भ्रष्टाचार पर हास्य कविता Hasya kavita hindi corruption

Hasya kavita hindi corruption

bhrashtachar par hasya kavita in hindi-दोस्तों जैसे कि हम सभी जानते हैं कि भ्रष्टाचार आज चारों ओर फैला हुआ है हमारे देश का विकास तभी हो सकेगा जब हम भ्रष्टाचार को रोकने का प्रयास करेंगे. भ्रष्टाचार तभी खत्म हो सकता है जब हर एक इंसान इसको खत्म करने के लिए दिल से निर्णय लें आज हम आप सभी के लिए भ्रस्टाचार पर एक हास्य कविता प्रस्तुत करने वाले हैं.आप इस कविता को जरुर पढ़े और आज के दोर के भ्रष्टाचार के बारे में हमारी इस हास्य कविता के जरिये जानिए.ये कविता आपको जरूर ही पसंद आएगी तो चलिए पढ़ते हैं आज की हमारी इस स्वरचित कविता को

Hasya kavita hindi corruption
Hasya kavita hindi corruption

भ्रष्टाचार ने देश को बर्बाद कर डाला
देश के लोगों को कंगाल कर डाला
कहता है भ्रष्टाचारी क्या जुर्म कर डाला
पत्नी के गले का वजन बढ़ा डाला

पैसा भरा हुआ हो अलमारी में ठूस ठूस कर भारी
फिर भी गरीब को लूटने की आदत है बड़ी नियारी
बीवी कहती है फ्री में काम मत करो
गरीब को लूट लूट के कंगाल तुम करो

बेटा कहेगा पापा पैसा कहां से आया
क्या कहोगे इस देश को लूट लूट कर खाया
आ गया है मोदी अब पीछे फिरोगे तुम
आंखों में आंसू लेते फिरोगे तुम
खोलोगे जब अलमारी तो पैसा नहीं घंटा दिखेगा
तुम्हें तुम्हारी किस्मत का डंडा दिखेगा

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