मेरी प्रिय पुस्तक रामचरित्रमानस पर निबंध Meri priya pustak ramcharitmanas
Meri priya pustak ramcharitmanas
पुस्तकें हमारी सच्ची मित्र होती हैं पुस्तके हमें ज्ञान प्रदान करती हैं वास्तव में पुस्तक हमारे जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं पुस्तके ही हमको एक सच्चा इंसान बनाती हैं। अगर हम किसी भी मुसीबत में फंस जाते हैं तो पुस्तके हमें सही मार्ग दिखाती हैं हर तरह का ज्ञान हम पुस्तकों से प्राप्त कर सकते हैं।
दुनिया भर में कई सारी पुस्तकें हैं जिनसे हमें ज्ञान प्राप्त होता है हम ज्ञान प्राप्त करके एक महान इंसान बन सकते हैं, जीवन को सही तरह से जी सकते हैं इन पुस्तकों में से एक है रामचरितमानस वास्तव में रामचरितमानस एक ऐसी पुस्तक है जो हमें ज्ञान प्रदान करती हैं, हमारा मार्गदर्शन करती है।
रामचरितमानस के बारे में
रामचरितमानस की रचना तुलसीदास जी ने की. तुलसीदास जी एक महाकवि हैं उन्होंने रामचरितमानस की रचना लगभग 1631 में की शुरुआत में इन्होंने इस ग्रंथ की रचना अवधी भाषा में की थी लेकिन उसके बाद आज यह ग्रंथ कई भाषाओं में उपलब्ध है क्योंकि यह एक ऐसा महाकाव्य है जिनसे हर कोई ज्ञान प्राप्त करके अपने जीवन को बदल सकता है। श्रीरामचरितमानस में हमें श्री रामचंद्र जी के बारे में विस्तृत जानकारी मिलती है। तुलसीदास जी ने यह श्रीरामचरितमानस के ग्रंथ में भगवान श्री राम के चरित्र को सात कांडों में प्रस्तुत किया है।
श्रीरामचरितमानस का महत्व
हम सभी के जीवन में श्री रामचरित मानस का विशेष रूप से महत्व है दरअसल रामचरितमानस में तुलसीदास जी ने बहुत ही अच्छी तरह से श्री रामचंद्र जी के जीवन के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी है। हमें इस ग्रंथ के जरिए श्री रामचंद्र जी के जीवन के हर एक पहलू के बारे में जानकारी प्राप्त होती हैं इस ग्रंथ को पढ़कर हम अपने जीवन को बदल सकते हैं। श्री रामचंद्र जी ने जिस तरह से अपने पुत्र का कर्तव्य निभाया उन्होंने जिस तरह से एक मित्र का, एक राजा का, एक पति का कर्तव्य निभाया वास्तव में वह प्रशंसनीय है.
आजकल के जमाने में जहां मानव अपने स्वार्थ के लिए ही सब कुछ करता है वही श्री रामचंद्र जी ने दूसरों के हित के लिए अपना जीवन जिया उन्होंने पापियों का संहार किया और एक राजा के कर्तव्य को निभाते हुए प्रजा के प्रति अपने हर एक कर्तव्य को निभाया। इस तरह से हम देखें तो श्रीरामचरितमानस हम सभी को एक ज्ञान देती है वास्तव में इसका हमारे जीवन में विशेष रूप से महत्व है।
श्रीरामचरितमानस पढ़ने से प्रभाव
श्री रामचरितमानस पढ़ने से वास्तव में हमारे समाज पर, हमारे परिवार पर, हर किसी पर काफी प्रभाव पड़ता है। श्री राम चरित मानस को पढ़ने से आत्मा की शुद्धि होती हैं, हम श्री रामचंद्र जी की तरह सत्य के मार्ग पर चलना सीखते हैं जिससे हम और हमारे परिवार वाले और हमारा समाज प्रभावित होता है। आजकल हम देखे तो बहुत से बच्चे ऐसे भी होते हैं जो अपने मां बाप का सम्मान नहीं करते, उनकी बात नहीं मानते वहीं इस श्रीरामचरितमानस के ग्रंथ में श्री रामचंद्र जी के बारे में जब हम पढ़ते हैं तो वास्तव में हमें पता चलता है कि हमें अपने माता पिता से किस तरह से व्यवहार करना चाहिए इससे हमारे बच्चों पर, हम पर वास्तव में काफी प्रभाव पड़ता है।
बहुत से पति पत्नी ऐसे भी होते हैं जो कठिन परिस्थितियों में एक-दूसरे का साथ नहीं देते लेकिन श्रीरामचरितमानस में सीता मैया जी के चरित्र के बारे में जानकर वास्तव में समाज पर काफी प्रभाव पड़ता है। श्री रामचंद्र जी जिस तरह से सत्य के मार्ग पर, धर्म के पथ पर चले वास्तव में हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है हम इससे काफी प्रभावित भी होते हैं हमारा समाज, हमारा परिवार भी सत्य और धर्म के मार्ग पर चलता है। श्रीरामचरितमानस वास्तव में हर किसी का पसंदीदा ग्रंथ होना चाहिए क्योंकि अगर इस ग्रंथ को हर घर-घर में पढ़ा जाए तो समाज काफी प्रभावित होगा, समाज में कई तरह के बदलाव भी देखने को मिलेंगे।
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