड़ना चाहिए और अगर उनका स्वास्थ्य गड़बड़ हो तो हमें चाहिए कि हर तरह से हम उनकी मदद करें, उनकी सेवा करें यही हमारा कर्तव्य है।
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