मानव सेवा ही सच्चा धर्म है Manav seva hi sacha dharm hai
मानव सेवा ही सच्चा धर्म है
दोस्तों आज के हमारे इस आर्टिकल में हम पढ़ेंगे मानव सेवा ही सच्चा धर्म है इस पर हमारे द्वारा लिखित यह आर्टिकल तो चलिए पढ़ते हैं और समझते हैं कि मानव का सबसे बड़ा धर्म मानव सेवा ही है
प्रस्तावना– मानव इस दुनिया में अपने जीवन यापन के साथ सोचता है कि आखिर मेरा सच्चा धर्म क्या है। कई लोग सच्चे धर्म को समझकर कई तरह के कार्य करते हैं और समझते हैं कि यह मेरा सच्चा धर्म है यह वह भी हो सकता है।
सच बात तो यह है कि जो भी मनुष्य दिल से अपने धर्म को सच्चा धर्म मानता है वह उसका सच्चा धर्म बन जाता है लेकिन कई बार मनुष्य अपने परिवार वालों या अपनों की जिम्मेदारी निभाने के बजाए अपने सच्चे धर्म को और कई तरह की बातों को समझते हैं यह सही नहीं है।
हम किसी भी धर्म को माने, किसी भी जाति से हो, कोई सी भी हमारी भाषा हो उससे मतलब नहीं है वास्तव में हम जिस धर्म से भी हो हमारा सच्चा धर्म होता है मानव सेवा।
मानव सेवा सच्चा धर्म क्यों है
हम सभी को इस बात को समझना चाहिए कि ईश्वर ने हम सभी मानव को पृथ्वी पर भेजा है। हम ईश्वर की रचना हैं। हमारा सबसे बड़ा कर्तव्य, सबसे बड़ा धर्म मानव सेवा ही है।
हमें चाहिए कि हम अपने परिवार वालों के प्रति अपने कर्तव्य को निभाए। अपने माता पिता के प्रति भी अपने सच्चे धर्म को निभाएं, समाज के प्रति जो हमारा धर्म है वह भी हम सभी को पूरी ईमानदारी के साथ निभाना चाहिए।
मानव सेवा वास्तव में सच्चा धर्म है। मानव सेवा करके हम बहुत पुण्य कमा सकते हैं। जब हम औरों की सेवा करते हैं तो दूसरे हमको आशीर्वाद देते हैं हम जीवन में उनके आशीर्वाद को साथ में लेकर बड़ी से बड़ी कठिनाइयों का सामना कर पाते हैं। वास्तव में मानव सेवा ही सच्चा धर्म है।
उपसंहार– हम सभी को मानस सेवा का महत्व समझना चाहिए और मानव सेवा को अपने जीवन का सच्चा धर्म समझना चाहिए क्योंकि मानव सेवा करने से हमें पुण्य की प्राप्ति होती है, हमें लाभ भी प्राप्त होता है। मानव सेवा हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण कार्य है।
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