बाल दिवस पर भाषण Children’s day speech in hindi
Children’s day speech in hindi
Children’s day – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बाल दिवस पर भाषण सुनाने जा रहे हैं । चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और इस आर्टिकल को पढ़कर बाल दिवस पर किस तरह से भाषण दिया जाता है इसके बारे में जानते हैं ।
Children’s day speech in hindi for teachers – नमस्कार दोस्तों, मैं यहां पर उपस्थित सभी शिक्षक गण , माननीय प्रिंसिपल साहब और सभी विद्यार्थियों का स्वागत बंधन , अभिनंदन करता हूं । जैसा कि हम जानते हैं कि हमारे भारत देश में बाल दिवस बड़े धूमधाम से मनाया जाता है । बाल दिवस के शुभ अवसर पर हमारे देश के सभी स्कूलों , कॉलेजों में कई सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाते हैं । हमारे इस कार्यक्रम को मनाने का सिर्फ एक ही उद्देश्य है और वह उद्देश्य छोटे-छोटे बच्चों को बहुत सारा प्यार देना हैं ।
एक शिक्षक जब किसी बच्चे को शिक्षा देता है तब वह बच्चा अपने उज्जवल भविष्य की शुरुआत करता है क्योंकि बच्चे आने वाले समय में देश का भविष्य निर्धारित करते हैं । मैं जब छोटे छोटे बच्चों को देखता हूं तो मुझे बड़ा ही आनंद प्राप्त होता है । जिस तरह से मैंने शिक्षक बनने से पहले शिक्षा प्राप्त की है उसी तरह से इन छोटे छोटे बच्चों को भी शिक्षा देना मेरा अधिकार है । छोटे-छोटे बच्चों को उनके सभी अधिकार मिलना चाहिए । छोटे छोटे बच्चों को उनके सभी अधिकार उनके माता-पिता , अभिभावक और शिक्षक ही देते हैं ।
बाल दिवस मनाने का सिर्फ एक ही मकसद है कि बच्चों को सही शिक्षा , पालन पोषण मिले और सभी तरह की खुशियां उनको प्राप्त हो । जब मैं छोटा था तब मैं भी एक विद्यार्थी के रूप में बाल दिवस के शुभ अवसर पर स्कूल के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेता था और हमारे स्कूल के टीचर के माध्यम से मुझे बहुत प्रेम स्नेह प्राप्त होता था । बाल दिवस के शुभ अवसर पर स्कूलो में ही नहीं बल्कि कई संस्थाओं के माध्यम से छोटे-छोटे बच्चों को सुंदर सुंदर कपड़े देकर बाल दिवस मनाया जाता है ।
भारत देश के राजनीति से जुड़े हुए लोग अनाथालय में जाकर छोटे-छोटे बच्चों को पुरस्कार देकर सुंदर सुंदर कपड़े देकर बाल दिवस के शुभ अवसर पर बच्चों को सम्मान देते हैं । हमारे भारत देश की युवा पीढ़ी बहुत मजबूत है । इस युवा पीढ़ी को और भी मजबूत करने के लिए युवा पीढ़ी को सभी सुविधाएं देने के लिए भारत सरकार निरंतर प्रयास करती रहती है । मैं एक बार फिर मंच से सभी बालक बालिकाओं को बाल दिवस की शुभकामनाएं देता हूं ।
सभी बालक बालिकाओं को एक अच्छा जीवन मिले उनकी सभी मुश्किलें कामयाबी में बदल जाएं यह कामना करता हूं । जब मुझे यह प्रेम प्राप्त होता था तब मुझे बड़ा आनंद आता था और मैं निरंतर प्रतिवर्ष बाल दिवस के आने का इंतजार करता था । मैं ईश्वर से यही कामना करता हूं कि हमारे देश के सभी बच्चों को उनका हक मिले । देश के सभी छोटे-छोटे बच्चों को सही खाना , सही कपड़े और सही शिक्षा प्राप्त हो , इसी कामना के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देता हूं जय हिंद जय भारत ।
Bal diwas speech in hindi – नमस्कार दोस्तों मैं अरुण नामदेव यहां पर उपस्थित सभी शिक्षक गण , सभी विद्यार्थियों और सभी विद्यार्थियों के माता-पिता का स्वागत , बंधन , अभिनंदन करता हूं । मैं सबसे पहले बालक बालिकाओं के माता पिता का धन्यवाद करता हूं कि वह अपने कीमती समय में से कुछ समय निकालकर यहां पर उपस्थित हुए हैं । आज हम इस मंच के माध्यम से इस , कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों के हितों के बारे में बात करने जा रहे हैं । हमारे भारत देश में बाल दिवस बच्चों को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है ।
भारत में बाल दिवस भारत देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के जन्म दिवस के शुभ अवसर पर मनाया जाता है क्योंकि भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जी छोटे-छोटे बच्चों से बहुत प्रेम करते थे । जब भी वह किसी बच्चे को देखते थे तब उस बच्चे को अपनी गोद में लेकर प्रेम करते थे । कई बार जवाहरलाल नेहरू जी ने अपने भाषण में भी कहा है बच्चे देश के भविष्य होते हैं इनसे प्रेम करना , इनको सभी सुविधाएं देना , माता पिता और सभी अभिभावकों की जिम्मेदारी होती है ।
हमारे भारत देश में बालक बालिकाओं को इतना अधिक प्रेम मिले कि वह अपने जीवन को खुशियों से भर दे । इस कार्यक्रम में कई बच्चे स्टेज पर आकर डांस करेंगे । मैं यहां पर उपस्थित सभी लोगों से आग्रह करता हूं कि जब बच्चे स्टेज पर परफॉर्म करें तब हमें उन बच्चों का हौसला बढ़ाने के लिए तालियां बजाना है । आज इस प्रतियोगिता के माध्यम से हम यहां पर उपस्थित सभी छोटे-छोटे बच्चों को सम्मानित भी करेंगे । दोस्तों बाल दिवस के शुभ अवसर पर हमारे मुख्य अतिथि के रूप में जिले के विधायक जी और कलेक्टर साहब जी पधार रहे हैं । जो कुछ क्षणों में यहां पर उपस्थित होंगे ।
अब हम इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हैं और मैं सबसे पहले उन बच्चों को बुलाना चाहता हूं जिन्होंने सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लिया है वह स्टेज पर आकर डांस के माध्यम से अपनी प्रतिभा दिखाएंगे । दोस्तों आप सभी को इन बच्चों की परफॉर्म कैसी लगी । मैं इन सभी बच्चों से यह आग्रह करता हूं कि वह इसी तरह से सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेते रहे और अपने जीवन में खुशियों के रंग भरते हैं । दोस्तों इस कार्यक्रम के हमारे मुख्य अतिथि कलेक्टर साहब और विधायक साहब पधार चुके हैं । मैं उनसे आग्रह करता हूं कि वह अपनी जगह पर बैठे ।
मैं स्कूल के प्रिंसिपल से विनम्र निवेदन करता हूं कि वह विधायक साहब और कलेक्टर साहब का माला पहनाकर स्वागत करें । यह वह व्यस्त लोग हैं जिनको समय निकालना बहुत मुश्किल है परंतु बच्चों के सम्मान के लिए उन्होंने अपने कीमती समय में से कुछ समय निकालकर यहां पर उपस्थित होकर यह बता दिया है कि बच्चों के भविष्य से बढ़कर कुछ भी नहीं है । अब मैं जिले के कलेक्टर महोदय से निवेदन करता हूं कि वह स्टेज पर आएं और बाल दिवस पर बच्चों के भविष्य को लेकर दो शब्द कहें ।
नमस्कार दोस्तों मैं यहां पर उपस्थित सभी शिक्षक गणों को , सभी बालक बालिकाओं का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने मुझे यहां पर मुख्य अतिथि के रुप में बुलाया । मैं मंच पर उपस्थित विधायक साहब का भी धन्यवाद करता हूं कि वह मेरे साथ इस कार्यक्रम में उपस्थित हुए । शिक्षकगण और विद्यार्थी जैसा कि हम जानते हैं कि हमारे देश के छोटे-छोटे बच्चे ही आगे चलकर डॉक्टर , कलेक्टर , इंजीनियर बनकर देश की सेवा में अपना योगदान देते हैं ।
यहां पर बैठे सभी बालक बालिकाओं में से कुछ बच्चे देश के फौजी बनेंगे , तो कुछ बच्चे राजनीति के राजनेता बनकर हमारे देश का विकास करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे जिससे हमारा देश सफलता की ओर बढ़ेगा । हमारे देश के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जी भी बच्चों से बहुत प्रेम करते थे । बच्चों को हर तरह की सुविधा प्राप्त हो इसके लिए भी वह निरंतर प्रयास करते रहते थे । 14 नवंबर के दिन पूरे भारत में बाल दिवस मनाने की परंपरा है । जिस परंपरा को भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जी के जन्म दिवस पर मनाने का निर्णय लिया गया था ।
जब जवाहरलाल नेहरू जी का जन्मदिन आता था तब वह छोटे-छोट बालक एवं बालिकाओं को कपड़े देकर अपना जन्मदिन मनाते थे । मैं यहां पर उपस्थित सभी बालक बालिकाओं को बहुत सारा प्रेम देता हूं और यह आशा करता हूं कि वह निरंतर शिक्षा प्राप्त करके अपने कैरियर को आगे बढ़ाएंगे और आने वाले समय में देश के उज्जवल भविष्य का कारण बनेंगे । मैं यहां पर उपस्थित सभी शिक्षक एवं बालक बालिकाओं के माता-पिता से भी यह आग्रह करता हूं कि वह अपने बच्चों से बहुत प्यार करें और अपने बच्चों के भविष्य को बनाने के लिए जो भी सुविधा बच्चों को मिलनी चाहिए वह सुविधाएं अपने बच्चों को देंगे ।
बच्चों से प्रेम करना , बच्चों को खुशी देना माता पिता और शिक्षक का पहला कर्तव्य है । बच्चे प्रेम के भूखे होते हैं इसलिए माता-पिता गुरु और अभिभावक के द्वारा सभी छोटे बच्चों को प्रेम मिलना चाहिए । छोटे-छोटे बच्चों को बाल दिवस के शुभ अवसर पर सम्मानित करने के लिए यह कार्यक्रम पूरे भारत में मनाया हैं और सभी बच्चे बाल दिवस पर खुशियां मनाते हैं । जब मैं छोटा था तब मैं भी बाल दिवस के शुभ अवसर पर स्कूल जाया करता था और वहां पर सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेकर प्रतियोगिता जीतकर अपने जीवन में आनंद प्राप्त करता था ।
आज यहां पर बैठे सभी छोटे-छोटे बच्चे जब बड़े हो जाएंगे और देश के भविष्य की नींव बनेंगे तब हमारा हिंदुस्तान सफलता की ऊंचाई पर पहुंचेगा । मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि देश के सभी बालक बालिकाएं सफलता प्राप्त करें और अपने जीवन को खुशियों से भरे । इसी के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देता हूं जय हिंद जय भारत ।
अब मैं सभी लोगों से प्रार्थना करता हूं कि वह कलेक्टर साहब की सुंदर स्पीच के लिए तालियां बजाएं । मुझे तो बड़ा आनंद आ रहा है इस बाल दिवस के शुभ अवसर पर । इस कार्यक्रम को देखने के लिए मैं प्रतिवर्ष इंतजार करता हूं । इस कार्यक्रम मे मुझे बहुत खुशी प्राप्त होती है ।मैं बच्चों और उनके परिवार वालों से आग्रह करता हूं कि बच्चों को खुशी देने के लिए तालियां बजाएं । आज हम सभी शिक्षकगण और माता पिता को यह प्रण लेना चाहिए कि बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए हम उनके साथ हमेशा खड़े रहेंगे ।
जब भी बच्चों को हमारी जरूरत पड़ेगी हम अपने बच्चों को सफलता की ऊंचाई पर ले जाने के लिए मदद करेंगे । अब मैं मंच पर हमारे जिले के विधायक जी को बुलाना चाहता हूं कि वह मंच पर आएं और बच्चों के सम्मान में दो शब्द कहें ।
नमस्कार दोस्तों मैं यहां पर उपस्थित शिक्षक गण विद्यार्थी और उनके माता-पिता का स्वागत बंधन अभिनंदन करता हूं । मैं मंच पर आसीन कलेक्टर महोदय का भी दिल से धन्यवाद करता हूं कि वह इस कार्यक्रम में पधारे और बच्चों के सम्मान में दो शब्द कहें । जैसा कि हम सभी जानते हैं कि छोटे छोटे बच्चे देश के भविष्य होते हैं और छोटे-छोटे बच्चों के सम्मान के लिए ही पूरे भारत में बाल दिवस बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है । जब मेरे पास बाल दिवस के शुभ अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पधारने का प्रस्ताव आया तब मुझे बड़ी खुशी हुई थी क्योंकि मैं भी बच्चों से बहुत प्रेम करता हूं ।
बच्चों के सम्मान के लिए मुझे यहां बुलाया गया इसके लिए मैं स्कूल के ट्रस्टी और प्रिंसिपल साहब का तहे दिल से धन्यवाद करता हूं और सभी शिक्षक गणों से अनुरोध करता हूं कि वह सभी छोटे-छोटे बच्चों को अच्छी शिक्षा देकर उनका भविष्य उज्जवल करें । पूरे भारत में 14 नवंबर का दिन बड़ा गौरवशाली दिन होता है क्योंकि 14 नवंबर के दिन सभी स्कूलों , कॉलेजों में बाल दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है । भारत सरकार के द्वारा भी कई सांस्कृतिक कार्यक्रम बाल दिवस के शुभ अवसर पर किए जाते हैं ।
मैं जब भी किसी छोटे बच्चे को देखता हूं तब मेरे मन में छोटे बच्चे के प्रति प्रेम जागृत हो जाता है और मैं उसे अपनी गोद में उठा लेता हूं और उससे बहुत प्रेम करता हूं । इस कार्यक्रम में पधारने से पहले मैं हमारे जिले के अनाथालय भी गया था । जहां पर मैंने सभी अनाथ बच्चों को कपड़े देकर उनको बाल दिवस के शुभ अवसर पर सम्मान देने का काम किया था । जब मैं उन अनाथ बच्चों को कपड़े दे रहा था तब उनके चेहरे पर एक सुंदर मुस्कान आई थी । जब मैंने उनके चेहरे पर सुंदर मुस्कान देखी तब मुझे मेरे जीवन में एक आनंद प्राप्त हुआ था ।
मैं आनंद प्राप्त करने के बाद बहुत आनंदित हो रहा था । इसी तरह से हम सभी लोगों को बच्चों को बहुत प्रेम करना चाहिए , उनका सम्मान करना चाहिए । बच्चे देश के उज्जवल भविष्य होते हैं । उनकी नीव पक्की हो इसके लिए माता-पिता गुरुजन मेहनत करते हैं । जब वह बच्चा बड़ा होकर डॉक्टर , इंजीनियर , कलेक्टर बनता है तब माता-पिता और गुरु जन का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है । मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि हमारे देश के सभी छोटे छोटे बच्चों का भविष्य सफल हो और सभी निरंतर सफलता की ऊंचाई पर पहुंचे इसी बात के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देता हूं जय हिंद जय भारत ।
नमस्कार दोस्तों एक बार फिर मैं अरुण नामदेव आप सभी लोगों का स्वागत बंधन अभिनंदन करता हूं । आप सभी को विधायक साहब की स्पीच कैसी लगी तालियां बजाकर विधायक साहब का उत्साहवर्धन करें । अब हम इस कार्यक्रम को समाप्ति की ओर ले जाते हैं । मैं अरुण नामदेव ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि हमारे देश के छोटे-छोटे बच्चों का भविष्य उज्जवल हो और देश के सभी बच्चे सफलता की ऊंचाई पर पहुंचे । इसी के साथ हम इस कार्यक्रम को समाप्त करते हैं जय हिंद जय भारत ।
Short speech on children’s day in hindi – नमस्कार दोस्तों आज हम बाल दिवस के शुभ अवसर पर यहां पर उपस्थित हुए हैं । मैं यहां पर उपस्थित सभी लोगों का स्वागत बंधन अभिनंदन करता हूं और उन सभी माता-पिता और गुरुजनों से निवेदन करता हूं कि वह बाल दिवस के शुभ अवसर पर बच्चों से बहुत प्रेम करें । बाल दिवस के शुभ अवसर पर ही नहीं बल्कि बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए जिंदगी भर बच्चों से प्रेम करते रहें । हमारे भारत देश में बाल दिवस 14 नवंबर को भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के जन्म दिवस के शुभ अवसर पर मनाया जाता है ।
पूरे भारत में बाल दिवस बड़े धूमधाम से मनाया जाता है । छोटे-छोटे बच्चों को पुरस्कार दिए जाते हैं , उनका सम्मान किया जाता है । कई मां-बाप बाल दिवस मनाने के लिए अपने बच्चों को पिकनिक पर ले जाते हैं और उनसे बहुत प्रेम करते हैं । बाल दिवस पर जब माता-पिता अपने बच्चों को पिकनिक पर बनाने के लिए ले जाते हैं तब बच्चे अपने जीवन में खुशियां प्राप्त करते हैं । बाल दिवस पर सभी छोटे-छोटे बच्चों के माता-पिता , अभिभावक और शिक्षक को यह प्रण लेना चाहिए कि वह छोटे-छोटे सभी बच्चों को अच्छा खाना , स्वच्छ कपड़े दे , छोटे बच्चे को अच्छी शिक्षा प्राप्त हो इसका भी हमें प्रण लेना चाहिए ।
छोटे-छोटे बच्चों की सभी इच्छाएं पूरी हूं इसका भी हमें प्रण लेना चाहिए । हमारे इस कार्यक्रम में कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी किए जाएंगे । इस कार्यक्रम की प्रतियोगिता में कई लोगों ने भाग लिया हैं । कार्यक्रम के अंत में सभी छोटे-छोटे बच्चों को पुरस्कार भी दिए जाएंगे । अब मैं अपनी वाणी को विराम देता हूं और सभी छोटे-छोटे बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं जय हिंद जय भारत ।
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