रेल की आत्मकथा हिंदी निबंध Rail gadi ki atmakatha in hindi

Rail gadi ki atmakatha in hindi

दोस्तों कैसे हैं आप सभी, आज हम आपके लिए लाए हैं रेल की आत्मकथा पर हमारे द्वारा लिखित यह काल्पनिक निबंध, इसे जरूर पढ़ें. रेल आधुनिक युग का एक ऐसा वाहन होता है जिसके जरिए हम बड़ी ही तेजी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर जा सकते हैं यह कई देशों में काफी तेजी से चलता है चलिए पढ़ते हैं रेल की आत्मकथा पर लिखित इस काल्पनिक निबंध को.

Rail gadi ki atmakatha in hindi
Rail gadi ki atmakatha in hindi

मैं एक रेल हूं. मैं बिजली से चलने वाली रेल हूं मेरा काम लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाना है. आज से कुछ समय पहले मैं कोयला एवं भाप से चलती थी लेकिन अब मैं बिजली से चलने लगी हूं जिससे मेरी रफ्तार में भी अंतर देखने को मिला है. भारत में मैं लगभग 130 किलोमीटर की रफ्तार से चलती हू वहीं विदेशों में बुलेट ट्रेन जो कि मेरी सखी है लगभग 300 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है.

भारत देश में लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने के लिए सुविधाजनक जल्द से जल्द कई रेलो का निर्माण हो रहा है. मुझ रेल में सवारियों को बैठने के लिए पैसा भी कम देना पड़ता है जिससे मुझमें सवारी करने वाले लोग मेरी तारीफ करते हैं लेकिन कभी-कभी मैं देखती हूं कि यदि मैं किसी कारण बस लेट हो जाऊं तो लोग मेरी बुराई करने लगते हैं जो मुझे अच्छा नहीं लगता. मेरी सवारियों को समझना चाहिए कि कभी-कभी गलती सबसे हो जाती है.

मुझ रेल में कई विद्यार्थी भी बैठते हैं जो शनिवार को अपने मां बाप से मिलने के लिए जा रहे होते हैं मुझमें कई आर्मी ऑफिसर भी बैठकर मेरी शान बढ़ाते हैं कई ऐसे महान लोग भी मेरे द्वारा सवारी करते हैं तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता है. मुझमें जनरल डिब्बे होते हैं जिसमें कोई भी सवारी बैठ सकती है बस उसे एक टिकट लेना पड़ता है लेकिन यदि आप अपनी यात्रा को बहुत ही अच्छी बनाना चाहते हैं तो आप रेल में अपनी सीट को आरक्षित भी कर सकते हैं.

मुझमें सवारियों को कई तरह की सुविधाएं दी जाती हैं रेलवे स्टेशनों पर भोजन, पानी की उचित व्यवस्था होती है जिससे मुझमे यात्रा करने में सवारियों को किसी तरह की समस्या ना हो पाए. कभी-कभी मैं नाराज भी हो जाती हूं क्योंकि कुछ लोग बिना टिकट लिए भी मुझमें सवार होकर यात्रा करने लगते हैं. जो भी हो लेकिन मैं अपने कर्तव्य से विमुख नहीं होती मैं अपनी प्रत्येक सवारी को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाती जाती हूं मुझे यह सब करना अच्छा लगता है यह एक तरह की लोगों की सेवा ही है.

दुनिया में हर एक व्यक्ति को एक दूसरे की मदद करना चाहिए इसी तरह मैं भी लोगों की मदद करती हूं उनकी यात्रा में उनका सहयोग करती हूं. कई लोग मुझे धन्यवाद देते हैं. यात्रियों की सुविधाओं के लिए शहरों और गांवों में भी रेलवे स्टेशन बनाए गए हैं जिससे यात्रीगण मुझमें सवार हो सके और अपनी यात्रा कर सकें.

सरकार रेलवे की हर एक सुविधा यात्रियों को प्रदान करने की कोशिश करती है, गांव गांव में रेलवे स्टेशन बनवाकर यात्रियों की मदद करती है, बसों में हम देखते हैं कि टिकिट महंगा होता है वहीं यदि कोई मुझ रेल के द्वारा यात्रा करता है तो मेरा किराया बहुत ही कम होता है यात्री बहुत ही खुश हो जाते हैं. मैं हमेशा यही चाहूंगी कि मुझमें सवार करने वाले प्रत्येक यात्री को मैं अच्छी से अच्छी सुविधा प्रदान कर सकूं बस यही मेरी कामना है.

दोस्तों हमें बताएं कि यह काल्पनिक लेख रेल की आत्मकथा पर निबंध Rail gadi ki atmakatha in hindi आपको कैसा लगा, पसंद आए तो अपने दोस्तों में शेयर करना ना भूले.

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