भगत सिंह मस्ताना था कविता bhagat singh mastana tha poem
bhagat singh mastana tha poem
दोस्तों कैसे हैं आप सभी, शहीद भगत सिंह का जन्म सन 1907 में पंजाब में हुआ था इनका पूरा परिवार स्वतंत्रता संग्राम में शामिल था।

भगत सिंह एक ऐसे देश प्रेमी थे जिन्होंने बचपन से ही अपने देश को आजाद कराने का प्रण लिया था जब उन्होंने जलियांवाला बाग हत्याकांड के बारे में सुना तो उन्हें काफी दुख था और मन में आक्रोश भी था वह अंग्रेजों को देश से भगाकर भारत देश को आजाद होते हुए देखना चाहते थे वह देश प्रेमी थे इन पर लिखी गई एक कविता आज हम आपके लिए लाए हैं आप इसे जरूर पढ़ें तो चलिए पढ़ते हैं भगत सिंह पर लिखी इस कविता को
फांसी का झूला झूल गया मर्दाना भगत सिंह
दुनिया को सबक दे गया मस्ताना भगत सिंह
फांसी का झूला……
राजगुरु से शिक्षा लो दुनिया के नवयुवकों
सुखदेव को पूछो कहां मस्ताना भगत सिंह
फांसी का झूला……
रोशन कहां, अशफाक और लहरी, कहां बिस्मिल आजाद से था सच्चा दोस्ताना भगत सिंह
फांसी का झूला…..
स्वागत को वहां देवगण में इंद्र के होंगे
परियां भी गाती होंगी यह तराना भगत सिंह
फांसी का झूला……
दुनिया को हर एक चीज को हम भूल क्यों ना जाएं भूले ना मगर दिल से मुस्कुराना भगत सिंह
फांसी का झूला…….
भारत के पत्ते पत्ते में सोने से लिखेगा
राजगुरु, सुखदेव और मस्ताना भगत सिंह
फांसी का झूला…..
ऐ हिन्दियो सुन लो जरा हिम्मत करो दिल में
बनना पड़ेगा सबको अब दीवाना भगत सिंह
फांसी का झूला……
- भगत सिंह पर निबंध Essay On Bhagat Singh In Hindi
- शहीद भगत सिंह के अनमोल वचन bhagat singh quotes in hindi
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